पूजा खेडकर मामले के बीच UPSC चेयरमैन मनोज सोनी का इस्तीफा, क्यों पांच साल पहले छोड़ दिया पद

यूपीएससी चेयरमैन मनोज सोनी ने निजी कारणों का हवाला देकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. न्यूज एजेंसी ANI ने शनिवार को कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के सूत्रों के हवाले से बताया कि उनका इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 20, 2024, 10:50 AM IST
  • कौन हैं मनोज सोनी
  • क्या है पूरा मामला
पूजा खेडकर मामले के बीच UPSC चेयरमैन मनोज सोनी का इस्तीफा, क्यों पांच साल पहले छोड़ दिया पद

नई दिल्लीः यूपीएससी चेयरमैन मनोज सोनी ने निजी कारणों का हवाला देकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. न्यूज एजेंसी ANI ने शनिवार को कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के सूत्रों के हवाले से बताया कि उनका इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है. मनोज सोनी के इस्तीफे की जानकारी ऐसे समय में आई है जब ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर का मामला सुर्खियों में है और शुक्रवार को संघ लोक सेवा आयोग ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.

उनका कार्यकाल साल 2029 में खत्म होना था लेकिन उन्होंने पांच साल पहले ही पद छोड़ने का फैसला किया है. उन्होंने पिछले साल 16 मई को यूपीएससी अध्यक्ष के रूप पदभार संभाला था.

पूजा खेडकर मामले से संबंध नहींः रिपोर्ट

वहीं 'द हिंदू' ने उच्च सूत्रों के हवाले से बताया कि मनोज सोनी ने करीब एक महीने पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि सूत्र ने यह साफ किया कि मनोज सोनी के इस्तीफे का पूजा खेडकर मामले से कोई संबंध नहीं है. 

रिपोर्ट में सूत्रों ने बताया कि मनोज सोनी ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंप दिया है. वह गुजरात में स्वामीनारायण संप्रदाय की शाखा अनुपम मिशन में और अधिक समय देने के इच्छुक हैं. उन्होंने साल 2020 में दीक्षा प्राप्त की थी. इसके बाद वह मिशन में एक भिक्षु या निष्काम कर्मयोगी बन गए थे.

पीएम मोदी के करीबी माने जाते हैं

मनोज सोनी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है. साल 2005 में नरेंद्र मोदी ने गुजरात का तत्कालीन सीएम रहते हुए वडोदरा की एमएस यूनिवर्सिटी में मनोज सोनी को वाइस चांसलर बनाया था. तब उनकी उम्र 40 साल थी और वह देश के सबसे कम उम्र के वाइस चांसलर बने थे.

यूपीएससी में सदस्य बनने से पहले मनोज सोनी गुजरात के दो अलग-अलग विश्वविद्यालयों में तीन बार वाइस चांसलर रह चुके थे.

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