नई दिल्ली: शाहीन बाग एक बार फिर देश विरोधी और एक खास तरह के धर्मांध मजहबी नारों से गूंज रहा है. लेकिन इसके खिलाफ सरकार को जो कार्रवाई करनी चाहिए वह नहीं हो रही है. ये देखकर बहुत से राष्ट्र प्रेमियों को आश्चर्य हो रहा है.
क्योंकि वो देख चुके हैं कि बगल में उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने चंद घंटों में लखनऊ में शाहीन बाग जैसा ड्रामा बंद करा दिया था. उन्हें लगता है कि आखिर दिल्ली में मोदी सरकार हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठी है?
ये है इसकी मूल वजह-
1. बिलों से निकल कर बाहर आ रहे हैं देश विरोधी जहरीले आतंकी सांप
केन्द्र सरकार ने शाहीन बाग में देश विरोधियों के जमावड़े को जो छूट दी है. ये उसी का नतीजा है कि पूरे देश के राष्ट्रविरोधी जहरीले सांप निकल निकल कर बाहर आ रहे हैं. उनके देश तोड़ने वाले घातक इरादों का खुलासा हो रहा है.
जामिया के शरजील इमाम ने अपनी मूर्खता में असम को तोड़ने की बात कहकर इन गद्दारों के असली इरादों को सामने ला दिया है.
There’s reason govt has allowed #ShaheenBagh circus to drag on. Sleeper cells like Sharjeel Imam are crawling out of the woodwork, videos, money trail, clues and evidence are being collected, and the real motive behind #CAAprotests is getting clear to all pic.twitter.com/pAXjHHguLO
— Abhijit Majumder (@abhijitmajumder) January 25, 2020
2. तिरंगे और संविधान की आड़ में छिपे अराजकतावादी गुंडों के चेहरों की पहचान
शाहीन बाग में जब प्रदर्शन की शुरुआत हुई तो तिरंगे लहराए जा रहे थे. संविधान की प्रस्तावना पढ़ी जा रही थी. ऐसा जताया जा रहा था जैसे यहां इकट्ठा हुए आंदोलनकारी संविधान बचाने के लिए इकट्ठा हुए हैं. उनकी मंशा बेहद पाक साफ है. यह लोग केन्द्र सरकार को ही कठघरे मे खड़ा करने की कोशिश कर रहे थे.
लेकिन जैसे जैसे आंदोलन आगे बढ़ता गया. इसका बदसूरत धर्मान्ध कट्टरपंथी चेहरा सामने आ गया. आखिरकार मंच से ही मजहबी कट्टरपंथी नारे लगाए जाने लगे. आतंकवादियों के समर्थन, जेहाद और इस्लाम की बातें की जाने लगी.
The law-abiding patriots of #ShaheenBagh
In this video she is praising a great freedom fighter - Afzal Guru. pic.twitter.com/6AwV8ZbzOg
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) January 26, 2020
अगर सरकार ने शाहीन बाग में शुरु में ही कार्रवाई कर दी होती तो शायद देश को पता नहीं चलता कि संविधान की आड़ लेकर कितने देश विरोधी गद्दार अंदर बैठे साजिश कर रहे हैं.
3. विपक्षी दलों का आतंकी समर्थक चेहरा खुला
शाहीन बाग के देश विरोधियों को भाजपा के सिवा लगभग हर विपक्षी राजनीतिक दल ने समर्थन दिया. कांग्रेस ने शशि थरुर, दिग्विजय सिंह जैसे अपने वरिष्ठ नेताओं को यहां देश विरोधियों का हौसला बढ़ाने भेजा.
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने समर्थन जताया. उनके साथी मनीष सिसौदिया खुलकर शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों का साथ दे रहे हैं. आम आदमी पार्टी का विधायक अमानतुल्लाह एक वीडियो में देश तोड़ने की धमकी देने वाले शरजील इमाम के साथ मंच साझा करता हुआ दिखाई दे रहा है.
