नई दिल्ली: फायर ब्रांड हिंदू नेता साध्वी ऋतंभरा ने अयोध्या में विवादित ढांचा गिरने की 30वीं बरसी पर 6 दिसंबर 1992 को हुए घटनाक्रमों को याद किया. उन्होंने कहा कि भगवान राम के जन्मस्थान पर भव्य मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने लिए दैवीय महाशक्ति ने कारसेवकों को अयोध्या में विवादित ढांचे को गिराने की ताकत दी.
राम भक्तों ने नेताओं की नहीं सुनी
उन्होंने कहा, "जो भी कहा जाए, लेकिन मैं एक बार फिर स्पष्ट कर दूं कि यह योजनाबद्ध नहीं था और वहां मौजूद सभी नेताओं ने तहलका मचा दिया. उन्होंने बार-बार 'राम भक्तों' को नीचे आने के लिए कहा, मगर किसी ने नहीं सुनी और बिना किसी उपकरण का उपयोग किए दिव्य महाशक्ति के आशीर्वाद से कारसेवकों ने विवादित ढांचे को गिरा दिया."
उन्होंने यह भी बताया कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू करने के लिए लगभग तीन दशकों का इंतजार दर्दनाक था.
बिना किसी का नाम लिए, उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) सहित राजनीतिक दलों पर भी प्रहार किया और कहा कि सभी नेताओं ने अयोध्या का दौरा करना शुरू कर दिया है, जिनमें वे लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने कभी राम भक्तों की हत्या का आदेश दिया था.
उन्होंने कहा कि वह एक बड़ा दिन था जो एक हिंदू-बहुल राष्ट्र में हिंदुओं के विश्वास और विश्वास के प्रतीक को बहाल करने के लिए 500 वर्षों के संघर्ष की जीत थी. इसने उस लंबे संघर्ष पर से भी पर्दा हटा दिया, जिसने अयोध्या की पवित्र भूमि को युद्ध के मैदान में बदल दिया.
आखिरकार शुरू हुआ राम मंदिर का निर्माण
500 साल पहले एक हमलावर द्वारा ध्वस्त किए गए विश्वास को बहाल करने के लिए महिलाओं, पुरुषों और यहां तक कि बच्चों ने भी बहुत बलिदान दिया. विवादित ढांचे के गिरने से एक लंबे संघर्ष का अंत हो गया. हालांकि, फिर निर्माण के लिए लंबा इंतजार और विध्वंस के बाद आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए. अब आखिरकार भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है.
बकौल साध्वी, 'मैं आपको स्पष्ट कर दूं कि यह पूर्व नियोजित या साजिश नहीं थी. यह स्वत: स्फूर्त था. राजनीतिक हो या धार्मिक, सभी नेताओं ने बार-बार हाथ जोड़कर कारसेवकों से विवादित ढांचे से नीचे आने की अपील की.'
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