नई दिल्लीः भारत ने शुक्रवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में आह्वान किया कि आतंकवाद से कड़ाई के साथ निपटने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एससीओ के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तान की ओर परोक्ष इशारा करते हुए कहा कि सीमापार आतंकवाद समेत इसके सभी स्वरूपों का खात्मा किया जाना चाहिए.
'आतंक के वित्त पोषण के सभी तरीके होने चाहिए बंद'
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी, चीन के विदेश मंत्री छिन कांग और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की मौजूदगी में जयशंकर ने एससीओ सम्मेलन में अपने संबोधन में कहा कि आतंकवाद की अनदेखी करना समूह के सुरक्षा हितों के लिए नुकसानदेह होगा. विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवादी गतिविधियों के लिए वित्तपोषण के सभी तरीकों को बंद किया जाना चाहिए.
हर तरह की दहशतगर्दी पर रोक लगनी चाहिएः जयशंकर
उन्होंने कहा कि जब दुनिया कोविड-19 महामारी और उसके प्रभावों से निपटने में लगी थी, तब भी आतंकवाद की समस्या ज्यों की त्यों बनी रही. माना जा रहा है कि उनका निशाना पाकिस्तान की ओर था. जयशंकर ने कहा, ‘हम पुरजोर तरीके से मानते हैं कि आतंकवाद को जायज नहीं ठहराया जा सकता है और सीमापार से आतंकवाद समेत हर तरह की दहशतगर्दी पर रोक लगनी चाहिए.’ उन्होंने कहा कि आतंकवाद से मुकाबला करना एससीओ के मूलभूत कार्यक्षेत्र में शामिल है.
'भारत एससीओ में बहुपक्षीय सहयोग के विकास को देता है महत्व'
जयशंकर ने अपने संबोधन में गोवा के इस बीच रिजॉर्ट में एससीओ की विदेश मंत्री परिषद में आए प्रतिनिधियों का स्वागत किया. उन्होंने कहा, ‘मैं एससीओ की भारत की ओर से पहली बार की जा रही अध्यक्षता के तहत आपकी मेजबानी करते हुए हर्षित महसूस कर रहा हूं.’ जयशंकर ने कहा कि भारत एससीओ में बहुपक्षीय सहयोग के विकास को, शांति एवं स्थिरता को बढ़ावा देने तथा सदस्य राष्ट्रों की जनता के बीच करीबी संवाद को अत्यंत महत्व देता है.
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी और भू-राजनीतिक उतार-चढ़ाव के परिणामस्वरूप आज दुनिया अनेक चुनौतियों का सामना कर रही है और इन घटनाक्रम ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को अवरुद्ध कर दिया है.
'अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर है हमारा ध्यान'
जयशंकर ने कहा कि अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर हमारा ध्यान बना हुआ है. उन्होंने कहा कि हमारे प्रयास अफगान जनता के कल्याण की दिशा में होने चाहिए. विदेश मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान में हमारी तात्कालिक प्राथमिकताओं में मानवीय सहायता पहुंचाना, एक वास्तविक समावेशी सरकार सुनिश्चित करना, आतंकवाद से मुकाबला करना और महिलाओं, बच्चों एवं अल्पसंख्यकों के अधिकार संरक्षित करना शामिल हैं.
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