सेना पर सवाल उठाना राहुल गांधी की फितरत, क्या कांग्रेस का हाथ भारत नहीं चीन के साथ है?

पूरी दुनिया भारत की सेना के पराक्रम का लोहा मानती है. लेकिन कांग्रेस पार्टी के वारिस जनाब राहुल गांधी को सिर्फ ताना मारने आता है. एक बार फिर राहुल गांधी ने ट्विटर के जरिए घटिया करतूत को अंजाम दिया है..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 9, 2020, 07:04 PM IST
    • राहुल गांधी की एक और 'नीच' करतूत
    • 24 घंटे में 9 आतंकियों के ताबूत
    • राहुल को चाहिए और कितने सबूत
    • सेना का पराक्रम दुनिया ने माना, राहुल दें ताना?
सेना पर सवाल उठाना राहुल गांधी की फितरत, क्या कांग्रेस का हाथ भारत नहीं चीन के साथ है?

नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी के राजकुमार गांधी परिवार के वारिस राहुल गांधी ने एक बार फिर सेना के शौर्य पर सवाल उठा दिया है. ऐसा पहली बार हुआ नहीं है. भारतीय सेना पर घटिया राजनीति कांग्रेसियों की फितरत बनती जा रही है. राहुल गांधी को देश के शूरवीरों को कटघरे में खड़ा करने में मजा आता है? क्या कांग्रेस का हाथ भारत नहीं चीन के साथ है?

राहुल गांधी की एक और 'नीच' करतूत

सेना के शौर्य पर सवाल उठाना कांग्रेस पार्टी की पॉलिसी ही बन चुकी है. तभी तो एक बार फिर राहुल गांधी ने सोमवार को ट्विटर पर अपनी मंशा पेश कर दी. दरअसल देश के गृहमंत्री अमित शाह ने दुनिया भर में भारत की ताकत को लेकर सच बयां किया तो राहुल 'बाबा' को मिर्ची लग गई. उन्होंने शायराना अंदाज में तंज कसते हुए ट्वीट कर दिया.

राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा कि "सब को मालूम है ‘सीमा’ की हकीकत लेकिन, दिल के ख़ुश रखने को, ‘शाह-यद’ ये ख़्याल अच्छा है"

अब ज़रा समझिए कि राहुल गांधी ने अमित शाह के किस बयान का इस शायराने अंदाज में जवाब दिया. खासकर इस जवाब के मायने क्या हैं? गृहमंत्री अमित शाह ने वर्चुअल रैली में कहा कि "भारत की रक्षा नीति को वैश्विक स्वीकृति मिली है. पूरी दुनिया इस बात से सहमत है कि यदि कोई अन्य देश अपनी सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम है, तो संयुक्त राज्य अमेरिका और इज़राइल के बाद, यह भारत है"

अमित शाह ने जो कहा इस बात को पूरा विश्व, पूरा देश और सभी भारतवासी स्वीकार करते हैं, लेकिन राहुल बाबा को इससे ऐतराज है. लेकिन इसके पीछे की वजह क्या है ये समझना भी जरूरी है. दरअसल, राहुल गांधी इस बात को स्वीकार कर लेंगे तो भला उनके पास एक राजनीतिक मुद्दे की कमी हो जाएगी. ऐसे में हर मुद्दे पर राजनीति करना चाहें वो सियासी मुद्दा हो, सेना से जुड़ा मुद्दा हो या फिर देश से जुड़ा ही मुद्दा क्यों न हो. भला राहुल गांधी इन सभी मुद्दे पर सियासी ताल ठोकने से पीछे कैसे रह सकते हैं.

24 घंटे में 9 आतंकियों के ताबूत, राहुल को चाहिए और कितने सबूत?

पूरी दुनिया देख रही है कि किस तरह से भारतीय सेना ने 24 घंटे के भीतर शोपियां में 9 आतंकियों को जहन्नुम भेज दिया. लेकिन राहुल गांधी का बस चले तो वो उसके लिए भी सबूत मांगने पर उतारू हो जाएंगे. हिंद की सेना की ताकत को दुनिया ने माना, राहुल बाबा दे रहे हैं ताना.. जी हां, ये बिल्कुल सत्य है.

हद कर दी राहुल गांधी ने

मतलब हद है, अब तो आदत सी हो गई है कि जब जब आतंकियों का सेना पर प्रहार होता है, जब जब सेना अपना शौर्य दिखाती है, जब जब देश सेना के पराक्रम पर गर्व करता है. ठीक उसी वक्त राहुल गांधी सेना पर सवाल खड़ा करते हैं. यहां आतंकी मरे उधर राहुल का सेना पर सवाल उठाने वाला बयान सामने आ गया.

सेना का पराक्रम दुनिया ने माना, राहुल दें ताना?

टाइमिंग भी गजब की है और ये पहली बार नहीं हुआ है. हर बार ऐसा देखने को नहीं मिला है. इस बार सेना ने 24 घंटे में 9 आतंकियों के ढेर किया ये सबसे बड़ी कामयाबी सेना की है, लेकिन राहुल ने सेना पर सवाल उठाने वाला ट्वीट कर दिया, ये क्या संयोग है या प्रयोग है? सवाल तो ये भी है कि ये इत्तेफाक क्या बताता है? राहुल को सेना का पराक्रम दिखता नहीं है या वो ना देखने का नाटक करते हैं. गली का गुंडा से लेकर फर्जिकल स्ट्राइक तक कांग्रेस ने इसी को अपनी नीति बना ली है.

पुलवामा की बरसी पर भी पूछे थे घटिया सवाल

राहुल गांधी को सेना पर सवाल उठाने में बहुत मजा आता है. ये किसी से छिपा नहीं है, जिसे राहुल गांधी ने अपनी फितरत बना ली है. पुलवामा हमले की पहली बरसी के मौके पर भी राहुल गांधी ने बिल्कुल ऐसा ही विवादित ट्वीट किया था. उन्होंने सरकार से ट्विटर पर 3 सवाल पूछे थे.

सवाल नंबर 1) इस हमले से सबसे ज्यादा किसको फायदा हुआ?
सवाल नंबर 2) इस हमले की जांच का निष्कर्ष क्या निकला?
सवाल नंबर 3) बीजेपी की सरकार में सुरक्षा में हुई चूक के लिए किसे जिम्मेदार ठहराया गया?

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चीन के खिलाफ भारतीय सेना के पराक्रम की बात हो या फिर पाकिस्तान को उसकी औकात दिखाने का मामला राहुल गांधी को सेना के शौर्य पर सवाल उठाना ही होता है. लेकिन इस सवाल का जवाब हर कोई जानना चाहते है कि भारत की ताकतवर सेना का सम्मान करना आखिरकार कब सीखेंगे राहुल गांधी?

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