दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ज़फरूल ने देश को दी धमकी, 'ज़ाकिर नाइक हीरो'

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ज़फरूल इस्लाम खान ने विवादित फेसबुक पोस्ट लिखा. कहा, "मुसलमानों की लिंचिंग पर अरब देश चुप नहीं रहेंगे, शिकायत की तो हिंदू 'कट्टरवादियों को अंजाम भुगतना पड़ेगा." साथ ही भगोड़ा ज़ाकिर नाइक को बताया हीरो...

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 29, 2020, 06:57 AM IST
    • कोरोना संकट में हिंदू-मुस्लिम सियासत पर लॉकडाउन कब?
    • मजहब के नाम पर कट्टरता फैलाने का काम क्यों?
    • मुस्लिम देशों पर ऐतबार अपनों पर 'वार'?
    • मुसलमानों को डराएंगे, हिंदुओं को धमकाएंगे?
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ज़फरूल ने देश को दी धमकी, 'ज़ाकिर नाइक हीरो'

नई दिल्ली: पूरा देश इस वक्त कोरोना से सबसे बड़ी लड़ाई लड़ रहा है. लेकिन संकट की इस घड़ी में कुछ लोग जानबूझकर, खुलकर हिंदू- मुस्लिम की राजनीति पर उतर आए है. मजहबी रंग फैलाकर दो समुदायों के बीच भ्रम, टकराव पैदा करने की साजिश की जा रही है.

मजहब के नाम पर कट्टरता फैलाने का काम क्यों?

ताजा मामला दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरूल इस्लाम खान का है. महामारी के इस दौर में दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरूल इस्लाम खान ने फेसबुक पोस्ट के जरिए देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की है. कोशिश सरेआम फेसबुक पोस्ट के जरिए एक खास वर्ग को भड़काने की है.

28 अप्रैल के अपने फेसबुक पोस्ट में जफरूल इस्लाम खान ने लिखा है कि "भारतीय मुस्लिमों का साथ देने के लिए धन्यवाद कुवैत. हिंदु 'कट्टरवादियों' ने सोचा कि मुस्लिम और अरब देश बड़े आर्थिक फायदों के लिए भारत में मुसलमानों के 'उत्पीड़न' की परवाह नहीं करेंगे लेकिन कट्टरपंथी ये भूल गए कि भारतीय मुसलमानों ने सदियों से इस्लाम की भलाई के लिए सेवा की है और इसके लिए अरब और मुस्लिम जगत में उनका काफी सम्मान है. इस्लामिक और अरब विज्ञान में, विश्व विरासत में इनका मान विशाल सांस्कृतिक और सांस्कृतिक योगदान के कारण है. शाह वलीउल्ला दहलवी, इक़बाल, अबुल हसन नदवी, वहीदुदीन खान, ज़ाकिर नाइक जैसे नामों को अरब देशों और दुनिया भर के मुस्लिमों के बीच सम्मान से लिया जाता है."

मुसलमानों को डराएंगे, हिंदुओं को धमकाएंगे?

जफरूल इस्लाम खान की इस पोस्ट के आगे की कहानी भी आपको बताते हैं, जिसमें ना सिर्फ भारतीय मुसलमानों को गुमराह करने की कोशिश की गई है बल्कि हिंदुओं को धमकाया भी जा रहा है. एक जिम्मेदार पद बैठे जफरूल इस्लाम खान ने क्या लिखा है?

उन्होंने लिखा, "कट्टरपंथियों ! ध्यान रखो, भारतीय मुसलमानों ने अब तक अरब देशों और दुनिया के मुसलमानों से तुम्हारे नफरत फैलाने वाले अभियान, लिंचिंग और दंगों के बारे में शिकायत नहीं की है. जिस दिन उन्हें इसके लिए बाध्य होना पड़ा, उस दिन कट्टरपंथियों को बड़े तूफान (एवलांच) का सामना करना पड़ेगा."

