कंगना के दफ्तर पर चला बुल्डोजर, तो कांग्रेस में छिड़ गया 'गृह युद्ध'

कंगना रनौत के दफ्तर पर BMC ने बुल्डोजर चला दिया तो कांग्रेस पार्टी में ही आपसी जंग छिड़ गई है. जहां इस कार्रवाई का अस्लम शेख ने समर्थन किया है, तो वहीं संजय निरुपम ने विरोध किया..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 9, 2020, 05:38 PM IST
    • कंगना के दफ्तर पर चला BMC का बुल्डोजर
    • कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने किया विरोध
    • कंगना को लेकर कांग्रेस में छिड़ी आपसी जंग
कंगना के दफ्तर पर चला बुल्डोजर, तो कांग्रेस में छिड़ गया 'गृह युद्ध'

मुंबई: उद्धव सरकार के इशारों पर BMC ने कंगना रनौत का दफ्तर तोड़कर बदले वाली राजनीति का परिचय दिया है. जिसके बाद महाराष्ट्र सरकार में शामिल सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस में भीतरी कलह की शुरुआत हो गई है. कांग्रेस पार्टी में गृह युद्ध छिड़ गया है.

कंगना पर कांग्रेस में छिड़ गया गृह युद्ध

कंगना रनौत के दफ्तर पर उद्धव सरकार और BMC ने बुल्डोजर चलाया तो शिवसेना के इस क्रूर फैसले का विरोध पूरे देश करने लगा. वहीं कांग्रेस में भी इसे लेकर आपसी जंग छिड़ गई. कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने इस कार्रवाई का विरोध करते हुए उद्धव सरकार को लताड़ लगाई को वहीं सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता अस्लम शेख ने इस कार्रवाई का समर्थन कर दिया है.

संजय निरुपम ने ट्वीट करके उद्धव सरकार से सवाल पूछा है. उन्होंने ट्वीट करके लिखा है कि "कंगना का ऑफिस अवैध था या उसे डिमॉलिश करने का तरीका? क्योंकि हाई कोर्ट ने कार्रवाई को गलत माना और तत्काल रोक लगा दी. पूरा एक्शन प्रतिशोध से ओत-प्रोत था. लेकिन बदले की राजनीति की उम्र बहुत छोटी होती है. कहीं एक ऑफिस के चक्कर में शिवसेना का डिमॉलिशन न शुरु हो जाए !"

वहीं महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता अस्लम शेख ने कंगना रनौत को गद्दार बताया है. उन्होंने कहा कि "कंगना गद्दार है, कंगना कोई  Mother टेरेसा नहीं, वह महाराष्ट्र को बदनाम करने का काम कर रही है."

अस्लम शेख ने कंगना पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि "वह बीजेपी आयोजित एजेंडा है. कंगना का ऑफिस इसलिए टूटा, क्योंकि इललीगल था. जीवन सब चीज एकाएक होती है, रिया के जीवन में भी एजेंसी पूछताछ के लिये एकाएक आयी थी. देश को न्याय देने का काम मीडिया नहीं कर रही है, बिना वजह कंगना और सुशांत के मुद्दे को तूल दी जा रही है. बिहार चुनाव के बाद सुशांत का मामला किसी न्यूज़ चैनल पर नहीं दिखेगा."

ये वही मंत्री अस्लम शेख है, जब अभिनेता सोनू सूद को शिवसेना ने टारगेट किया था, तब अस्लम ने  ही सोनू सूद को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलाकर मामले को शांत किया था. अस्लम शेख ने इस कार्रवाई पर सफाई तो दे दी, लेकिन उन्होंने कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाने वाली BMC और उद्धव सरकार की करतूत का बखान नहीं किया.

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कांग्रेस पार्टी में कंगना रनौत को लेकर दो फाड़ साफ देखा जा सकता है. जहां, एक तरह कंगना के दफ्तर पर हुई कार्रवाई के खिलाफ संजय निरुपम ने आवाज उठाई है. तो वहीं क्रूर और तानाशाही सरकार में मंत्री अस्लम शेख ने BMC के गुनाहों पर पर्दा डालने की कोशिश की है. मतलब साफ है कि कांग्रेस में गृह युद्ध छिड़ गया है.

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