इतने मासूम तो मत बनो, केजरीवाल... पूरी दिल्ली जानती है की शहीन बाग के पीछे कौन कौन लोग हैं।#AAPWithTukdeTukde https://t.co/u5ePProbSM pic.twitter.com/dzETL5NZ0i
— Amit Malviya (@amitmalviya) January 27, 2020
वामपंथी दलों का चेहरा तो खुलकर सामने आ चुका है. उनके बारे में तो अब दुनिया जान चुकी है. लेकिन कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल जैसी राजनीतिक पार्टियां खुलकर देश के विरोध में उतरे शाहीन बाग के गद्दारों के समर्थन में हैं.
ये भी पढ़ें-तो क्या 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' की सबसे बड़ी हिमायती है कांग्रेस पार्टी?
ये भी पढ़ें-कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह को दिया CAA पर आग लगाने का जिम्मा
BJP देश की सबसे धनी राजनीतिक दल है! नोटबन्दी जैसे कारनामों से इतना काला धन अर्जित किया है जिसकी कोई सीमा नहीं!
अगर #ShaheenBaghProtest बिकाऊ होता तो BJP एक दिन में इसे बंद करवा देती!
सच्चाई यह है कि आज #शाहीन_बाग की प्रेरणा से हज़ारों #शाहीनबाग़ देश के हर कोने में दिख रहे हैं! https://t.co/G3hwgzlajW
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) January 21, 2020
4. मीडिया में छिपे देश विरोधी तत्वों की पहचान
CAA का विरोध जब से शुरु हुआ है. तब से मीडिया और बुद्धिजीवी चेहरे लगाए कट्टरपंथियों के चेहरों से नकाब उतरना शुरु हो गया है. ये लोग बता रहे है कि किस तरह धर्मांध लोग अपनी मजहबी रणनीति को उदारवादी बयानों की आड़ में आगे बढ़ा रहे थे. अब इन चेहरों का खुलासा हो रहा है.
Hey Ms. #Shame
Here is some more free publicity for you. https://t.co/GtB6yGVKwr pic.twitter.com/CEpPnACjKO— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) January 26, 2020
ये भी पढ़िए-शाहीन बाग: मन में दंगा, हाथ में तिरंगा
ये वही शाहीन बाग है जहां कट्टपंथियों का समर्थन करने वाले पत्रकारों का तो स्वागत होता है. लेकिन अगर कोई सच जानने का इच्छुक वहां जाए तो उसके साथ बदसलूकी की जाती है और उसे पीटा जाता है.
सुन रहे हैं कि संविधान ख़तरे में है, सुन रहे हैं कि लड़ाई प्रजातंत्र को बचाने की है! जब मैं शाहीन बाग की उसी आवाज़ को देश को दिखाने पहुँचा तो वहाँ मॉब लिंचिंग से कम कुछ नहीं मिला! #CAAProtests #ShaheenBagh pic.twitter.com/EhJxfWviTp
— Deepak Chaurasia (@DChaurasia2312) January 24, 2020
शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रवादी विचारधारा पत्रकारों से विशेष चिढ़ है-
आज मैं और @DChaurasia2312 #ShaheenBagh गए।प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हम शाहीन बाघ में ‘Allowed’नहीं हैं।रोकने के लिए पहली पंक्ति में महिलाओं को खड़ा कर दिया।पुरुष पीछे खड़े हो गए।नारेबाज़ी हुई।राजधानी में ये वो जगह है जहां पुलिस भी नहीं जा सकती।लोकतंत्र का मज़ाक़ है ये। pic.twitter.com/ZAbQg2EmXl
— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) January 27, 2020
यहां तक कि शाहीन बाग का सच जानने की इच्छुक अकेली महिलाओं को भी नहीं बख्शा जाता-
1/2 Don't think even to go #ShaheenBagh वहाँ की भीड़ ने आज मुझे मार ही दिया था।
I went there to capture what is happening there and I asked a old man why he is there for #ShaheenBaghProtests ? With his permission I was shooting a video and then mob ने मुझे घेर लिया@DelhiPolice pic.twitter.com/Dq5YtHGjHv— Dr.Deepa Sharma (@deepadoc) January 16, 2020
यहां तक कि शाहीन बाग के गद्दारों को देश के राष्ट्रीय मीडिया दूरदर्शन से भी आपत्ति है. शाहीन बाग में दूरदर्शन की टीम को भी नहीं बख्शा गया.
