Surgical Strike के 4 साल: 28-29 सितंबर 2016 की रात भारत के पराक्रम की कहानी

पाकिस्तान ने अपने आतंकियों के जरिए 18 सितंबर 2016 को उरी में सेना के हेडक्वार्टर पर आतंकी हमला कराया, जिसके बाद भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical Strike) के जरिए, पाकिस्तान के आतंकियों को घर में घुसकर मारा, इस ऑपरेशन की इनसाइड स्टोरी बताते हैं कि 28-29 सितंबर 2016 की रात भारत के पराक्रमी वीरों ने अपने जांबाज भाईयों के बलिदान का बदला कैसे लिया था..

Written by - Ayush Sinha | Last Updated : Sep 28, 2020, 11:24 PM IST
  • सर्जिकल स्ट्राइक के 4 साल, पाकिस्तान का वही हाल
  • बदल गया हिंदुस्तान, बदल गई हिंद की सेना
  • 28-29 सितंबर 2016 की रात भारत के पराक्रम की कहानी
  • अब दुश्मनों की हरकतों पर चुप्पी नहीं, संपूर्ण बदला
  • पाकिस्तान की हरकत पर ईंट का जवाब पत्थर से
Surgical Strike के 4 साल: 28-29 सितंबर 2016 की रात भारत के पराक्रम की कहानी

नई दिल्ली: भारत ने अपने दुश्मनों से अमेरिकन स्टाइल में बदला लेने की शुरूआत कर दी है. सेना की सर्जिकल स्ट्राइक और वायुसेना की एयर स्ट्राइक के जरिए पाकिस्तान में आतंकवादियों को सबक सिखाया जा चुका है. इसकी शुरूआत आज से 4 साल पहले सेना ने यहीं किया किया जब PoK में घुसकर कई आतंकियों को जहन्नुम पहुंचा दिया.

उरी हमले का बदला यानी सर्जिकल स्ट्राइक

सेना के उरी कैंप पर हमले का बदला लिया और दुनिया को बता दिया कि अब हम ना तो हम सहते हैं और ना ही चुप रहते हैं. हम केवल एक भाषा जानते हैं आतंकियों को छोड़ेंगे नहीं और चुन-चुन कर मारेंगे. आज से 4 साल पहले भारतीय ने सेना की शौर्य की बड़ी मिसाल पेश की थी. दरअसल. आज से 4 साल पहले जो हुआ उसके बारे में किसी ने नहीं सोचा था, ना तो आतंकियों ने ना ही उनके आकाओं ने..

18 सितम्बर 2016 को उरी में सेना के हेडक्वार्टर पर आतंकियों ने हमला कर दिया, जिसमें सेना के 19 जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद भारत चुप नहीं रहा और उसने बदला लेने की ठानी.

पीएम मोदी के नेतृत्व में पूरी योजना बनाई गई और सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया गया. सर्जिकल स्ट्राइक को करने के लिए पूरी प्लानिंग की गई. ऑपरेशन के लिए भारतीय सेना ने Para SF को चुना. PoK में ऑपरेशन की शुरुआत रात साढ़े 12 बजे हुई. एक सोची समझी रणनीति के तहत हेलीकॉप्टर से 25 पैरा कमांडोज को नियंत्रण रेखा के पास उतारा गया. साथ ही इस बात का खास ख्याल रखा गया कि पाकिस्तान सैनिकों को इस बात की भनक ना लगे. इसके लिए कमांडोज ने कुछ किलोमीटर की दूरी रेंग-रेंगकर तय की.

सेना को आतंकियों के ठिकानों के बारे में पहले से ही एकदम सटीक जानकारी थी, इसलिए वो सीधे उसी जगह पहुंचे जहां आतंकी रह रहे थे. भारतीय कमांडो अत्याधुनिक हथियार, ग्रेनेड्स, स्मोक ग्रेनेड्स, अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर, नाइट विजन डिवाइसेज और हेलमेट माउण्टेड कैमरे से लैस थे. ऑपरेशन सुबह साढ़े 4 बजे खत्म हुआ. इस ऑपरेशन में सेना ने PoK में चार अलग-अलग सेक्टर में करीब 40-50 आतंकियों को मार गिराया और आतंकियों के 7 कैंप पूरी तरह ध्वस्त कर दिए. सभी Camps, LoC पर 500 मीटर से लेकर 2 KM तक की रेंज में मौजूद थे. कार्रवाई के बाद हमारे सभी सैनिक, सही सलामत वापस लौट आए. पूरा ऑपरेशन खुद पीएम मोदी के नेतृत्व में हुआ. साथ ही इस पूरे ऑपरेशन से उस वक्त के सेना प्रमुख (जनरल बिपिन रावत), रक्षा मंत्री (मनोहर पर्रिकर), NSA अजित डोवल जुड़े थे.

