काशी विश्वनाथ के बाद अब विंध्याचल कॉरिडोर का निर्माण, EXCLUSIVE PHOTOS

काशी और अयोध्या के बाद अब बीजेपी विंध्यावासिनी देवी की शरण में है. अयोध्या में मंदिर और काशी में विश्वानाथ कॉरिडोर के शिलान्यास के बाद अब योगी सरकार विंध्याचल कॉरिडोर का निर्माण करने वाली है. इसकी पूरी तैयारी हो चुकी है. 1 अगस्त गृहमंत्री अमित शाह विंध्याचल कॉरिडोर की आधारशिला रखेंगे. ऐसे में सवाल ये है कि क्या बीजेपी 2022 के चुनाव में माता विंध्यावासिनी के भरोसे पूर्वांचल की जंग जीतना चाहती है. क्या है बीजेपी का प्लान और विंध्याचल कॉरिडोर का ब्लू प्रिंट क्या है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 23, 2021, 12:05 AM IST
  • पहले श्रीराम, अब माता का दरबार
  • विंध्यवासिनी के आशीर्वाद से बेड़ा पार!
काशी विश्वनाथ के बाद अब विंध्याचल कॉरिडोर का निर्माण, EXCLUSIVE PHOTOS

नई दिल्ली: अयोध्या में श्रीराम मंदिर के पुनर्निर्माण के बाद अब 2022 में यूपी विजय के लिए बीजेपी माता के दरबार में पहुंच रही है. काशी और अयोध्या के बाद विंध्याचल बीजेपी के दर्शन में सबसे ऊपर है. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के आकार लेने के बाद अब योगी सरकार विंध्याचल कॉरिडोर के कायाकल्प में लग गई है.

माता का दरबार, बीजेपी के लिए जीत का द्वार!

विंध्याचल कॉरिडोर का कायाकल्प कैसे होगा, कितने दिनों में होगा? और इसके लिए सरकार का क्या प्लान है. ज़ी मीडिया के पास इसका EXCLUSIVE ब्लूप्रिंट है. पहले आपको बताते हैं कि योगी सरकार इसकी शुरुआत कब करने वाली है.

1 अगस्त को विंध्याचल कॉरिडोर का श्रीगणेश

विंध्याचल कॉरिडोर का शिलान्यास गृहमंत्री अमित शाह करने वाले हैं. इसके लिए 1 अगस्त को वो मिर्जापुर जाएंगे. यहां वो विंध्यावासिनी माता का आशीर्वाद लेंगे और विंध्याचल कॉरिडोर का शिलान्यास करेंगे. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री के काशी दौरे और अब गृहमंत्री के मिर्जापुर दौरे से बीजेपी पूरी तरह से चुनावी मोड में आ चुकी है.

यूपी में बीजेपी का चुनावी प्लान क्या है, ये हम आपको बाद में बताएंगे लेकिन उससे पहले विंध्याचल कॉरिडोर की EXCLUSIVE तस्वीरें देख लीजिये.

नीचे दी हुई तस्वीर को देखिए, जिसमें गंगा किनारे का पूरा वो इलाका है जिसमें विंध्याचल कॉरिडोर को विकसित किया जाएगा. सरकार के प्लान के मुताबिक यहां पर मंदिर का पुनरुद्धार किया जाएगा, मेन गेट कॉम्पलेक्स बनाया जाएगा.

नीचे दी हुई इन दो तस्वीरों को देखकर आप समझ सकते हैं कि विंध्याचल कॉरिडोर मौजूदा मंदिर से कैसे अलग होगा.

नीचे दी हुई चौथी तस्वीर Proproposed Intervention Plan की है.

एक बार जब मंदिर का Structure तैयार हो जाएगा, तो ये कुछ इस तरह का दिखेगा.

मंदिर का मुख्य मार्ग पर ऊंचे दरवाजे बनाए जाएंगे, जो भारत के पुरातन संस्कृति को दिखाएगी.

यूपी सरकार के प्लान के मुताबिक विंध्याचल कॉरिडोर के निर्माण के लिए 800 मकानों को हटाया गया है. 320 करोड़ की लागत से पूरा कॉरिडोर बनाया जाना है. नए कॉरिडोर में मंदिर परिसर के साथ-साथ नया परिक्रमा मार्ग भी बनाया जाएगा और गंगा घाट से सीधे मंदिर मार्ग को चौड़ा किया जाएगा.

विंध्याचल मंदिर के चारों तरफ 50 फीट का परिक्रमा पथ होगा. मंदिर की चारों गलियों को चौड़ा किया जाएगा. मंदिर तक पहुंचने वाली चारों गलियों को 35 फीट चौड़ा किया जाएगा. न्यू वीआईपी, ओल्ड वीआईपी, कोतवाली रोड, गंगा घाट की गली को चौड़ा किया जाएगा. आप कह सकते हैं कि जिस तरह से काशी विश्नाथ कॉरिडोर का निर्माण हो रहा है विंध्याचल कॉरिडोर भी कुछ ऐसा ही होगा.

विंध्यवासिनी देवी के आशीर्वाद से पूर्वांचल विजय?

अब सवाल ये है कि 16 दिनों के अंदर पहले प्रधानमंत्री और अब गृहमंत्री के पूर्वांचल दौरे की वजह क्या है. आखिर बीजेपी इस धर्म कर्म के काम से क्या हासिल करना चाहती है.

दरअसल, बीजेपी की नजर पूरे पूर्वांचल पर है. पूर्वांचल में कुल 156 सीटें हैं. अगर 2017 की बात करें तो कुल 156 सीटों में 2017 में BJP को 106, समाजवादी पार्टी को 18, BSP को 12, Apna Dal को 8, SBSP को 4, निषाद पार्टी को 1, कांग्रेस को 4 और निर्दलीय उम्मीदवारों ने 3 सीटें जीतीं थी. बीजेपी 2022 में 2017 वाले नतीजे दोहराना चाहती है.

दरअसल बीजेपी यूपी में विकास को आध्यात्म से जोड़ रही है. काशी और अयोध्या के बाद अब विंध्याचल कॉरिडोर के निर्माण से बीजेपी एक ओर तो हिंदुओं को खुश कर पाने में सफल होगी दूसरी ओर पर्यटन के जरिये इन जगहों पर विकास को एक नए मुकाम तक पहुंचा पाएगी. और आने वाले चुनाव में बीजेपी को इन दोनों से फायदा होगा.

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