पटना. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने राष्ट्रीय जनता दला और जेडीयू के सांसदों को मणिपुर का दौरा करने पर आईना दिखाया है. उन्होंने कहा कि राजद, जदयू के सांसदों को मणिपुर से पहले बेगूसराय और कटिहार जाना चाहिए था.
उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं से बर्बरता की घटनाएं बढ़ रही हैं, बिजली मांगने पर गोली चलाई जा रही है, शिक्षक की नौकरी मांगने पर लाठीचार्ज किया जाता है, मंत्री पुलिस ज्यादती को जायज ठहराते हैं. शिक्षा विभाग प्रशासनिक अराजकता झेल रहा है और शिक्षा मंत्री 22 दिनों से कार्यालय नहीं आ रहे हैं. लेकिन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सारे मुद्दों पर चुप्पी साध ली है.
सुशील मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री शिक्षा विभाग के अवर मुख्य सचिव को नहीं हटा सकते तो शिक्षा मंत्री को ही हटाकर विभाग की जिम्मेदारी अपने प्रिय अधिकारी को सौंप दें. उन्होंने कहा कि कटिहार गोली कांड की न्यायिक जांच करायी जाए, मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए और राज्य में 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए.
'पुलिस लगातार बदल रही है बयान'
भाजपा नेता ने कहा कि कटिहार गोलीकांड के बाद पुलिस लगातार बयान बदल रही है. पहले कहा किसी की मौत नहीं हुई, फिर दो लोगों के मरने की बात स्वीकारी. लेकिन, अब हमेशा की तरह कहा जा रहा है कि मौतें भीड़ में से किसी के गोली चलाने से हुई. पुलिस ने जो वीडियो जारी किया है, वह फर्जी हो सकता है. उसमें भी किसी व्यक्ति के हथियार चलाने की बात स्पष्ट नहीं है. ऐसे मामले का सच न्यायिक जांच से ही सामने आएगा.
'अहंकारी सरकार ने चलवा दी गोलियां'
सुशील मोदी ने कहा कि कटिहार में लोग स्थानीय प्रशासन को सूचना देकर बिजली के मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे थे. उनसे बात करके स्थिति को बिगड़ने से बचाया जा सकता था, लेकिन अहंकारी सरकार ने गोली चलवा दी.
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