#ShaheenBagh में आज जब @DDNewsHindi की टीम पहुंची तो वहां गुंडों ने जबरन कैमरा बन्द करा दिया और हमारे रिपोर्टर @Nitendradd और वीडियो जर्नलिस्ट प्रमोद के साथ बदसलूकी की। ये "शांतिपूर्ण" प्रदर्शन है? आखिर ऐसा क्या गैरकानूनी काम हो रहा है #शाहीन_बाग में जो दिखाने से रोका जा रहा है? pic.twitter.com/SjSAwIbHCY
— Ashok Shrivastav (@ashokshrivasta6) January 24, 2020
5. बिकाऊ प्रदर्शनकारियों का खुलासा
शाहीन बाग के वाकये से एक और दिलचस्प बात ये पता चली है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक ऐसा वर्ग भी मौजूद है, जिसे ना तो किसी विचारधारा से मतलब है और ना ही किसी मुद्दे से. उसे पैसों का लालच देकर या बहकाकर बड़ी आसानी से किसी भी तरह के धरना प्रदर्शन में लाया जा सकता है.
Shaheen Bagh protest is sponsored... सारा कांग्रेस का खेल है... pic.twitter.com/JOKIO2qK7P
— Amit Malviya (@amitmalviya) January 15, 2020
शाहीन बाग में मौजूद महिलाओं को ये भी पता नहीं होता कि वह किसलिए प्रदर्शन कर रही है. उन्हें शायद बस उस पैसे से मतलब है जो दिन भर प्रदर्शन के बाद उन्हें मिलते हैं.
#ShaheenBaghSham pic.twitter.com/sQG4uahTV8
— Amit Malviya (@amitmalviya) January 18, 2020
6. देश भर के मजहबी कट्टरपंथियों के इकट्ठा होने का सबूत
शाहीन बाग के देशद्रोही जमावड़े ने ये साबित कर दिया है कि केन्द्र सरकार की 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' की कोशिश के खिलाफ पूरे देश के मजहबी कट्टरपंथी इकट्ठा हो गए हैं और कांग्रेस उन्हें सपोर्ट कर रही है. ज़ी मीडिया के हाथ लगे दस्तावेजों से ये खुलासा हुआ है कि केरल का अतिवादी संगठन पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया, जो प्रतिबंधित संगठन 'सिमी' की जगह पर बनाया गया है, वह शाहीनबाग के प्रदर्शनकारियों की फंडिंग कर रहा है. खास बात ये है कि इस पूरे मामले में कांग्रेस का साफ हाथ नजर आ रहा है. क्योंकि वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और अधिवक्ता कपिल सिब्बल का नाम इसमें प्रमुखता से लिया जा रहा है.
ये भी पढ़िए-शाहीन बाग के गद्दारों को यहां से मिल रहा पैसा, ज़ी मीडिया ने किया खुलासा
ये भी पढ़िए-शाहीन बाग पर ज़ी मीडिया का खुलासा: क्या PFI ने कपिल सिब्बल को दी मोटी रकम?
ये भी पढ़िए-शाहीन बाग पर ज़ी मीडिया का खुलासा: PFI की कश्मीर यूनिट को मिले 1.65 करोड़ रुपये
ये सभी सनसनीखेज खुलासे पिछले 40 दिनों के दौरान ही हुए हैं. शाहीन बाग के राष्ट्रविरोधी जमावड़े को शुरु में ही कुचल देना बेहद आसान था. लेकिन ऐसा कर दिया गया होता तो देश में जगह जगह पनप रहे इन भारत विरोधियों की पहचान नहीं हो पाती.
अब वक्त आ गया है कि इन्हें इनकी सही जगह दिखा दी जाए.
ये भी पढ़िए-अगर शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी नहीं माने तो वहां बन सकता है जंग का मैदान
ये भी पढ़िए-CAA के बहाने सांप बनकर देश को डंसना चाहते हैं ये लोग