नई दिल्ली: Quaker Bowl of Growth: ओट्स सेगमेंट की नामी कंपनी क्वेकर (Quaker) ने कुपोषण से लड़ाई लड़ने के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है. इस पहल को 'बाउल ऑफ ग्रोथ' का नाम दिया गया है. इसको लेकर जागरूकता फैलाने के लिए क्वेकर ने एक लॉन्ग फॉर्म एड फिल्म बनाई गई है. इसका नाम 'दोहले जीवन पोषणची वाटी' रखा गया है. ये फिल्म न सिर्फ कुपोषण के मुद्दे को उठाती है, बल्कि दर्शकों को संस्कृति के तत्वों से भी जोड़ती है.
बाउल ऑफ ग्रोथ क्या है?
बाउल ऑफ ग्रोथ नामक पहल के तीन मुख्य आधार हैं. पहला, 3 से 5 साल के बच्चों को पोषण देना. दूसरा, माता-पिता/देखभाल करने वालों को शिक्षित करना. तीसरा, कम्युनिटी में जागरूकता फैलाना. इस पहल को पुणे और महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों के ब्लॉकों में शुरू किया गया था, इन्हें पहले ही चिह्नित कर लिया था. इस पहल के तहत कुपोषित बच्चों को 'पंजीरी' दी जाती है. ये पंजीरी पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करती है. इसे क्वेकर मल्टीग्रेन और मिलेट से तैयार किया जाता है. इससे 18 आवश्यक विटामिन और मिनरल्स की पूर्ति होती है. यह भोजन पौष्टिक और स्वादिष्ट, दोनों होता है. माता-पिता को जागरूक करने के लिए वर्कशॉप का आयोजन किया जाता हैं. इसमें उनका इंगेजमेंट बढ़ाया जाता है. इसको बेहतरी से समझाने के लिए पोस्टर, फ्लिपबुक और कॉमिक बुक भी बनाई गई हैं.
परंपराओं से जोड़कर फैला रहे जागरूकता
एड फिल्म के लॉन्च पर क्वेकर, पेप्सिको इंडिया की एसोसिएट डायरेक्टर और कैटेगरी लीड श्रवणी बाबू ने बताया कि बाल कुपोषण के खिलाफ लड़ने का प्रयास क्वेकर ने बीते साल ही शुरू कर दिया था. हमने उस दौरान पुणे में क्वेकर का 'बाउल ऑफ ग्रोथ' प्रोग्राम लॉन्च किया गया. हमने शुरू से ही अपने प्रोग्राम में सांस्कृतिक तत्वों को शामिल किया. फिर चाहे पंजीरी के रूप में, जो आंगनवाड़ियों में बच्चों को परोसे जाने वाले भोजन है. सालों से चली आ रहीं परंपराओं से जोड़कर भी हमने जागरूकता फैलाने का प्रयास किया. यह शोर्ट फिल्म भी जागरूकता फैलाने के मकसद से ही बनाई गई है. यह फिल्म पोषण के महत्व को बताती है. ये ऐसे बच्चे को दर्शाती है, जो खुद कुपोषण से जूझ रहा है और अपने उन भाई-बहन को लेकर चिंतित है जो अभी पैदा नहीं हुए.
दिल छू लेने वाली कहानी
लियो बर्नेट इंडिया के नेशनल क्रिएटिव डायरेक्टर विक्रम पांडे (स्पाइकी) ने बताया कि क्वेकर उन चुनिंदा ब्रांड्स में से एक है, जो न केवल ब्रांड उद्देश्य के बारे में बात करता है, बल्कि उस बात पर अमल भी करता है. क्वेकर की 'बाउल ऑफ ग्रोथ' पहल शानदार है. इसके महत्व को समझाने के लिए एक दिल छू लेने वाली कहानी की जरूरत थी. हमारी फिल्म पोषण के महत्व को एक बच्चे के उदाहरण के माध्यम से समझाती है. वह बच्चा खुद कुपोषण से जूझ रहा है और अपने होने वाले भाई-बहन के लिए चिंतित काफी है.
'पोषण राईट, तो फ्यूचर ब्राइट'
एड फिल्म की कहानी प्रेग्नेंसी के सातवें-नौवें महीने के दौरान होने वाली एक मराठी रस्म 'गोद भराई' को भी दिखाती है. सालों से चली आ रही इस रस्म के जरिये फिल्म एक बच्चे के जीवन में पोषण के महत्व को दिखाती है. यह क्वेकर की 'पोषण राईट, तो फ्यूचर ब्राइट' (पोषण सही, तो भविष्य उज्ज्वल) के मैसेज को बखूबी दिखाती है. यह फिल्स समाज को बताती है कि पोषण को बच्चे के विकास के लिए काफी महत्वपूर्ण है.
महाराष्ट्र सरकार से भी सहयोग मिल रहा
क्वेकर ने पेप्सिको फाउंडेशन और एनजीओ ममता हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्डहुड (MAMTA HIMC) के सहयोग से बच्चों को आवश्यक पोषण, शिक्षा और जागरूकता मुहैया करवा रहा है. इसमें महाराष्ट्र सरकार भी इनका सहयोग कर रही है. यह पहल पेप्सिको पॉजिटिव (pep+) के 'पॉजिटिव चॉइसिस' कार्यक्रम का हिस्सा है, जो 2030 तक 5 करोड़ लोगों तक पौष्टिक भोजन की पहुंच बढ़ाने का लक्ष्य रखता है.
क्वेकर के बारे में जानें
क्वेकर ओट्स को भारत में 2006 में लॉन्च किया गया था. यह ब्रांड करीब 145 साल पुराना है, जो ओटमील सेगमेंट में दुनिया का बढ़ता हुआ है. क्वेकर ओट्स 100% होल ग्रेन, कार्बोहाइड्रेट और डाइटरी फाइबर का नेचुरल सोर्स है. इसमें बीटा ग्लूकन नाम से एक अनोखा घुलने वाला फाइबर भी होता है, जो कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करता है. भारत में यह क्वेकर ओट्स, क्वेकर प्लेन ओट्स, क्वेकर ओट्स मल्टीग्रेन, क्वेकर इंस्टेंट ओट्स और क्वेकर ओट्स मूसली के रूप में मार्केट में उपलब्ध है.
पेप्सिको क्या है?
पेप्सिको के प्रोडक्ट्स दुनिया के 200 से अधिक देशों में बिकते हैं. एक दिन में इसके 1 अरब से अधिक प्रोडक्ट्स बिकते हैं. पेप्सिको ने 2022 में 86 बिलियन डॉलर से अधिक का रेवेन्यू पाया. ये एक कॉम्प्लिमेंटरी ड्रिंक और सुविधाजनक फूड पोर्टफोलियो द्वारा संचालित था. इसमें लेज, डोरिटोस, चीटोस, गेटोरेड, पेप्सी-कोला, माउंटेन ड्यू, क्वेकर और सोडास्ट्रीम शामिल हैं. पेप्सिको का दावा है कि ये प्रकृति की सीमाओं के भीतर रहकर काम करते हैं. प्रकृति और लोगों के लिए पॉजिटिव चेंज लाने की प्रेरणा देते हुए ये अपने ब्रांड को आगे ले जाना चाहते हैं. अधिक जानकारी के लिए, www.pepsico.com पर जाएं और ट्विटर, इंस्टाग्राम, फेसबुक और लिंक्डइन पर @PepsiCo को फॉलो करें.
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