यूपी में आपके लिए परेशानी बन जाएगा आपका तीसरा बच्चा, सात पॉइंट में समझिए क्या है माजरा

Draft of population control bill in UP: नई नीति के तहत अगर घर का मालिक सरकारी नौकरी में है तो वह नसबंदी कराने के बाद एक्स्ट्रा इंक्रीमेंट, प्रमोशन, सरकारी आवासीय योजनाओं में छूट, पीएफ में एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन बढ़ने जैसी कई सुविधाओं को हकदार हो सकते हैं. जानिए ड्रॉफ्ट की अन्य खास बातें. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 10, 2021, 01:03 PM IST
  • दो दिन बाद योगी सरकार नई जनसंख्या नीति जारी करने जा रही है
  • आयोग का कहना है कि वह कानून का मसौदा स्वप्रेरणा से तैयार कर रहा है
यूपी में आपके लिए परेशानी बन जाएगा आपका तीसरा बच्चा, सात पॉइंट में समझिए क्या है माजरा

लखनऊः Draft of population control bill in UP: उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानूनी उपायों के रास्ते बनने लगे हैं. राज्य विधि आयोग ने यूपी जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण व कल्याण) विधेयक-2021 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. 

इसमें दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन से लेकर स्थानीय निकायों में चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का प्रस्ताव है. सरकारी योजनाओं का भी लाभ न दिए जाने का जिक्र है. आयोग ने ड्राफ्ट अपनी वेबसाइट http://upslc.upsdc.gov.in/ पर अपलोड कर दिया है. 19 जुलाई तक जनता से राय मांगी गई है.

जारी होने वाली है नई जनसंख्या नीति
विधि आयोग ने यह ड्राफ्ट ऐसे समय में पेश किया है, जब दो दिन बाद योगी सरकार नई जनसंख्या नीति जारी करने जा रही है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसमें खास तौर पर समुदाय केंद्रित जागरूकता कार्यक्रम अपनाने पर जोर दिया है.

हालांकि आयोग का कहना है कि वह कानून का मसौदा स्वप्रेरणा से तैयार कर रहा है. यूपी में सीमित संसाधन व अधिक आबादी के कारण ये कदम उठाने जरूरी हैं.

नसबंदी कराने वालों को मिलेंगी यह भी सुविधाएं
1. नई नीति के तहत अगर घर का मालिक सरकारी नौकरी में है तो वह नसबंदी कराने के बाद एक्स्ट्रा इंक्रीमेंट, प्रमोशन, सरकारी आवासीय योजनाओं में छूट, पीएफ में एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन बढ़ने जैसी कई सुविधाओं को हकदार हो सकते हैं. 

2. इसके अलावा दो बच्चों वाले दंपती अगर सरकारी नौकरी में नहीं हैं तो उन्हें पानी, बिजली, हाउस टैक्स, होम लोन में छूट व अन्य सुविधाएं देने का प्रस्ताव है.

3. एक संतान पर खुद से नसबंदी कराने वाले हर अभिभावकों को संतान के 20 वर्ष तक मुफ्त इलाज, शिक्षा, बीमा शिक्षण संस्था व सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देने की सिफारिश है और इसके अंतर्गत सरकारी नौकरी वाले दंपती को चार अतिरिक्त इंक्रीमेंट देने का सुझाव भी है.

4. अगर दंपती गरीबी रेखा के नीचे हैं और एक संतान के बाद ही स्वैच्छिक नसबंदी करवाते हैं तो उनके बेटे के लिए उसे 80 हजार और बेटी के लिए एक लाख रुपये एकमुश्त दिए जाने की भी सिफारिश की गई है.

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कानून का उल्लंघन करने पर चली जाएगी नौकरी
5. अगर यह कानून लागू हुआ तो एक वर्ष में सभी सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों, स्थानीय निकाय में चुने जनप्रतिनिधियों को शपथपत्र देना होगा कि वह इसका उल्लंघन नहीं करेंगे. 
इसमें सरकारी कर्मचारियों का प्रमोशन रोकने व बर्खास्त करने तक की सिफारिश है.

6. हालांकि, ऐक्ट लागू होते समय प्रेगेनेंसी हैं या दूसरी प्रेगनेंसी के समय जुड़वा बच्चे होते हैं तो ऐसे केस कानून के दायरे में नहीं आएंगे. 
अगर किसी का पहला, दूसरा या दोनों बच्चे नि:शक्त हैं तो उसे भी तीसरी संतान पर सुविधाओं से वंचित नहीं किया जाएगा. तीसरे बच्चे को गोद लेने पर भी रोक नहीं रहेगी.

एक से ज्यादा शादियां की तो?
7. अगर कोई व्यक्ति एक से अधिक शादियां करता है और सभी पत्नियों से मिलाकर उसके दो से अधिक बच्चे हैं तो वह भी सुविधाओं से वंचित होगा. वहीं, अगर महिला एक से अधिक विवाह करती है और अलग-अलग पतियों से मिलाकर दो से अधिक बच्चे होने पर उसे भी सुविधाएं नहीं मिलेंगी.

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