नोएडा: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले की एक अदालत ने 10 साल की बच्ची से बलात्कार और हत्या के मामले में 35 वर्षीय व्यक्ति को फांसी की सजा सुनाई है. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी.
50 हजार का जुर्माना भी लगाया
जिला एवं सत्र अदालत ने पॉक्सो अधिनियम के तहत दोषी ठहराए गए व्यक्ति पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया. विशेष न्यायाधीश प्रतिभा सक्सेना की ओर से 18 दिसंबर को पारित आदेश में कहा गया, ‘आरोपी चंद्रपाल को फांसी दी जानी चाहिए.’
हाथरस के पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने कहा कि जघन्य अपराध के मामले में अदालत का आदेश घटना के साढ़े तीन महीने से भी कम समय में आया.
72 घंटे में पुलिस ने किया था मामले का खुलासा
जायसवाल ने कहा, ‘पुलिस ने अपराध के 72 घंटों के भीतर मामले का खुलासा कर दिया था. स्थानीय पुलिस और अभियोजन पक्ष ने इस मामले को पेशेवर रूप से वैज्ञानिक सबूतों के साथ आगे बढ़ाया, जिसके कारण हमने मामले में थोड़े समय में ही आरोपपत्र दाखिल कर दिया.’’
अधिकारी ने कहा, ‘‘परिणामस्वरूप, आरोपी के खिलाफ एक सख्त मामला अदालत के सामने पेश किया गया, जिसने सिर्फ साढ़े तीन महीने में आदेश सुना दिया.’’ यह घटना अगस्त में हुई थी.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में रेप जैसी घटनाओं में बीते 8 साल में 10 प्रतिशत की कमी आई है. लेकिन, अब भी यहां बच्चियों तक से रेप की दुर्भाग्यपूर्ण खबरें आती हैं.
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के मुताबिक, साल 2020 में यूपी में 2,759 रेप की घटनाएं दर्ज की गईं, जबकि 2018 और 2019 में यूपी में क्रमशः 3964 और 3065 रेप के केस दर्ज हुए थे.
यहां यह बताना जरूरी है कि रेप जैसी घटनाओं में कई मामले समाज और लोकलाज के चलते पीड़िताओं के आगे न आने से भी दर्ज नहीं हो पाते हैं. कई बार उन पर इतना दबाव बनाया जाता है कि वे समझौता करने पर मजबूर हो जाती हैं.
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