मुंबई: महाराष्ट्र में आखिर चल क्या रहा है? कैसी सियासी उथल-पुथल मची हुई है? क्या फिर से उद्धव ठाकरे की कुर्सी खतरे में है? कोरोना संकट के बीच महाराष्ट्र की फिजाओं से ऐसे ही सवाल उठे और हवा बनकर कुछ ही देर में देशभर में फैल गए. अब सबकी निगाहें फिर से एक बार महाराष्ट्र पर ही टिकी हैं, जैसे की अक्टूबर 2019 में टिकी थीं. आखिर अभी ऐसा क्या हुआ है?
सब पवार फैक्टर का काम है
खैर, ये तो पता ही है कि महराष्ट्र में तिपायी वाली सरकार है. इसमें कांग्रेस तो हमेशा नेपथ्य में रहती है, लेकिन फिर भी सामने आकर एक-दो प्रमुख डॉयलॉग बोल जाती है. फिर है उद्धव की शिवसेना, वोट संख्या वाले फैक्टर से इसका नाम पहले लेना चाहिए था, लेकिन उद्धव सीएम भले हों, लेकिन नंबर एक वाली पदवी पर शायद नहीं हैं, क्योंकि उनके सामने हैं एनसीपी चीफ शरद पवार, सारी पॉवर इसी पवार नाम में है. वह पीएम से मिल लें तो महाराष्ट्र में उद्धव का इंद्रासन डोलने लगता है, वह राज्यपाल के कान में कुछ कहते दिखें तो राजनीति का तिपाया हिलने लगता है. इस बार भी यही हुआ है.
राज्यपाल से मिलने चले गए पवार
दरअसल, हुआ यह कि एनसीपी चीफ शरद पवार ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की है. क्यों की है, नहीं पता. बस यही वजह है कि कोरोना संकट के बीच महराष्ट्र की राजनीति में बैठकों का दौर शुरू हो गया है. हड़कंप की वजह शरद पवार की पुरानी मुलाकातों का इतिहास है, वह जब किसी से मिलने जाते हैं तूफान को कोई आदेश दे कर आते हैं.
...लेकिन कह रहे हैं शिष्टाचार भेंट
राज्यपाल से मुलाकात को एनसीपी चीफ ने शिष्टाचार भेंट बताया है. उन्होंने कहा कि सरकार पर कोई संकट नहीं है. शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के सभी विधायकों सहित हर किसी की पहली प्राथमिकता कोरोना से लड़ाई है. मेरी मुलाकात का मुख्य उद्देश्य कोरोना के खिलाफ लड़ाई को लेकर कुछ सुझाव देना था.
राष्ट्रपति शासन की मांग
भाजपा नेता नारायण राणे ने कहा है कि उद्धव सरकार कोरोना संकट को संभाल पाने में पूरी तरह नाकाम है. भाजपा ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. इधर, जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) मंगलवार शाम 4 बजे प्रेस कान्फ्रेंस करेंगे.
महाराष्ट्रात राष्ट्रपती राजवट लागू करा.
ठाकरे सरकार कोरोनाचे संकट हाताळू शकत नाही, त्यांच्यात क्षमता नाही. कोरोनाचा सामना करण्यास सरकार अपयशी ठरलं आहे, त्यामुळे राज्यपालांनी या सरकारला नारळ देऊन राष्ट्रपती राजवट लागू करावी, अशी मागणी केली. @maha_governor @Dev_Fadnavis @BJP4India pic.twitter.com/poxG9iA7Tb— Narayan Rane (@MeNarayanRane) May 25, 2020
उद्धव ठाकरे से छिन सकता है मुख्यमंत्री पद, जानिये क्यों
फिर दूसरा संयोग, मातोश्री में बैठक
सोमवार शाम को एक और घटना हुई. उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री में एनसीपी चीफ शरद पवार, सीएम उद्धव ठाकरे और शिवसेना नेता संजय राऊत के बीच सोमवार शाम गुप्त बैठक हुई थी. लंबे अंतराल के बाद एनसीपी प्रमुख मातोश्री पहुंचे थे.
यह इसलिए भी अचंभे में डालने वाली बात है कि अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद 36 दिन तक चले सत्ता के संघर्ष के बीच एक बार भी शरद पवार मातोश्री नहीं गए, और इस वक्त में उनका मातोश्री जाना कई सवालिया निशान तो बना ही रहा है.
संजय राउत बोले, अफवाह है
उधर, राष्ट्रपति शासन की बातों को अफवाह करार देते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि भाजपा अगर राष्ट्रपति शासन की बात कह रही है तो मैंने ये उनके किसी बड़े नेता के मुंह से नहीं सुना. मैंने देवेंद्र फडणवीस, गृह मंत्री अमित शाह और नितिन गडकरी को ये कहते हुए नहीं सुना है.
भाजपा अगर राष्ट्रपति शासन की बात कह रही है तो मैंने ये उनके किसी बड़े नेता के मुंह से नहीं सुना। मैंने देवेंद्र जी, अमित साहब और नितिन गडकरी जी को ये कहते हुए नहीं सुना है, ऐसे में मैं इस पर कैसे विश्वास कर लूं: शिवसेना नेता संजय राउत https://t.co/iq3Djkmbc0
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 26, 2020
ऐसे में मैं इस पर कैसे विश्वास कर लूं. उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से शरद पवार मुलाकात करते हैं तो इसमें वजह की बात क्या है?
Congress is not unhappy. All the three parties hold meetings every week where decisions are taken. All parties are working together: Balasaheb Thorat,Maharashtra Congress chief&Minister on being asked 'if Congress is unhappy with Sharad Pawar's meeting with CM Uddhav Thackeray' pic.twitter.com/JHS6kB9p53
— ANI (@ANI) May 26, 2020
राज्य चलाने वाले दो प्रमुख नेता अगर आपस में बैठकर राज्य पर चर्चा करते हैं तो मुझे लगता है इसमें किसी को तकलीफ होने जैसी कोई बात नहीं है. इधर कांग्रेस ने भी कहा है कि सीएम और NCP प्रमुख की मीटिंग से नाखुश होने वाली कोई बात नहीं है.
उपचुनाव में जीत के लिए शिवराज का ये है फॉर्मूला