जफरूल इस्लाम की इन लाइनों में साफ-साफ धमकी दी जा रही है. ये वहीं जफरूल इस्लाम है जिन्होंने देश में माहामारी फैलाई उन मरकज वालों का आंकड़ा बताने पर ऐतराज है.

मुसलामान बहाना, जमातियों को है बचाना?

जमातियों का नाम अलग से लिखे जाने पर दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने केजरीवाल सरकार को पत्र लिखकर इसका जवाब मांगा. इतना ही नहीं जफरूल इस्लाम खान का आरोप है कि एक तरफ सरकार कोरोना वायरस से स्वस्थ हुए जमातियों का प्लाज्मा इस्तेमाल कर रही है, वहीं दूसरी ओर उन्हें कैदियों से भी बदतर हालत में रखा जा रहा है.

विदेश मंत्रालय ने ज़फरुल को समझा दिया

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ज़फरुल इस्लाम ने अपनी पोस्ट में भारतीय मुस्लिमों के साथ खड़े होने के लिए कुवैत की प्रशंसा की है. उसके पीछे की कहानी भी आप जान लिजिए. कुवैत के कुछ मानवाधिकार कार्यकर्ताओं समेत अनेक लोगों ने ट्विटर पर भारत के कुछ हिस्सों में मुसलमानों पर हमलों के आरोप वाली खबरों की आलोचना की. जिस पर विदेश मंत्रालय ने जवाब भी दिया है. 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा है कि "हमने कुवैत में गैर-सरकारी सोशल मीडिया हैंडलों पर भारत के संदर्भ में कुछ चीजें देखी हैं. कुवैत सरकार ने हमें आश्वासन दिया है कि वो भारत के साथ दोस्ताना रिश्तों के लिए प्रतिबद्ध हैं. वे भारत के आंतरिक मामलों में भी किसी तरह की हस्तक्षेप का समर्थन नहीं करते."

भारतीय विदेश मंत्रालय के जवाब से ज़फरुल इस्लाम को समझ लेना चाहिए की भारत के आंतरिक मामले का अंतरराष्ट्रीयकरण करने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए.

भाजपा ने भड़काऊ पोस्ट पर साधा निशाना

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरूल इस्लाम के भड़काऊ पोस्ट पर बीजेपी ने निशाना साधा है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है कि जफरूल इस्लाम के पोस्ट में ज़ाकिर नायक जैसे लोगों को हीरो कहा गया है और साथ ही हमले की धमकी भी दी गई है. संबित पात्रा का कहना है कि ये चिट्ठी बहुत कुछ कहती है.

क्या जफरूल इस्लाम भी वहीं काम नहीं कर रहे हैं जो मौलाना साद ने किया. आपको याद होग कि कैसे साद ने जमातियों को लॉकडाउन के खिलाफ भड़काया था. कोरोना पर सरकार के कार्रवाई का मजाक उड़ाया था और जमातियों ने कैसे पूरे देश में कोरोना को फैलाया.

इसे भी पढ़ें: हिन्दुस्तान में किस रफ्तार के फैल रहा है कोरोना? जानिए यहां, हर एक UPDATE

आज जब पूरा देश कोरोना से लड़ने में जुटा है. हर कोई घरों में बंद है. मामला जिंदगी और मौत से जुड़ा वहां एक ने मरकज के जमातियों को कोरोना वाहक बनाया तो दूसरे भारत के आंतरिक मामले का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिश में है. आखिर मुस्लिमों को पीड़ित बताने वाली सोच कब तक इस देश में चलेगी?

इसे भी पढ़ें: भारत में कोरोना काल का सबसे बड़ा समाधान: बड़ी खुशखबरी

इसे भी पढ़ें: करतूतों से बाज नहीं आ रहा है PAK, 'सीक्रेट आतंकी किताब' का खुलासा

ट्रेंडिंग न्यूज़