मलमास विशेषः अद्भुत है जम्मू स्थित श्रीरघुनाथ मंदिर, यहां 33 करोड़ देवी-देवता देते हैं दर्शन

श्री रधुनाथ मंदिर जम्मू शहर के मध्य में स्थित है. यह मंदिर अपनी कलात्मकता का एक विशिष्ट उदाहरण है. जम्मू तवी स्टेशन से महज 3 किमी की दूरी पर मांझिन है. यहां के पक्की ढाकी इलाके में फात्थू चौगान के पास श्रीरघुनाथ मंदिर स्थित है. इस मंदिर पर आतंकी हमला भी हो चुका है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 23, 2020, 09:35 AM IST
मलमास विशेषः अद्भुत है जम्मू स्थित श्रीरघुनाथ मंदिर, यहां 33 करोड़ देवी-देवता देते हैं दर्शन

नई दिल्लीः अधिकमास में श्रीहरि विष्णु और उनके विभिन्न अवतारों का स्मरण पुण्य फलदायी होता है. अथक प्रयासों के बाद उत्तर प्रदेश के अयोध्या में फिर से भव्य राममंदिर का निर्माण होने जा रहा है. लेकिन श्रीराम को समर्पित एक दिव्य मंदिर माता वैष्णो देवी धाम की दिव्य भूमि पर भी बना हुआ है.

जम्मू में स्थित प्रसिद्ध रघुनाथ मंदिर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के दर्शनों के लिए दिव्य स्थल है. भगवान विष्णु के अवतारी स्वरूप श्रीराम के दर्शन मर्यादा के लिए प्रेरक हैं. 

यहां स्थित है मंदिर
श्री रधुनाथ मंदिर जम्मू शहर के मध्य में स्थित है. यह मंदिर अपनी कलात्मकता का एक विशिष्ट उदाहरण है. जम्मू तवी स्टेशन से महज 3 किमी की दूरी पर मांझिन है. यहां के पक्की ढाकी इलाके में फात्थू चौगान के पास श्रीरघुनाथ मंदिर स्थित है.

यहां तक पहुंचने के लिए आसानी से सवारियां उपलब्ध रहती हैं. 

33 करोड़ देवी-देवताओं का मंदिर
भगवान राम को समर्पित इस मंदिर सिर्फ श्री राम ही नहीं विराजते हैं, बल्कि यह भारत का इकलौता ऐसा मंदिर है, जहां 33 करोड़ देवी-देवताओं को स्थान मिला है.  मंदिर में हिंदू धर्म के 33 करोड़ देवी और देवताओं की लिंगम भी बने है जो मंदिरों में एक इतिहास है. 

इस मंदिर में 7 ऐतिहासिक धार्मिक स्थल मौजूद है.  मंदिर के आन्तरिक हिस्सों में सोना लगा हुआ है जिसे तेज का स्वरूप मानते हैं. 

मंदिर के भीतर है अद्भुत छटा
मंदिर के भीतर दीवारों पर तीन तरफ सोने की परत चढ़ी हुई है. मंदिर बाहर से पांच कलश की तरह नज़र आता है जो लम्बाई में फैला हुआ है. गर्भ गृह में राम सीता लक्ष्मण की विशाल मूर्तियां हैं. मंदिर में रामायण महाभारत काल के कई चरित्रों की प्रतिमाएं विभिन्न कक्षों में हैं.

गर्भ गृह के चारो ओर अहाते में विशाल कक्ष बने हैं जिनमे ये मूर्तियां हैं. 

यहां होते हैं चारों धाम के दर्शन

मंदिर में एक कक्ष में चारों धाम के दर्शन किए जा सकते हैं. बीच में ऐसी व्यवस्था हैं कि चारों ओर से एक-एक धाम-रामेश्वरम, द्वारकाधीश, बद्रीनाथ, केदारनाथ के दर्शन किए जा सकते हैं. एक कक्ष में बीच में भगवान सत्यनारायण के दर्शन किए जा सकते हैं. 

इस कक्ष के बीचोबीच उकेरा गया सूर्य बहुत सुन्दर हैं. 

ऐसे हुआ था निर्माण
इस मंदिर को सन 1835 में राजा गुलाब सिंह ने बनवाना शुरू किया था. मंदिर बनकर राजा रणवीर सिंह के काल में पूरा हुआ. ऐसा कहा जाता है कि महाराज गुलाब सिंह को इस मंदिर के निर्माण की प्रेरणा श्री राम दास वैरागी से मिली थी.

रामदास वैरागी ने गुलाब सिंह के राजा बनने की भवष्यिवाणी की थी, जो कि बाद में सत्य साबित हुई. रामदास वैरागी भगवान राम के भक्त थे और उनके आदर्शों को प्रचारित करने अयोध्या से जम्मू आए थे. सुई सिम्बली में कुटिया बनाकर रहते थे. रामदास ने जम्मू क्षेत्र में पहले राम मंदिर का निर्माण सुई सिम्बली में करवाया था.

दर्शनीय है बारहमासा
मंदिर में चारों ओर दीवारों पर बारहमासा दर्शनीय हैं, हर महीने चैत्र, वैशाख आदि के लिए उस माह के मुख्य देवता की मूर्ति हैं. इस मंदिर का रामनवमी का त्यौहार दर्शनीय होता है. राजा महाराजाओं के समय रामनवमी के पर्व पर सरकारी अवकाश घोषित होता था.  भगवान राम की झांकी साथ -साथ पुलिस और सुरक्षाबल की टुकड़ियां चला करती थी.   

हो चुका है आतंकी हमला
ऐतिहासिक रघुनाथ मंदिर पर नवंबर 2002 में आतंकी हमला भी हो चुका है. जिसके बाद इस मंदिर को कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया था.

हमले के 11 साल बाद साल 2013 में एक बार फिर से मंदिर के द्वार भक्त के लिए खोल दिए गए. 

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