महिला उद्यमियों की मदद के लिए आगे आया IIM कोझिकोड

देश में पिछले साल केरल के कोझिकोड में अपनी तरह की खोली गई महिला मॉल ने अपने कारोबार की बागडोर IIM कोझिकोड की टीम को सौंप दिया है. आइए बताते हैं क्या है इसके पीछे की वजह.

Last Updated : Nov 7, 2019, 12:54 PM IST
    • IIM की टीम मॉल में वस्तुओं की बिक्री का नया मॉडल बनाएगी
    • साल भर पहले ही खुला था मॉल
महिला उद्यमियों की मदद के लिए आगे आया IIM कोझिकोड

कोझिकोड: केरल में एक अच्छी सोच के साथ शुरू की गई थी, देश की पहली महिला मॉल. इस मॉल की खासियत ये है कि इसमें महिलओं के लिए एक छत के नीचे सारी सुविधा मौजूद है. सुपरमार्केट, ब्यूटी पार्लर, घरेलू जरूरतों के समान, बैंक, गैजेट, रेस्तरां के साथ अन्य भी कई चीजें उपलब्ध है. इस मॉल में काम करने वाले सारे स्टॉफ महिलाएं ही है और यहां सिर्फ महिलाएं ही आ सकती हैं.

साल भर पहले ही खुला था मॉल
इस मॉल को करीब एक साल पहले 14 नवंबर 2018 में खोला गया था. मॉल खोले जाने के बाद तो महिलाओं में इस मॉल को लेकर खासा उत्साह दिखा.

पर धीरे- धीरे महिलाओं का रूझान भी मॉल की तरफ कम हो गया. खबरों के अनुसार मौजूदा समय में कुल 250 महिलाएं नौकरी कर रोजगार हासिल कर रही है और 500 महिलाएं अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ी हुई हैं.

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सिर्फ त्योहारी सीजन में चलता है मॉल
लेकिन मॉल को चलाने में अब मुश्किलें आने लगी है. मॉल का किराया, कर्मचारियों का वेतन और मॉल के रख-रखाव में काफी खर्च आ रहा है लेकिन उस हिसाब से मॉल को मुनाफा नहीं हो पा रहा है. सूत्रों की माने तो त्योहारी सीजन में ही मॉल से मुनाफा निकल पाता है उसके बाद मॉल की कमाई ठप हो जाती है.

जेंडर के आधार पर नहीं किया जा सकता बिजनेस
मॉल को तो एक अच्छी सोच के साथ खोला गया था लेकिन कारोबार के हिसाब से यह सोच सही नहीं बताई जा रही है. व्यवसायी वर्ग की माने तो मॉल के कमाई का इस तरह से गिरता हुआ ग्राफ यही बताता है कि कारोबार कभी भी जेंडर बेस्ड नहीं होता. मॉल को सिर्फ एक वर्ग के लिए खोलकर इस चीज को साबित भी कर दिया गया है कि पैसे का कोई जात-धर्म या वर्ग नहीं होता है.

मॉल हर तरह की सुविधाओं से सुज्जित है फिर भी इसके कारोबार का गिरता हुआ ग्राफ इंगित करती है कि महिलाओं के लिेए सोचा जाना सराहनीय है लेकिन कारोबार के हिसाब से वर्ग आधारित मॉल बिल्कुल गलत कदम है. क्योंकि अगर कोई महिला अपने परिवार के किसी पुरुष के साथ बाहर जाएगी, तो सिर्फ महिला मॉल में जाते समय अपने साथ के पुरुष को कहां छोड़ेगी.

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मॉल के खर्चों और मुनाफों में हो रहे घाटे को देखते हुए महिला मॉल के अधिकारी समूह कुदुंबश्री ने मॉल के कारोबार प्रबंधन का सारी जिम्मेदारी IIM कोझिकोड को दे रही है. टीम मॉल की आय को बढ़ाने का सुझाव देती रहेगी और साथ ही मॉल के नए कारोबारी ढांचे की योजना तैयार करेगी. IIM  की टीम मॉल में वस्तुओं की बिक्री का नया मॉडल बनाएगी. जिसे जल्द ही लागू किया जा जाएगा. इस पूरे काम को अंजाम देने के लिए छह छात्रों की बनाई गई है. इस प्रोजेक्ट का निरीक्षण IIM कोझिकोड के निदेशक देबाशीष चटर्जी और संस्थान में अंतरराष्ट्रीय संबंध और प्रबंधन में मानवीय और उदारवादी कला के क्षेत्र की फैकल्टी दीपा सेठी कर रही हैं.

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मॉल को कोझिकोड में बनाया गया है जिसका पूरा काम कुदुंबश्री संभाल रही है. मॉल को बनाने में कुल 3 करोड़ का खर्च आया है , जिसे 36 हजार वर्ग फुट में पांच मंजिला मॉल बनाया गया है. इस जमीन को 5 वर्षो के लिए किराए पर लिया गया है.

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