कोरोना से बढ़ती मौतों के बीच जानिए क्या है दिल्ली में श्मशान भूमि का हाल

अप्रैल की शुरुआत तक दिल्ली के निगमबोध घाट श्मशान भूमि में कोरोना का सिर्फ एक मृतक शरीर ही बमुश्किल पहुंच रहा था.

Written by - Harsha Chandwani | Last Updated : Apr 13, 2021, 03:09 PM IST
  • दिल्ली में बढ़ाई गई अस्थि बैंक की क्षमता
  • आपात स्थिति में बढ़ाई जा सकते हैं प्लेटफॉर्म
कोरोना से बढ़ती मौतों के बीच जानिए क्या है दिल्ली में श्मशान भूमि का हाल

नई दिल्ली: अप्रैल की शुरुआत तक दिल्ली के निगमबोध घाट श्मशान भूमि में कोरोना का सिर्फ एक मृतक शरीर ही बमुश्किल पहुंच रहा था. 11 अप्रैल को कोरोना से मारे गए पार्थिव शरीरों की संख्या 24 पहुंच गई, सोमवार को  कोविड-19 की वजह से मरने वालों की संख्या 22 थी. 

निगमबोध घाट में 6 सीएनजी प्लेटफॉर्म हैं, जिसकी क्षमता एक प्लेटफॉर्म में 6 अंतिम संस्कार एक दिन में करने की है. यानी अगर कोरोना से मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार की संख्या 1 दिन में 36 से ज्यादा होती है ,तो परिवार वालों को अंतिम संस्कार के लिए भी कतार में खड़ा होना पड़ेगा. 

क्या है राजधानी में बना अस्थि बैंक

देश की राजधानी में कोरोना मृतकों के अंतिम संस्कार ही नहीं बल्कि अस्थि बैंक की भी तैयारियां चल रही हैं. जहां अब कोरोना मृतक शरीर के अंतिम संस्कार के बाद उसकी अस्थियों को अस्थि बैंक में रख दिया जाता है.

मृतक के परिवार वालों से यह लिखित में ले लिया जाता है कि अगर 15 दिनों के अंदर आप मृतक की अस्थियां लेने नहीं आए, तो सामूहिक रूप से यमुना में तमाम धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ अस्थियों को प्रवाहित कर दिया जाएगा.

राजधानी में अस्थि बैंक की क्षमता भी बढ़ाई गई है और अब ढाई सौ मृतक व्यक्तियों के लिए अस्थि बैंक बनाया गया है.

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आपात स्थिति में बढ़ाई जा सकती है क्षमता

दिल्ली के निगमबोध घाट श्मशान भूमि के प्रमुख संचालक सुमन कुमार गुप्ता बताते हैं कि अभी तक हमने सीएनजी प्लेटफॉर्म कोरोना से मृतक पार्थिव शरीर के  लिए आरक्षित रखे हैं, लेकिन आवश्यकता पड़ने पर हम 120 से ज्यादा लकड़ी से संचालित अंतिम संस्कार प्लेटफॉर्म का प्रयोग कर सकते हैं, यानी आपात स्थिति में हम डेढ़ सौ पार्थिव शरीरों का अंतिम संस्कार करने की क्षमता रखते हैं.

दिल्ली में चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था

दिल्ली में कोरोना मरीजों के लिए उपलब्ध वेंटिलेटर बेडों की संख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही है. दिल्ली का गुरु तेग बहादुर अस्पताल (GTB Hospital) राज्य का तीसरा सबसे बड़ा कोरोना अस्पताल है. इस अस्पताल में कुल 100 वेटिंलेटर बेड हैं, जिनमें से अभी सिर्फ 7 बेड खाली है.

वहीं दिल्ली के लोक नायक जयप्रकाश हॉस्पिटल और राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल दोनों में ही कुल 400 वेटिंलेटर बेड हैं, लेकिन इनमें से अभी एक भी खाली नहीं है. 

दिल्ली के मैक्स अस्पताल में मंगलवार सुबह तक तीन वेंटिलेटर बेड मौजूद थे, जो कि अब भर चुके हैं. दिल्ली सरकार के लाइव पोर्टल में आप देख सकते हैं कि किस तरीके से लगातार वेंटिलेटर बेड कम होते जा रहे हैं. 

मैक्स अस्पताल के डॉक्टर मनोज कुमार के अनुसार, राज्य में अगले 24 घंटों के अंदर वेटिंलेटर बेडों की संख्या शून्य तक पहुंच सकती है. 

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