शिवसेना को नारायण राणे की चेतावनी, 'एक एक कर सबको बेनकाब कर दूंगा'

नारायण राणे ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि वह जानते हैं कि किसने किससे कहा था कि भाई की पत्नी पर तेजाब फेंके.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 27, 2021, 06:49 PM IST
  • राणे ने शुरू की जन आशीर्वाद यात्रा
  • संकेतों में नारायण ने साधा निशाना
शिवसेना को नारायण राणे की चेतावनी, 'एक एक कर सबको बेनकाब कर दूंगा'

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री व भाजपा नेता नारायण राणे का शिवसेना ने तनाव बढ़ता जा रहा है. शिवसेना से ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने वाले राणे इस समय उद्धव ठाकरे को लगातार चुनौती दे रहे हैं.

शिवसेना और उद्धव को बेनकाब करने की दी धमकी

उन्होंने शुक्रवार को महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना को परोक्ष रूप से चेतावनी देते हुए कहा कि वह पार्टी और उसके नेताओं के बारे में काफी कुछ जानते हैं और वह ‘एक के बाद एक’ कर मामले सामने लाएंगे.

नारायण राणे ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि वह जानते हैं कि किसने किससे कहा था कि भाई की पत्नी पर तेजाब फेंके.

राणे ने शुरू की जन आशीर्वाद यात्रा

राणे अपनी जन आशीर्वाद यात्रा के तहत रत्नागिरी जिले में एक रैली को संबोधित कर रहे थे. राणे ने इस हफ्ते की शुरुआत में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ टिप्पणी की थी जिससे विवाद पैदा हो गया था.

 इस संबंध में राणे को गिरफ्तार भी किया गया था और कुछ घंटे बाद उन्हें रिहा किया गया था. इस घटना को लेकर शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई थी.

संकेतों में नारायण ने साधा निशाना

केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने शुक्रवार को कहा कि मैंने उनके साथ 39 साल तक काम किया है, मैं काफी चीजें जानता हूं. मुझे पता है कि किसने अपने भाई की पत्नी पर तेजाब फेंकने के लिए कहा. यह किस तरह का संस्कार है?

शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पर परोक्ष हमला करते हुए राणे ने कहा कि एक केंद्रीय मंत्री को गिरफ्तार करके किसी को क्या मिला? मैं एक के बाद एक कर मामले सामने लाऊंगा.

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री राणे ने कहा कि सेना (शिवसेना) का एक कार्यकर्ता- वरुण सरदेसाई मेरे घर (मुंबई में) के बाहर आया था और मुझे धमकी दी थी. अगर वह अगली बार आता है, तो वह वापस नहीं जाएगा.

सरदेसाई शिवसेना की युवा इकाई ‘युवा सेना’ के नेता हैं. युवा सेना के कार्यकर्ताओं ने राणे की टिप्पणी को लेकर मंगलवार को मुंबई में राणे के बंगले के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था.

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शिवसेना से ही की थी राजनीतिक सफर की शुरुआत

राणे ने शिवसेना कार्यकर्ता के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी और 1999 में वह राज्य के मुख्यमंत्री बने. हालांकि, 2005 में, उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. उसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए और 2017 तक वहीं रहे. बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए थे.

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