नई दिल्ली. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में 2023-24 का आम बजट पेश किया. बजट में कृषि, पीएम आवास योजना समेत तमाम क्षेत्रों में जमकर धनराशि आवंटन किया गया है. लेकिन बजट में एक विभाग ऐसा भी है जिसके बढ़ाए गए बजट को लेकर चीन की सरकार जरूर चिंतित होगी. यह विभाग है बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन यानी बीआरओ. मोदी सरकार ने इस साल सीमावर्ती इलाकों में सड़क निर्माण का बजट 43 फीसदी बढ़ा दिया है. सरकार की तरफ से बीआरओ को 5000 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं. विभाग का बजट दो साल में सरकार ने लगभग दो गुना कर दिया है.
क्या है बीआरओ
बीआरओ देश के सीमावर्ती इलाकों में महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने का काम करता है. बीते कुछ सालों में इस विभाग का बजट लगातार बढ़ता रहा है. विभाग ने सीमाओं पर सड़क निर्माण के क्षेत्र में बेहतरीन काम किया है.
एलएसी विवाद के बीच बढ़ाया जा रहा है बजट
यह ध्यान देने योग्य बात है कि चीन के साथ चल रहे वास्तविक नियंत्रण रेखा विवाद के बीच बीआरओ का बजट सरकार ने बढ़ाया है. उद्देश्य यह है कि सीमा के पास स्थित दुर्गम इलाकों में सड़क निर्माण की प्रक्रिया तेज हो जिससे किसी भी मुश्किल वक्त में सेनाओं की आवाजाही को सुगम बनाया जा सके.
सीमा के पास इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने के लिए कुख्यात है चीन
भारत से लगी सीमाओं के पास चीन लगातार अपने विवादित इंफ्रास्ट्रक्चर खड़े करता रहा है. वैसे भी अपने पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद को लेकर चीन कुख्यात रहा है. शायद ही उसका कोई पड़ोसी देश हो जिसके साथ सीमा विवाद नहीं चल रहा है. ऐसे में सीमाओं के पास अपनी दखलंदाजी बढ़ाने के लिए वह इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करता है.
भारत भी दे रहा है जोर
भारत ने भी बीते कुछ सालों में तेजी के साथ सीमा के पास मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने के गंभीर प्रयास शुरू किए हैं. मोदी सरकार में इस पर विशेष जोर दिया गया है. ऐसे में इस बार के बजट में बीआरओ के बढ़े बजट को लेकर जरूर निगाहें लगी होंगी. क्योंकि भारत सीमाओं के पास अपनी उपस्थिति जितनी मजूत करेगा...चीन का चिंतित होना स्वाभाविक है.
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