नई दिल्ली: भ्रष्टाचार और पेंटिंग का कनेक्शन बड़ा गहरा दिखाई देता है. जहां कहीं भी भ्रष्टाचार की बात आती है. वहां पर पेंटिंग का जिक्र अचानक होने लगता है. ताजा मामला यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर का है. जिसने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा से 2 करोड़ में पेंटिंग खरीदी.
प्रियंका ने बेची घोटाले के आरोपी राणा कपूर को पेंटिंग
प्रियंका गांधी वाड्रा ने राणा कपूर को पेंटिंग क्या बेची. चारो तरफ हंगामा मच गया है. इसे लेकर तरह तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं. भाजपा नेता अमित मालवीय ने ट्विट करके कहा है कि 'भारत में होने वाली प्रत्येक वित्तीय गड़बड़ियों के तार गांधी परिवार से ही जुड़ते हैं. यह चाहे भगोड़े माल्या का मामला हो, जो सोनिया गांधी के टिकटों को अपग्रेड करवाते थे और मनमोहन सिंह तथा तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम तक पहुंच थी. राहुल गांधी ने डिफाल्टर नीरव मोदी की ज्वेलरी शाप का उद्घाटन किया था और राणा कपूर ने प्रियंका गांधी वाड्रा की पेंटिंग खरीदी है.'
Every financial crime in India has deep link with the Gandhis.
Mallya used to send flight upgrade tickets to Sonia Gandhi. Had access to MMS and PC. Is absconding.
Rahul inaugurated Nirav Modi’s bridal jewellery collection, he defaulted.
Rana bought Priyanka Vadra’s paintings... pic.twitter.com/qdN3hjnTWG— Amit Malviya (@amitmalviya) March 8, 2020
गांधी परिवार पर संबित पात्रा के आरोप
उधर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक फनी पेंटिंग का चित्र लगाकर गांधी परिवार को निशाने पर लिया है. यही वो पेंटिंग है ना? इस पेंटिंग में एक महिला टेबल के नीचे पैसे और फाइल की लेनदेन करती दिख रही है.
यही वो 2 करोड़ वाली पेंटिंग है ना?? pic.twitter.com/ChGqWSxLuC
— Sambit Patra (@sambitswaraj) March 8, 2020
हालांकि कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों को खारिज किया है. उसका कहना है कि पेंटिंग बेचने के पैसे चेक से दिए गए थे. जिसका आयकर ब्यौरा भी दिया गया है. कांग्रेस ने भाजपा पर उल्टा ये आरोप लगाया है कि आरोपी राणा कपूर ने भाजपा नेताओं के कार्यक्रम स्पांसर किए थे.
Under the Modi regime, Yes Bank had lost the luxury of under-reporting losses and inflating profits, unlike the Congress-led UPA era, when it had a dream run and went about flouting every rule in the rule book. Read this detailed piece by @Sanju_Verma_ ... https://t.co/lZhl9G7ShA
— Amit Malviya (@amitmalviya) March 9, 2020
ममता बनर्जी पर भी लगे थे आरोप
कुछ ऐसे ही आरोप ममता बनर्जी पर भी लगे थे. उन्होंने भी अपनी कई पेंटिंग करोड़ो रुपए में बेची थी. जिसे पश्चिम बंगाल के चिट फंड घोटाले के आरोपियों ने खरीदा था. ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने जो हलफनामा दायर किया था, उसके मुताबिक साल 2011-12 में ममता की पेंटिंग लगभग 4 करोड़ रुपए(3,93,90,000 रु.) में बिकी, वहीं साल 2012-13 में ममता बनर्जी की पेंटिंग लगभग ढाई करोड़(2,53,00,000) में बेची गई.
इस मामले में पिछले साल मार्च के महीने में सीपीआई-एम के सांसद मोहम्मद सलीम ने आरोप लगाया था कि सत्ता में आते ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अचानक प्रतिष्ठित चित्रकार बन गई. उनकी पेन्टिंग करोड़ो में बिकने लगी. सांसद सलीम का आरोप था कि पेंटिंग सिर्फ बहाना है. दरअसल यह सिंडिकेट राज और जबरन वसूली वालों को संरक्षण दिया जा रहा है.
ममता की कई पेंटिंग सीबीआई ने की है जब्त
खास बात ये है कि ममता बनर्जी की पेंटिंग सारधा और रोज वैली चिटफंड घोटालों के आरोपियों ने खरीदी थी. सीबीआई ने मुख्यमंत्री के करीबी रहे शिवाजी पांजा से ममता की 10 पेंटिंग्स भी जब्त की थी. शिवाजी ने पेंटिंग 50 लाख रुपये में खरीदी थी.
लेकिन तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया था कि पेंटिंग बेचने से मिले पैसों को मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा किया गया था. जिससे जनहित के कार्य हुए.
भ्रष्टाचार और पेंटिंग का क्या है कनेक्शन
यहां दो मामले हैं. जिसमें भ्रष्टाचार से कमाए हुए पैसों का इस्तेमाल पेटिंग खरीदने में किया गया. सारधा और रोजवैली चिटफंड तथा यस बैंक का घोटाला दोनों में एक ही बात कॉमन है कि इसमें प्रभावशाली राजनेताओं को पेंटिंग बेची गई. इसकी एक खास वजह है.
दरअसल पेंटिंग की कोई कीमत नहीं लगाई जा सकती. यह विक्रेता और खरीदार के बीच का मामला होता है. यदि कोई पेन्टिंग ग्राहक की कलात्मक अभिरुचि के मुताबिक होती है तो वह उसके लिए मोटी रकम खर्च कर सकता है. आम लोगों के लिए भले ही इस तरह की पेन्टिंग कितनी ही मामूली दिखाई दे.
लेकिन कला के पारखियों के लिए वो अनमोल हो सकती है. बस इसी तर्क का फायदा उठाते हुए भ्रष्टाचार के पैसों से पेंटिंग खरीदी जाती है. जिससे कि रसूखदारों तक पैसे पहुंचाए जा सकें और भ्रष्टाचार के काले कारनामों पर पर्दा डालने के लिए उनकी मौन सहमति हासिल की जा सके. इस तरह के मामलों की गंभीरता से जांच होनी जरुरी है.
यस बैंक के गिरते शेयर और माली हालत को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने गुरुवार को ही बैंक के कामकाज पर रोक लगी दी है. यस बैंक के 1000 ब्रांच और 1800 एटीएम है. पूरे देश भर में यस बैंक के 29 लाख ग्राहक हैं.
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