'द केरल स्टोरी' पर ममता बनर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने दिया करारा झटका, फिल्म से हटाया बैन

उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में ‘द केरल स्टोरी’ पर लगा प्रतिबंध हटाया. न्यायालय ने कहा कि फिल्म को मिले प्रमाण-पत्र को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर निर्णय के लिये कार्यवाही से पहले वह ‘द केरल स्टोरी’ देखना चाहेगा.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 18, 2023, 04:30 PM IST
  • पश्चिम बंगाल में ‘द केरल स्टोरी’ पर लगा प्रतिबंध हटा
  • सुप्रीम कोर्ट ने ममता के फैसले को दिया तगड़ा झटका
'द केरल स्टोरी' पर ममता बनर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने दिया करारा झटका, फिल्म से हटाया बैन

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने ममता बनर्जी को करारा झटका दिया है. अदालत ने पश्चिम बंगाल में ‘द केरल स्टोरी’ के प्रदर्शन पर प्रदेश सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को बृहस्पतिवार को हुई सुनवाई के दौरान हटाने का आदेश दिया. न्यायालय ने साथ ही कहा कि फिल्म को मिले प्रमाण-पत्र को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर निर्णय के लिये कार्यवाही से पहले वह ‘द केरल स्टोरी’ देखना चाहेगा.

जानिए सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कुछ कहा
पीठ फिल्म को सीबीएफसी प्रमाणपत्र दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जुलाई के दूसरे हफ्ते में सुनवाई करेगी. प्रधान न्यायाधीश डी.वाई.चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि फिल्म को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से प्रमाण-पत्र प्राप्त है और कानून-व्यवस्था बरकरार रखना प्रदेश सरकार का दायित्व है.

पीठ ने कहा, 'खराब फिल्में बॉक्स ऑफिस पर नहीं चलती हैं.' न्यायालय ने कहा, 'कानून का इस्तेमाल सार्वजनिक असहिष्णुता को बढ़ावा देने के लिए नहीं किया जा सकता है, वरना सभी फिल्मों को लेकर ऐसी ही स्थिति पैदा होगी.' पीठ में न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला भी शामिल हैं. न्यायालय ने ‘द केरल स्टोरी’ के निर्माता से 20 मई को शाम पांच बजे तक फिल्म में 32,000 महिलाओं के इस्लाम में धर्मांतरण के आरोपों पर ‘डिस्क्लेमर’ लगाने को कहा.

ममता बनर्जी ने लगाया था बदनाम करने का आरोप
फिल्म पांच मई को रिलीज हुई थी. इससे पहले दिन में, ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ समाज के एक वर्ग को अपमानित करने के लिए बनाई गई थी, जबकि ‘द केरल स्टोरी’ का उद्देश्य केरल को बदनाम करना है. बनर्जी ने आरोप लगाया कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) भाजपा के साथ मिलकर काम कर रही है और इसलिए केरल में सत्ता में रहते हुए भी उसने फिल्म के प्रदर्शन का विरोध नहीं किया.

वहीं कोलकाता में एक सिनेमाघर के मालिक, जहां फिल्म दिखाई जा रही थी, ने समाचार एजेंसी से कहा था कि 'फिल्म देखने के लिए बड़ी संख्या में दर्शक आ रहे हैं. इससे (प्रतिबंध से) भारी नुकसान होगा.' उन्होंने आशंका जताई थी कि सिनेमाघर के सामने प्रदर्शन हो सकते हैं और उम्मीद है कि कानून व्यवस्था की स्थिति का ध्यान रखा जाएगा. बैन के बाद पश्चिम बंगाल में  काफी विरोध प्रदर्शन देखे गए.
(इनपुट- भाषा)

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