कौन हैं जॉर्ज सोरोस, जो हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद फिर सुर्खियों में आए? भारत के मामलों में घुसेड़ते हैं अपनी नाक

Who is George Soros: हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद जॉर्ज सोरोस फिर से भारत में सुर्खियां बटोर रहे हैं. इससे पहले भी वह समय-समय पर भारत में चर्चा में आए हैं. जानिए कौन हैं जॉर्ज सोरोस, उनसे जुड़े क्या विवाद हैं और उन पर किन तरीकों के गंभीर आरोप हैं, जानिए यहांः

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 12, 2024, 05:21 PM IST
  • भारत में पहले भी सुर्खियों में रहे हैं सोरोस
  • पीएम मोदी के आलोचक माने जाते हैं
कौन हैं जॉर्ज सोरोस, जो हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद फिर सुर्खियों में आए? भारत के मामलों में घुसेड़ते हैं अपनी नाक

नई दिल्लीः Who is George Soros: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद बीजेपी ने सोमवार को हंगरी में पैदा हुए अमेरिकी निवेशक जॉर्ज सोरोस पर निशाना साधा. बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा, जॉर्ज सोरोस हिंडनबर्ग रिसर्च के मुख्य निवेशक हैं. उन्होंने कहा कि आज हम कुछ मुद्दे उठाना चाहते हैं. हिंडनबर्ग में किसका निवेश है? क्या आप जॉर्ज सोरोस को जानते हैं जो नियमित रूप से भारत के खिलाफ प्रचार करते हैं. वह वहां के मुख्य निवेशक हैं.' 

भारत में पहले भी सुर्खियों में रहे हैं सोरोस

यह पहली बार नहीं है जब जॉर्ज सोरोस का नाम चर्चा में आया है. इससे पहले भी भारत में उन्होंने सुर्खियां बटोरी थीं. अक्तूबर 2023 में जॉर्ज सोरोस समर्थित गैर लाभकारी मीडिया संस्था OCCRP ने भारतीय कारोबारी गौतम अडानी और अनिल अग्रवाल पर आरोप लगाए थे. आरोप था कि अडानी समूह ने खुद से चुपचाप तरीके से लाखों डॉलर के अपने शेयर खरीदे हैं. 

पीएम मोदी के आलोचक माने जाते हैं

इससे पहले जब हिंडनबर्ग की अडानी को लेकर पहली बार रिपोर्ट आई थी तब भी उन्होंने पीएम मोदी के खिलाफ टिप्पणी की थी. इसके बाद पिछले साल ही जब राहुल गांधी ने अमेरिका का दौरा किया था तो उनकी एक फोटो बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने शेयर की थी. उन्होंने दावा किया था कि राहुल के साथ एक महिला सुनीता विश्वनाथ है जिन्हें जॉर्ज सोरोस से आर्थिक मदद मिलती है.

जॉर्ज सोरोस पीएम मोदी के भी आलोचक माने जाते हैं. ऐसे में जानिए ये कौन हैं?

जॉर्ज सोरोस साल 1930 में हंगरी के बुडापेस्ट में जन्मे हैं. वह यहूदी हैं और उनका परिवार काफी समृद्ध था. हालांकि द्वितीय विश्व युद्ध के समय हंगरी में नाजी जर्मनी के आक्रमण के चलते उन्हें काफी ठोकरें खानी पड़ी थी. बाद में उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई की. उन्होंने रेलवे पोर्टर और वेटर के तौर पर काम भी किया.

सोरोस पर कई गंभीर आरोप

वह 1947 में लंदन चले गए. यहां उन्होंने लंदन मर्चेंट बैंक में भी काम किया. इसके बाद वह न्यूयॉर्क शिफ्ट हो गए. यहां उन्होंने एनालिस्ट के तौर पर काम किया. सोरोस पर आरोप लगते हैं कि उन्होंने 1997 में थाईलैंड की मुद्रा को कमजोर किया. उन्होंने 1984 में एक परोपकारी संगठन ओपन सोसायटी फाउंडेशन शुरू किया. 

सोरोस ने ह्यूमन राइट्स वॉच को 2010 में 100 मिलियन डॉलर का दान दिया था. फिलहाल सोरोस का फाउंडेशन 70 से ज्यादा देशों में काम करता है. सोरोस पर आरोप लगते हैं कि वह अपने पैसे और प्रभाव का इस्तेमाल करके राजनीति को आकार देने और सत्ता बदलने का काम करते हैं. 

बैंक ऑफ इंग्लैंड को किया बर्बाद

सोरोस एक निवेशक, सट्टा लगाने वाले और कारोबारी हैं. हालांकि उन्हें खुद को सामाजिक कार्यकर्ता और दार्शनिक कहलवाना पसंद है. उन पर दुनिया के देशों में चुनावों को प्रभावित करने के लिए फंडिंग करने के भी आरोप लगते हैं. सोरोस पर एक बड़ा आरोप यह भी है कि उन्होंने 1992 में बैंक ऑफ इंग्लैंड को बर्बाद कर दिया था और इससे खुद पैसा कमाया था.

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