नई दिल्ली. हालांकि इन्टरनेशनल मंकी डे (International Monkey Day) दुनिया भर में मनाया जाता है किन्तु भारत में इसके बारे में आम जनों को अधिक जानकारी नहीं है. आज 14 दिसंबर को मंकी दिवस के रूप में दुनिया में कई चिड़ियाघरों में वार्षिक बंदर दिवस मनाया जाता है जिसमेें रंगारंग कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं. इतना ही नहीं, कुछ देशों में जागरूकता फैलाने के लिए बंदर दिवस पर कला प्रदर्शन का आयोजन भी किया जाता है.
यह दिन है बंदरों को समर्पित
14 दिसंबर को हर साल इंटरनेशनल मंकी डे (International Monkey Day) मनाने का मुख्य प्रयोजन इस दिन को बंदरों के लिये समर्पित करना है. यूं तो साल के 365 दिनों में से एक दिन अलग निकाल कर उसे बंदरों के हित के लिये निर्धारित किया गया है और उसका नाम इन्टरनेशनल मंकी डे रखा गया है किन्तु इस दिवस को यूएन (United NAtion) द्वारा आधिकारिक तौर पर अभी तक घोषित नहीं किया गया है. इसके बाद भी दुनिया के बहुत से देशों में ये बंदर दिवस को मनाया जाता है.
गैर-मानव प्राइमेट्स के लिए है ये दिन
14 दिसंबर के इस दिन को दूसरे गैर-मानव प्राइमेट्स, यथा वानर, टार्सियर (Tarcier), और लेमर्स (lemurse) समेत 'सभी चीजों को सिमियन' के तौर पर मनाने के लिए है. इसके साथ ही यह दिन उन मुद्दों को उजागर करने के लिए भी सोचा गया है जिन मुद्दों का आरोन, टारसियरों और लेमरों को सामना करना पड़ता है. यह दिन सभी को बंदरों की कई उन प्रजातियों के बारे में भी जानकारी देता जो आजकल संकटग्रस्त हैं. इंद्री (indriidae), रोलोवे (roloway) बंदर, पश्चिमी चिंपांजी (western chimpanzee), और इक्वाडोरियन व्हाइट-फ्रंटेड कैपुचिन (white fronted capuchin) आदि कुछ इस तरह की बंदरों की लुप्तप्राय प्रजातियां हैं.
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ढाई सौ से अधिक प्रजातियां
बंदरों की कुल दो सौ साथ प्रजातियां दुनिया भर में फैली हुई हैं जिनमें से मुख्य अफ्रीका (Africa), मध्य अमेरिका (Mid America), दक्षिण अमेरिका (South America) और एशिया (Asia) में पाई जाती हैं. इन प्रजातियों के बंदरों का आपस में मुख्य अंतर आकार, वजन और उपस्थिति को लेकर है. हर देश में जहां भी बंदर पाए जाते हैं, स्वाभाविक रूप से, पर्यावरण कार्यकर्ता और पशु अधिकार गतिविधियां इंटरनेशनल मंकी डे को लेकर भावुक और मुखर होते हैं.
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सॉरो और एरिक ने की शुरुआत
केसी सॉरो और एरिक मिलीकिन, (Sorrow & Eric Milikin) वे दो नाम हैं जिनको मंकी डे की शुरुआत करने का सारा श्रेय जाता है. इस जोड़े ने ही लोगों के मन में जानवरों के प्रति प्यार जगाने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय बंदर दिवस की शुरुआत की. सॉरो और एरिक दुनिया के लोगों को इस इस प्रजाति के प्रति जागरूक करना चाहते थे इस लक्ष्य को लेकर उन्होंने वर्ष 2000 में अंतर्राष्ट्रीय बंदर दिवस मना कर इस सिलसिले की शुरुआत की थी.
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