दिल्ली: नागरिकता कानून के विरोध के नाम पर कुछ कथित छात्र सांप बनकर देश को डसना चाहते हैं. इनमें अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जेएनयू और जामिया के कई लोग शामिल हैं. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष फैजुल हसन ने विवादित बयान दिया था. शाहीन बाग में पहले से ही आजाद कश्मीर और जिन्ना वाली आजादी के नारे लग रहे हैं. इसलिये हमें कहना पड़ रहा है कि ये लोग ऐसे सांप हैं जो अपने ही देश को डसना चाहते हैं.
अलीगढ़ में पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष ने दिया था देश विरोधी बयान
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अध्यक्ष फैजुल हसन ने विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि जब तक नागरिकता संशोधन कानून वापस नहीं होता है, हमारा आंदोलन खत्म नहीं होगा, चाहे छह माह लगें या छह साल. हम उस कौम से हैं कि अगर बर्बाद करने पर आएंगे तो किसी भी देश को छोड़ेंगे नहीं. जिन्ना की सोच वाले इन लोगों में अहंकार इतना अधिक है कि इन्हें अपने बयान पर जरा सा भी अफसोस नहीं है.
जेएनयू छात्र ने असम को भारत से काटने की दी धमकी
CAA और NRC के खिलाफ देशभर में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच एक बेहद आपत्तिजनक भाषण सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. यह वीडियो जेएनयू (JNU) के एक छात्र शरजिल इमाम का बताया जा रहा है. वीडियो में इमाम बेहद आपत्तिजनक भाषण देते हुए असम (Assam) को भारत (India) से काट देने की बात कर रहा है. शरजिल इमाम हिंदुओं से कहता है कि हम गैर मुस्लिमों से बोले की अगर हमदर्द हो तो हमारी शर्तों पर आकर खड़े हों अगर हमारी शर्तों पर आकर नहीं खड़े हो सकते तो उन्हें हमदर्द नहीं मान सकते.
वामपंथी कर रहे हिंदू धर्म का अपमान
नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA) संसद में पारित होने के बाद से ही भारत के वामपंथियों और कट्टरपंथियों के लिए एक विवादित क़ानून बन गया है. शाहीन बाग में जिन्ना वाली आजादी के नारे लगे और हिंदू धर्म पर अभद्र टिप्पणियां की गईं. इसमें सबसे आगे वामपंथी हैं. इन लोगों ने कश्मीर को भारत से अलग करने के लिये भी नारेबाजी की थी.
भाजपा ने की कठोर आलोचना
इसी को लेकर आज भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर यह कहा कि शाहीन बाग तौहीन बाग है और यहां भारत के टुकड़े-टुकड़े करने की कोशिश की जा रही है. संबित पात्रा ने ये भी पूछा कि सिसोदिया ने क्यों कहा कि वो शाहीन बाग की महिलाओं के साथ हैं. केजरीवाल जी जवाब दो, राहुल जी जवाब दो आप क्यों देश के टुकड़े-टुकड़े करने वालों के साथ हो.
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