Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या का नया रेलवे स्टेशन मंदिरों की नागर शैली के 'शिखर' की तर्ज पर गुंबद और भगवान राम के प्रतीक चिह्न धनुष-बाण से सुसज्जित है जिसका उद्घाटन शनिवार को किया जाना है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या शहर की अपनी यात्रा के दौरान पुनर्विकसित अयोध्या जंक्शन स्टेशन का उद्घाटन करेंगे.
स्थानीय सांसद लल्लू सिंह ने बुधवार को कहा कि अयोध्या रेलवे जंक्शन का नाम बदलकर अयोध्या धाम जंक्शन कर दिया गया है. नया भवन पुराने स्टेशन भवन के बगल में स्थित है. अयोध्या जिले में दो मुख्य रेलवे स्टेशन...अयोध्या शहर में स्थित अयोध्या जंक्शन और फैजाबाद शहर में अयोध्या कैंट (जो पहले फैजाबाद जंक्शन) हैं.
अयोध्या जंक्शन के स्टेशन अधीक्षक विजय कुमार चौबे ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया, 'पहले, यात्री दोनों स्टेशनों के बीच भ्रमित हो रहे थे. अब, उन्हें पता चल जाएगा कि अयोध्या धाम स्टेशन पवित्र अयोध्या शहर के पास है और इसे फैजाबाद शहर में स्थित स्टेशन (अयोध्या कैंट) के साथ जोड़ कर नहीं देखा जाएगा. पुराने बोर्ड को जल्द ही बदले जाने की उम्मीद है.'
उत्तर प्रदेश सरकार ने 2019 में फैजाबाद जिले का नाम बदलकर अयोध्या जिला कर दिया था और उसके बाद 2021 में फैजाबाद जंक्शन का नाम बदलकर अयोध्या कैंट किया गया. स्टेशन पर पुनर्विकास कार्य 'रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस लिमिटेड' (राइट्स) द्वारा किया गया है जो रेल मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक उपक्रम है और नवरत्नों में से एक है. नई संरचना के पास जो बोर्ड लगाया गया है, उसमें नए स्टेशन को मौजूदा रेलवे स्टेशन का 'विस्तार भवन' बताया गया है.
एंजेसी ने इस सप्ताह की शुरुआत में नवनिर्मित स्टेशन का दौरा किया था जब बची हुई चिनाई, पत्थर की पॉलिशिंग और पुताई का काम किया जा रहा था. राइट्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नये स्टेशन भवन में कई आधुनिक सुविधाएं हैं जो यात्रियों को आमतौर पर हवाई अड्डे पर मिलती है. उन्होंने बताया लेकिन आगे के हिस्से का निर्माण शहर में बन रहे राम मंदिर पर आधारित है. एक व्यक्ति ने पहचान गुप्त रखते हुए 'PTI' को बताया, 'इमारत के अगले हिस्से में स्तंभ बने हैं जिसपर बलुआ पत्थर की चिनाई की गई है और किनारे के छोर पर ऊंचे गोलकार खंभे हैं और इनपर भी बलुआ पत्थर की चिनाई की गई है.'
अधिकारी ने कहा, 'स्टेशन के शीर्ष पर एक संरचना है जिसका डिजाइन शाही 'मुकुट' जैसा है जबकि इसके ठीक नीचे एक दीवार पर एक धनुष को चित्रित किया गया है. यह दर्शाता है कि अयोध्या शहर का संबंध भगवान राम से है.' यह इमारत तीन मंजिला है. इसके दोनों कोनों में से प्रत्येक के शीर्ष पर एक 'शिखर' है जो नागर शैली के मंदिरों की तरह बना है। स्टेशन के अगले हिस्से में दो 'छत्री' बनी हैं.
अयोध्या स्टेशन की नयी इमारत के सामने लगाए गए बिजली के खंभों के ऊपर धनुष-बाण की आकृति बनी है. नए भवन के निर्माण कार्य में लगे छत्तीसगढ़ के एक राजमिस्त्री राम फल ने मंगलवार को अपना काम खत्म करते समय इन बिजली के खंभों का इशारा किया गया. उसने बताया, 'इस बिजली के खंभे पर रामजी का 'तीर-धनुष' है. पूरा स्टेशन एक मंदिर जैसा दिखता है. मुझे खुशी है कि अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है.'
हिंदू मानते हैं कि अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि है. सूर्यास्त के बाद स्टेशन की पुरानी और नई दोनों इमारतें गुलाबी रंग की रोशनी से चमक उठती हैं। स्टेशन के केंद्रीय कक्ष में पत्थर की जड़ाई का काम है और इसकी छत पर 'पॉलीकार्बोनेट शीट' है जो इसकी ऊंची छत के कुछ हिस्सों को नीले रंग की आभा देती है. अधिकारी ने कहा, 'नयी इमारत... गोलाकार खंभों सहित 144 मीटर लंबी और 44 मीटर चौड़ी है. यह 11.7 मीटर ऊंची है, और वर्षा जल संचयन सुविधा के साथ एक हरित इमारत भी है.'
बदायूं के रहने वाले पेंटर मोहम्मद जफर खान ने कहा कि वह कोविड के कारण लॉकडाउन लगने से पहले से पिछले चार वर्षों से नए अयोध्या स्टेशन में काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'यह बहुत ही सुंदर स्टेशन बनने जा रहा है.'
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