पटना. बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जुबान क्या फिसली भाजपा ने अब मुख्यमंत्री को घेरना शुरू कर दिया है. दरअसल मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बोलते हुए खुद को अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में गृह मंत्री बता दिया था. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि हमको तो जीवन में पहली बार मालूम पड़ा कि नीतीश कुमार जब केंद्र में गृह मंत्री थे तो उन्होने खिलाड़ियों को नौकरी दी थी. गौरतलब है कि बिहार में अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर मेडल पाने वाले खिलाड़ियों के लिए नौकरी की नीति का ऐलान किया है. इसी संबंध में सदन में बोलते हुए नीतीश कुमार की जुबान फिसल गई.
प्रदेश बीजेपी बीजेपी अध्यक्ष का तंज
उन्होने कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार थी, तब हम केंद्र में गृहमंत्री थे, हमने तब लाखों खिलाड़ियों को नौकरी दी थी. बिहार भाजपा के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने अपनी फेसबुक वॉल पर पोस्ट करते हुए लिखा कि आज जीवन में पहली बार मालूम हुआ कि नीतीश कुमार जब केंद्र में गृह मंत्री थे, तो उन्होंने खिलाड़ियों को नौकरी दिया था. नीतीश कुमार इतने लायक थे कि अटल जी ने चोरी से इनको गृहमंत्री बना दिया और कभी उन्होंने दुनिया के सामने इसको प्रकट नहीं होने दिया. नीतीश कुमार ने भी गोपनीय गृहमंत्री के नाते जिन लाखों खिलाड़ियों को नौकरी दिया उनके बारे मे आज तक किसी को पता नहीं है. उल्लेखनीय है कि हाल ही में नीतीश कुमार की सरकार ने खेल के क्षेत्र में मेडल जीतकर लाने वाले बिहार के खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दिए जाने की घोषणा की है.
'सुशील मोदी ने साधा निशाना'
इस बीच पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के बीच जो भी डील हुई हो, लेकिन तेजस्वी प्रसाद यादव को जमीनी हकीकत का एहसास हो गया है कि न वे अभी सीएम बन सकते हैं, न नीतीश कुमार कभी पीएम बन सकते हैं. मोदी ने कहा कि सीएम, पीएम के सपने देखने वाले चाचा-भतीजा अपने समर्थकों से नारे लगवा कर या पोस्टर-होडिर्ंग्स के जरिये अपनी महत्वाकांक्षा प्रकट करते रहे हैं. अब दोनों सफाई देते फिर रहे हैं कि उन्हें बड़े पद पाने की इच्छा नहीं है.
'राजद अब दबाव बनाने की स्थिति में नहीं'
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार 2023 में तेजस्वी यादव को कुर्सी सौंपने की बात से पलट चुके हैं और राजद भी अब कोई दबाव बनाने की स्थिति में नहीं है. मोदी ने कहा कि जो तेजस्वी यादव कह रहे थे कि उन्हें मुख्यमंत्री बनने की जल्दी नहीं है, वही अब पद की इच्छा त्याग कर अचानक संत कैसे हो गए? उन्होंने कहा कि 2024 और 2025 में जब राजद-जदयू अस्तित्व बचाने के लिए जूझ रहे होंगे, तब सीएम-पीएम तो बहुत दूर की बात होगी. अच्छी बात है कि तेजस्वी यादव ने इस सच को स्वीकार किया. मोदी ने कहा कि ममता बनर्जी और अखिलेश यादव कांग्रेस को अलग रख कर फ्रंट बनाने का एलान कर चुके हैं. नीतीश कुमार को न ममता पूछ रही हैं, न केसीआर ने भाव दिया.
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