MP: अब अफसरों पर मेहरबान हुए 'मामा' शिवराज, की यह बड़ी घोषणा

शिवराज सरकार ने सरकार ने अखिल भारतीय सेवा के अफसरों के अंशदायी पेंशन स्कीम (CPF) में अपना हिस्सा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया है, वहीं राज्य के अफसरों और कर्मचारियों को 10 फीसदी हिस्सा ही जारी रखने का ऐलान किया है. इस फैसले की घोषणा को अफसरों के हित में जुड़ा बड़ा फैसला बताया जा रहा है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 3, 2020, 10:49 PM IST
    • सरकार ने अखिल भारतीय सेवा के अफसरों के अंशदायी पेंशन स्कीम (CPF) में अपना हिस्सा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया है
    • 1 लाख रुपये वेतन पर सीपीएफ में अब 12,000 रुपये की जगह 4800 रुपये ज्यादा यानी 16800 रुपये जमा होंगे
MP: अब अफसरों पर मेहरबान हुए 'मामा' शिवराज, की यह बड़ी घोषणा

भोपाल: सीएम शिवराज ने जबसे दोबारा गद्दी संभाली है, घोषणाओं के अंबार लगाए जा रहे हैं. पिछली बार उन्होंने अपने भांजे-भांजियों के लिए मध्य प्रदेश में ही सरकारी नौकरी दिए जाने की घोषणा की थी, अब उन्होंने प्रदेश के अफसरों पर मेहरबानी दिखाई है.

शिवराज सरकार ने आईएएस (IAS), आईपीएस (IPS) और आईएफएस (IFS) अफसरों के लिए बड़ा ऐलान किया है. 

यह होगा लाभ
जानकारी के मुताबिक, शिवराज सरकार ने सरकार ने अखिल भारतीय सेवा के अफसरों के अंशदायी पेंशन स्कीम (CPF) में अपना हिस्सा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया है, वहीं राज्य के अफसरों और कर्मचारियों को 10 फीसदी हिस्सा ही जारी रखने का ऐलान किया है. इस फैसले की घोषणा को अफसरों के हित में जुड़ा बड़ा फैसला बताया जा रहा है. 

इतने फायदे में रहेंगे अफसर
अखिल भारतीय सेवा के अफसरों को सीपीएफ में 4 प्रतिशत का लाभ इसी माह से मिलना शुरू हुआ है. यदि किसी अफसर का वेतन 1 लाख रुपये है तो उसके सीपीएफ में साल भर में पहले 12,000 रुपये जमा होते थे, अब 4800 रुपये ज्यादा यानी 16800 रुपये जमा होंगे.

इसके अलावा ज्यादा वेतन होने पर अंश की राशि बढ़ती जाएगी. राज्य के अफसरों में डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी समेत अन्य सेवा के अफसरों का वेतन समान होने पर भी अंश 12000 रुपये ही जमा होगा.

वित्तीय स्थिति ठीक होने पर मिलेगा फायदा
अभी तक अखिल भारतीय सेवा और राज्य के अफसरों का कर्मचारियों का अंश पिछले 15 साल से बराबर था. जानकारों के अनुसार, सरकार यदि राज्य के अधिकारी-कर्मचारियों का अंशदान 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करती है तो इससे सरकार को सीधे-सीधे हर साल 72 करोड़ का अतिरिक्त भार आएगा.

हालांकि आईएएस, आईपीएस और आईएफएस कर्मचारियों के अंशदान 4 प्रतिशत बढ़ाने पर सरकार को लगभग 2 करोड़ रुपये का भार आ रहा है.  हालांकि प्रदेश के वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल प्रदेश की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है. स्थिति ठीक होने के बाद यह लाभ दिया जाएगा.

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