दिशा सालियान के लिए क्यों नहीं आये राहुल प्रियंका ?

बहुत दर्दनाक है हाथरस की पीड़िता की मौत लेकिन राहुल गाँधी और प्रियंका गांधी के लिए ये दर्द का नहीं राजनीति का मामला है..  

Written by - Parijat Tripathi | Last Updated : Oct 1, 2020, 05:37 PM IST
    • हाथरस मामले में प्रियंका राहुल की राजनैतिक रूचि
    • दिशा सालियान मामले में चुप्पी की सरकारी वजह
    • कांग्रेसराज में 1947 से 2014 तक के बलात्कारों पर चुप्पी
दिशा सालियान के लिए क्यों नहीं आये राहुल प्रियंका ?

नई दिल्ली.  राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा हाथरस की पीड़िता की मौत पर राजनीति करने हाथरस पहुंच गये हैं और उन्होंने धक्कामुक्की करके अपनी गिरफ्तारी भी दे दी है. शायद वे नहीं जानते कि सब जानते हैं कि उनको हाथरस की पीड़िता की मौत के दर्द से कुछ भी लेना देना नहीं अपितु उसकी मौत के दर्द का राजनीतिक फायदा उठाने की मंशा है उनकी. मुंबई में दिशा सालियान के साथ बलात्कार हुआ और उसे ऊंची इमारत से नीचे फेंका गया और इस तरह उसकी दर्दनाक हत्या हुई. तब ये राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा कहाँ थे?

हाथरस मामले में प्रियंका राहुल की रूचि 

निर्भया काण्ड दिल्ली में हुआ और फिर देश में कई निर्भया काण्ड हुए चाहे आप हिमाचल के काण्ड की बात करें या हैदराबाद की- सोनिया सुत राहुल के कान में कभी कोई जूं न रेंगी. प्रियंका वाड्रा भी कान में तेल डाल कर ही बैठी रहीं चाहे देश में कुछ भी होता रहे. लेकिन जब भी कभी कोई चुनाव करीब होता है तो सोनिया अपनी संतानों की नींद तोड़ती हैं और किसी चुने हुए मामले में नाक डालने के लिए भेज देती हैं. हाथरस मामले में प्रियंका वाड्रा और राहुल की राजनीतिक दिलचस्पी को देश अच्छी तरह समझता है.

दिशा सालियान मामले में चुप्पी क्यों?

दिशा सालियान भी एक बेटी थी उसके साथ भी एक साथ दो-दो दर्दनाक हादसे हुए. सबूत छुपाये गए, जांच नहीं की गई, फ़ाइल कम्प्यूटर से उड़ा दी गई और तमाम ऐसी हरकतें मुंबई पुलिस और प्रशासन की देखी गई जो अमानवीय और शर्मनाक थीं, किन्तु प्रियंका वाड्रा और राहुल चुप रहे. चुप्पी की वजह ये थी कि महाराष्ट्र सरकार में उनकी पार्टी की हिस्सेदारी है और वहां हर अच्छे बुरे काम में भी. और वैसे भी राहुल और प्रियंका को देश से कौन सा लेना देना है. देश हित के किन कार्यों में देखे गए हैं दोनों लोग. इसलिए टीवी पर आ कर आज हाथरस मामले में नौटंकी करने की मंशा के पीछे की वजह जगजाहिर है. 

1947 से 2014 तक के बलात्कार 

कांग्रेस राज में रिपोर्टेड और गैर-रिपोर्टेड बलात्कारों की संख्या जोड़ी जाए तो लाखों से भी ऊपर निकल सकती है. 1947 से 2014 तक के 67 सालों में करीब 54 वर्षों तक कांग्रेस का ही राज रहा देश में. इस दौरान भी कभी ऐसा नहीं हुआ कि देश में बलात्कारों के मामलों में कहीं कोई कमी आई हो. आज सोशल मीडिया है तो हर मामला सामने आता है उस समय अखबार और बाद में टीवी समाचार सिर्फ कुछ गिने चुने मामले ही सामने लाते थे क्योंकि कांग्रेसराज इसकी अनुमति मीडिया को नहीं देता था. इन मामलों पर बात तब नहीं होती थी जो आज होने लगी है. लेकिन आज बलात्कार या नारी-अपराध पर सक्रिय-संवेदना दिखाने का ढोंग भी पहले सोनिया परिवार द्वारा कभी देखा नहीं गया. 

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