दो जबरदस्त दोस्तों के साथ भारतीय सेना चीन को देगी जबरदस्त शिकस्त

चीन ने अगर गलती से भी कोई हिमाकत करने की कोशिश की तो ये तय है कि उसे करारी शिकस्त खानी पड़ेगी क्योंकि भारतीय सेना को मिला है साथ अपने दो करामाती दोस्तों का..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 7, 2020, 05:44 PM IST
    • दोस्त नंबर वन चिनूक हेलीकॉप्टर
    • दोस्त नंबर दो हैं अपाचे हेलिकॉप्टर्स
    • भारत उठाने की भारी क्षमता है
दो जबरदस्त दोस्तों के साथ भारतीय सेना चीन को देगी जबरदस्त शिकस्त

नई दिल्ली.  वैसे भी भारतीय सेना दुनिया की किसी भी सेना शिकस्त देने की क्षमता रखती है. ऐसे में सेना के साथ आ कर मिल गए हैं दो नए दोस्त जो चीन की बदतमीजी का मुहतोड़ जवाब देंगे. अगर चीन ने गलती से भी गलती कर दी तो उसे उसकी भारी भरपाई करनी होगी. आइये जानते हैं इंडियन आर्मी और एयरफोर्स के इन दो दोस्तों केबारे में जो लद्दाख में बहुत भारी पड़ने वाले हैं चीनी सेना के निकम्मे बौनों पर.

दोस्त नंबर वन चिनूक हेलीकॉप्टर

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सर्दियों की मार पड़ने लगी है. चीनी सेना और कठिन सर्दियों  का सामना कर रहे भारतीय सेना के जवानों को सप्लाई देने की जिम्मेदारी सम्हाली है चिनूक ने . चिनूक हेलिकोप्टर्स को आप यहां सिंधु नदी के ऊपर उड़ते हुए देख सकते हैं. एलएसी के पास वायुसेना के चिनूक और एमआई-17V5s हेलिकॉप्टर्स यहाँ के उन्नत लैंडिंग ग्राउंड की दिशा में उड़ान भरते हुए नजर आते हैं. इन हेलीकॉप्टरों ने सर्दी से निपटने के लिए जवानों हेतु शेल्टर्स के पैनल समेत सभी  बाकी जरूरी वस्तुयें सेना को उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सम्हाली है. 

दोस्त नंबर दो हैं अपाचे हेलिकॉप्टर्स 

ये अहम हेलीकॉप्टर्स  लद्दाख में चीन से तनाव के बीच अपनी अहम भूमिका में नज़र आ रहे  हैं. वैसे तो यहां किसी भी समय किसी भी स्थिति से निपटने के लिए मौजूद भारतीय वायुसेना का हर विमान भारतीय सेना के जवानों की मदद करने में लगा है, किन्तु बाहर से भारत आये दोनों हेलिकॉप्टर्स चिनूक और अपाचे इस मदद में काफी महत्वपूर्ण सिद्ध हो रहे हैं. 

भारत उठाने की भारी क्षमता है 

आपूर्ति के माध्यम से भारतीय जवानो की महत्वपूर्ण मदद कर रहे ये हेलीकॉप्टर्स के बारे में 14 कोर के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल अरविंद कपूर का कहना है कि - ''भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर की भार उठाने की क्षमता बहुत है, और हम बहुत ही कम समय के नोटिस पर कंटेनरों को उठाने और उसे जरूरत वाली जगह पर पहुंचाने के लिए सदा रेडी-मोड पर रहते हैं।'' अधिकारियों ने बताया कि चिनूक ने नित्य प्रति सैनिकों के लिए उनके आने-जाने और सीमावर्ती क्षेत्रों में सामग्री की आपूर्ति का जिम्मा सम्हाला है तो वहीं अपाचे की भूमिका तब बहुत विराट हो जाएगी, जब दोनों तरफ की सेनाएं टैंकों के साथ आमने-सामने आएंगी.

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