औरैया: उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के अछल्दा थाना क्षेत्र में कथित तौर पर एक शिक्षक की पिटाई से दसवीं में पढ़ने वाले एक दलित छात्र की उपचार के दौरान मौत हो गयी. इसके बाद गुस्साए लोगों ने प्रदर्शन और पथराव किया. पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी उन्होंने बताया कि घटना के विरोध में मौके पर ‘भीम आर्मी’ के कार्यकर्ताओं के पहुंचने के बाद भड़के लोगों ने प्रदर्शन करते हुए पुलिसकर्मियों पर पथराव किया और एक पुलिस वाहन में आग लगा दी तथा जिलाधिकारी की गाड़ी पर भी पथराव किया.
विपक्ष ने किया सरकार का घेराव
इस मामले को लेकर मंगलवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तथा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अलग-अलग ट्वीट में गंभीर आरोप लगाते हुए सरकार को कठघरे में खड़ा किया है.
बिधूना के क्षेत्राधिकारी (सीओ) महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि आरोपी शिक्षक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और अनुसूचित जाति-जनजाति निवारण अधिनियम समेत संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.
आरोपी शिक्षक को निलंबित करने के आदेश
जिला विद्यालय निरीक्षक चंद्रशेखर मालवीय ने बताया कि आरोपी शिक्षक को निलंबित करने के आदेश विद्यालय प्रबंधक को दे दिए गए हैं. पुलिस के अनुसार, अछल्दा थाना क्षेत्र के फफूंद रोड स्थित एक इंटर कॉलेज में वैसोली गांव निवासी निखिल कुमार (15) दसवीं कक्षा में पढ़ता था.
निखिल के पिता राजू दोहरे ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि सात सितंबर को सामाजिक विज्ञान के शिक्षक अश्विनी सिंह ने टेस्ट में दो गलतियां करने पर उनके बेटे की लात-घूसों और डंडों से पिटाई की, जिससे वह बेहोश हो गया. परिजनों को जब बच्चे के बेहोश होने की जानकारी मिली तो वे स्कूल पहुंचे और बच्चे को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया. उपचार के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं होने पर निखिल को सैफई मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां सोमवार को उसकी मौत हो गयी.
प्रदर्शनकारियों ने जला दी पुलिस की जीप
पुलिस सूत्रों के अनुसार, सोमवार को छात्र की मौत की खबर के बाद इंटर कॉलेज तत्काल बंद कर दिया गया. इस बीच, ‘भीम आर्मी’ के सदस्यों ने गांव में पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया. इसके बाद भीड़ बढ़ने लगी. पुलिस के मुताबिक आक्रोशित भीड़ ने गांव पहुंची एंबुलेंस में रखे शव को जबरन निकाल कर कॉलेज के बाहर रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया.
उन्होंने कहा कि बवाल बढ़ने के बाद पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे, लेकिन परिजन अपनी मांगे पूरी होने तक शव को वहां से नहीं हटाने पर अड़े रहे. उन्होंने बताया कि इस बीच प्रदर्शनकारियों ने घटना के विरोध में पत्थरबाजी शुरू कर दी. पुलिस के मुताबिक, उग्र प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिस जीप को आग लगा दी. इतना ही नहीं उपद्रवियों ने जिलाधिकारी की गाड़ी में भी तोड़फोड़ की, लेकिन भारी संख्या में पुलिसकर्मियों और पीएसी के पहुंचते ही वे इंटर कॉलेज की इमारत में छिप गए.
पुलिस अधीक्षक, औरैया चारू निगम ने मौके पर पहुंचकर हालात को नियंत्रित किया. इस बीच, जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश श्रीवास्तव ने पीड़ित के माता-पिता से मिलकर बात की और यथासंभव मांग पूरी करने का भरोसा दिया. पुलिस महानिरीक्षक प्रशांत कुमार ने भी मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया. पुलिस सूत्रों के अनुसार, मामले के उपद्रवियों पर कार्रवाई की तैयारी भी शुरू हो गयी है. इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य से जब इस संदर्भ में बातचीत की गई तो उन्होंने बताया, ‘‘मैं पांच सितंबर से अवकाश पर था और घटना की सूचना मिलने पर आज ही पहुंचा हूं, मुझे घटना की पूरी जानकारी नहीं है.’’
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