विपक्ष के हंगामे के बाद राज्यसभा शुक्रवार सुबह तक के लिए स्थगित, अब तक नहीं हुआ शून्यकाल

Rajya Sabha adjourned: पहली बार के स्थगन के बाद जब दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही आरंभ हुई तो उपसभापति हरिवंश ने प्रश्नकाल शुरू किया. इसी बीच हंगामा करते हुए कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और वामपंथी दलों सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्य सभापति के आसन के निकट पहुंच गए और नारेबाजी आरंभ कर दी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 29, 2021, 02:38 PM IST
  • सदन में टूटा कोरोना नियम
  • अब तक नहीं हुआ शून्य काल
विपक्ष के हंगामे के बाद राज्यसभा शुक्रवार सुबह तक के लिए स्थगित, अब तक नहीं हुआ शून्यकाल

नई दिल्लीः Rajya Sabha adjourned: राज्यसभा में सरकार और विपक्ष के बीच बना गतिरोध गुरुवार को भी जारी रहा. लगातार हो रहे हंगामे के कारण राज्यसभा को शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. इसके पहले हंगामें के ही कारण सदन में बैठक दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित की गई थी. 

प्रश्नकाल शुरू होते ही हुआ हंगामा
पहली बार के स्थगन के बाद जब दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही आरंभ हुई तो उपसभापति हरिवंश ने प्रश्नकाल शुरू किया. इसी बीच हंगामा करते हुए कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और वामपंथी दलों सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्य सभापति के आसन के निकट पहुंच गए और नारेबाजी आरंभ कर दी.

हंगामे के बीच ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-अमेरिका रिश्तों को लेकर सदस्यों की ओर से पूछे गए सवालों के जवाब दिए. इस दौरान कुछ सदस्यों ने अफगानिस्तान में चीन की भूमिका और दक्षिण चीन सागर को लेकर भी सवाल किए.
हंगामे के दौरान विपक्षी सदस्य ‘‘किसान विरोधी काले कानून वापस लो’’ और ‘‘जासूसी करना बंद करो’’ के नारे लगाते सुने गए.

उपसभापति की नहीं सुनी गई
उपसभापति ने हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों को अपने स्थानों की ओर लौटने और प्रश्न काल सुचारू रूप से चलने देने का आग्रह किया लेकिन उनकी एक ना सुनी गई. उपसभापति ने कांग्रेस के सदस्य दीपेंद्र हुड़ा को एक बार चेतावनी भी दी और कहा कि वह सदन के वरिष्ठ सदस्य हैं इसलिए मर्यादाओं का पालन करें. हंगामे के बीच ही कपड़ा राज्य मंत्री दर्शना जरदोश और महिला व बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी से सदस्यों के सवालों के जवाब दिए.

स्मृति ईरानी के जवाब देते समय हुआ हंगामा
ईरानी जब सवालों के जवाब दे रही थी तब विपक्षी सदस्यों ने हंगामा ओर तेज कर दिया और ‘‘2024 में खेला होबे’’ का नारा लगाना आरंभ कर दिया. ज्ञात हो कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ‘‘खेला होबे’’ का नारा बहुत लोकप्रिय हुआ था और वहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी की शानदार जीत के लिए इस नारे को भी एक कारण बताया था.
हंगामा कर रहे सदस्यों को उपसभापति ने बार-बार प्रश्नकाल सुचारू रूप से चलने देने का अनुरोध किया. दो बार उन्होंने सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी लेकिन विपक्षी सदस्यों पर इसका कोई असर नहीं हुआ.

सदन में टूटा Corona नियम
उपसभापति ने आजादी की स्वर्णजयंती पर राज्यसभा में पारित एक प्रस्ताव का उल्लेख किया और कहा, ‘‘यह आजादी की स्वर्णजयंती पर पारित प्रस्ताव है लेकिन इसका भी सम्मान नहीं किया जा रहा है. किसी भी नियम का पालन नहीं हो रहा है. यहां तक कोविड-19 के दिशानिर्देशों का भी अनुपालन नहीं हो रहा है.’’ इसके बाद भी जब विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा तक उपसभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

विपक्षी दलों का हंगामा शुरुआत से ही जारी
पेगासस जासूसी विवाद, नए कृषि कानूनों सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर विपक्षी सदस्यों का हंगामा मौजूदा मानसून सत्र की शुरुआत से ही जारी है. इससे पहले, गुरुवार सुबह जब सदन की बैठक शुरू हुई तो सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखवाए. इसके बाद उन्होंने कहा कि उन्हें तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर रॉय, कांग्रेस के रिपुन बोरा, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव और विश्वंभर प्रसाद निषाद, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा, वाम सदस्य इलामारम करीम और विनय विश्वम सहित विभिन्न सदस्यों की ओर से नियम 267 के तहत नोटिस मिले हैं.

अब तक नहीं हुआ शून्यकाल
सभापति ने कहा कि उन्होंने इन नोटिस पर गौर किया और उन्हें स्वीकार करने योग्य नहीं पाया. इस के बाद सदन में विपक्षी सदस्यों का हंगामा शुरू हो गया. सभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने स्थानों पर जाने की अपील की और कहा कि सदस्यों ने उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी पर गौर किया होगा. सदन में व्यवस्था बनते नहीं देख उन्होंने बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. मौजूदा मानसून सत्र में अब तक राज्यसभा में शून्यकाल नहीं हो पाया है.

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