पहले सर्जिकल स्ट्राइक और फिर एयर स्ट्राइक के बाद आतंकी और आतंकिस्तान दोनों खौफ में है. उसे समझ में आ गया कि अब हमला करके बच नहीं सकते हैं. क्योंकि, चुन चुनकर मारेंगे. ऐसा फिर हुआ, जब पुलवामा में आतंकियों ने कायराना हरकत करते हुए सीआरपीएफ के 40 जवानों को निशाना बनाया तो फिर से भारत ने बदला लिया. इसबार सर्जिकल स्ट्राइक के बदले एयर स्ट्राइक हुई. भारत के मिराज विमानों ने पाकिस्तान में घुसकर बालाकोट में आतंकी कैंपों को नेस्तानाबूद कर दिया.

भारत के इस पराक्रम के सामने पाकिस्तान पस्त हो गया. ये एक ऐसा सबक था, जिसे पाकिस्तान कभी नहीं भूलेगा कुछ नहीं कर पाया। ये नया भारत जो शांति को तो मानता है लेकिन जरुरत पड़ने पर दुश्मनों का वध करना भी जानता है.

सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक ऐसी घटना थी जिसने इतिहास बदल दिया. इस बात को बदल दिया कि भारत अब सहता नहीं बल्कि उसे कोई छेड़ता है तो उसे वो छोड़ता नहीं है. आज सर्जिकल स्ट्राइक को 4 साल पूरे हो गए हैं, आज का दिन पाकिस्तान और आतंकियों के लिए मातम से कम नहीं है.

बीते कुछ सालों में बदल गया है हिन्दुस्तान

बीते कुछ सालों में हिंदुस्तान में जो सबसे बड़ा बदलाव हुआ है वो सेना को लेकर है. सेना अब जोरदार मुकाबला करती है, राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त होकर मुंहतोड़ जवाब देती है. इसीलिए जब गलवान में चीन ने धोखेबाजी की तो उसके 45-50 सैनकों को मार गिराया गया और जब पैंगोंग में चीन ने चालबाजी की तो हिंद की सेना ने सबक सिखा दिया.

आप यहां ये समझिए कैसे सर्जिकल स्ट्राइक के बाद नए भारत में कई ऐसे फैसले लिए गए जो चौकाने वाले थे. चाहे भष्ट्राचार पर नोटबंदी के जरिए स्ट्राइक हो या पुलवामा का बदला लेने के लिए एयर स्ट्राइक, कश्मीर में आतंकवाद की कमर तोड़ने के लिए धारा 370 को खत्म करना हो या पूरी दुनिया में आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को अलग करना हो. LAC पर चीन से सीधा मोर्चा लेना हो या चीन के खिलाफ पूरी दुनिया का नेतृत्व करना हो नए भारत में सबकुछ होने लगा.

भारतीय सेना की ताकत में कमाल का बदलाव

बदलाव सेना की ताकत में भी हुआ है. कमाल का रफाल वायुसेना में शामिल हुआ तो दूसरी ओर रूस सहित कई देशों से लगातार कई सैन्य समझौते हुए और इसका असर ये हुआ कि पाकिस्तान और चीन अब भारत के खिलाफ कुछ भी करने से पहले सैंकड़ों बार सोचता है.

आतंकवाद के मुद्दे पर हिंदुस्तान ने जीरो टॉलरेंस यानी कोई माफी नहीं होगी की रणनीति अपनाई. इसीलिए सर्जिकल स्ट्राइक भी हुआ और एयरस्ट्राइक भी.. दरअसल, यहां ये समझना जरूरी है कि सर्जिकल स्ट्राइक बदलते हिंदुस्तान की सबसे बड़ी कहानी है. क्योंकि पहली बार ये संदेश पूरी दुनिया को गया कि भारत अगर शांति चाहता है तो जो उसके शांति को भंग करेगा उसे हिंदुस्तान खत्म कर देगा. बदलते हिंदुस्तान की कहानी यहीं से तो शुरू होती है.

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