नई दिल्लीः उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के कई गांवों के प्रवेश द्वार पर ग्रामीणों ने बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक संबंधी ‘साइन बोर्ड’ लगाए हैं. इस बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि गांव में चोरी की घटनाओं को देखते हुए अपरिचितों और अनजान फेरी वालों को वहां आने से रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है.
चोरी की घटनाओं के बाद लगाए साइन बोर्ड
फाटा गांव के एक निवासी ने बताया कि गांवों में मंदिरों और घरों में चोरी की घटनाओं में बाहरी लोगों की संलिप्तता की बात सामने आने के बाद युवाओं ने करीब 20-25 दिन पहले इस तरह के बोर्ड लगाए थे. ग्रामीणों के मुताबिक, बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक संबंधी ‘साइन बोर्ड’ सिरसी, रामपुर-न्यालसू आदि गांवों में लगाए गए हैं.
उन्होंने बताया कि पहले ‘साइन बोर्ड’ पर ‘गैर-हिंदू व्यक्ति के प्रवेश पर रोक’ लिखा गया था, लेकिन अब उसकी भाषा बदलकर ‘अपरिचित व्यक्ति के प्रवेश पर रोक’ कर दी गई है. ग्रामीणों के अनुसार, स्थानीय पुलिस के हस्तक्षेप के बाद ऐसा किया गया है.
सामाजिक समरसता में व्यवधान डालने की अनुमति नहीं
रुद्रप्रयाग के पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध घिल्डियाल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि सामाजिक समरसता में व्यवधान डालने की अनुमति किसी को नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा, 'जैसे ही पुलिस के संज्ञान में यह बात आई, हमने आवश्यक कार्रवाई करते हुए ऐसे ‘साइन बोर्ड’ हटवाए. अगर आगे भी ऐसी कोई बात सामने आई, तो हम कार्रवाई करेंगे. धार्मिक आधार वाले ‘साइन बोर्ड’ लगाने की इजाजत किसी को नहीं है.'
पिछले दिनों चमोली के नंदानगर में एक नाबालिग लड़की को नाई का काम करने वाले दूसरे समुदाय के युवक की ओर से कथित तौर पर 'अश्लील इशारे' किए जाने के बाद क्षेत्र में तनाव पैदा हो गया था. आक्रोशित लोगों ने उक्त समुदाय के लोगों की दुकानों को निशाना बनाने का प्रयास किया था.
घटना के बाद समुदाय के सदस्यों ने नंदानगर समेत अन्य इलाकों में अपने साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार से भेंट की थी. इसके बाद रुद्रप्रयाग पुलिस प्रशासन इस मसले में सक्रिय हुआ था और कार्रवाई शुरू की थी.
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