नई दिल्लीः मंगलवार (Tuesday) का दिन महावीर हनुमान जी के पूजन के लिए खास होता है. भक्ति शिरोमणि हनुमान श्रीराम की कृपा प्राप्ति के सबसे सरल और सहज मार्ग हैं. जितनी सहज उनकी भक्ति है उतनी ही सहज उनकी कृपा पाना भी है. कोई भी श्रद्धालु सिर्फ श्रद्धाभाव से हनुमान चालीसा पढ़कर उनकी कृपा प्राप्त कर सकता है.
इसके अलावा कुछ मंत्र और श्लोक भी हैं जो बहुत फलदायक होतें हैं. जीवन में सुख-समृद्धि की कामना रखने वाले लोगों को इन मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए. एक बात और याद रखनी चाहिए, ईश्वर को धन प्राप्ति का साधन नहीं समझना चाहिए, आप बस उन्हें प्रेरणा मानिए, उनकी कृपा प्राप्त कीजिए और अपने सत्कर्म में लगे रहिए. महावीर हनुमान खुद आपके कष्ट दूर करेंगे. कष्ट चाहे धन का हो, रोग का हो या फिर समाज का हो, सब मिट जाएगा.
आज मंगलवार को पूरी श्रद्धा से आपको इन मंत्रों में कोई भी मंत्र जाप का अनुष्ठान करें.
पहला मंत्र ः ॐ ऐं भ्रीम हनुमते, श्री राम दूताय नमः
यह हनुमान जी का बीज मंत्र है. बीज मंत्र आध्यात्मिक शक्तियों से संपन्न छोटी ध्वनियां होती हैं. प्रतिदिन सुबह इस मंत्र का जप करने से बजरंग बलि की असीम कृपा तो मिलती ही है और साथ ही सारे कष्टों का निवारण भी हो जाता है.
इसका अर्थ है, हम भगवान हनुमान से अनुरोध करते हैं, जो भगवान श्री राम के सबसे बड़े सेवक और दूत हैं. मंत्र जाप से पहले आपको अपना संकल्प या अनुष्ठान करन होता है, जैसा कि हर सनातनी पूज परंपरा में होता है और फिर इसके बाद मंत्र जाप करना होता है.
दूसरा मंत्रः मनोजवं मारुतुल्यवेगं जितेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्. वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये.
हनुमान जी को समर्पित यह दूसरा मंत्र बहुत ही शक्तिशाली और सबसे अधिक जपा जाने वाला मंत्र है.
इस मंत्र श्लोक में उनकी विशेषताओं का वर्णन है और ऐसा जाप करके अनुरोध किया जाता है कि महावीर हमें भी अपने जैसा बनने की शक्ति प्रदान करें. इसका अर्थ है, मन-जैसी स्फूर्ति और वायु-जैसे वेग वाले, परम बुद्धिमान, इन्द्रियनिग्रही, वानरपति, वायुपुत्र हनुमान की शरण लेता हूं.
तीसरा मंत्र
अतुलित बलधामं, हेमशैलाभदेहमं. दनुजवनकृशानुं, ज्ञानिनामग्रगण्यम्.
सकलगुण निधानं, वानराणामधीशम्. रघुपतिप्रिय भक्तं वातजातम् नमामि.
यह श्लोक भी महावीर हनुमान की विशेषता बताता है. इसका अर्थ है कि जिनके बल की कोई तुलना न हो, स्वर्णिम पर्वत के समान विशाल शरीर वाले, राक्षसों-पापियों के लिए अग्नि बन जाने वाले, ज्ञानियों में अग्रणी, समस्त गुणों से पूर्ण वानरों के स्वामी और श्रीराम के प्रिय भक्त पवनपुत्र आपको बारबार प्रणाम है.
चौथा मंत्र
ॐ नमो हनुमते रुद्रावतराय वज्रदेहाय वज्रनखाय वज्रसुखाय वज्ररोम्णे वज्रनेत्राय वज्रदंताय वज्रकराय वज्रभक्ताय रामदूताय स्वाहा.
हनुमान जी का यह मंत्र सिद्धियों और शक्तियों को देने वाला है. साथ ही यह आरोग्य भी प्रदान करता है. इस मंत्र का अर्थ है रुद्र के अवतार, सभी शत्रुओं का संहार करने वालेस वज्र के समान शरीर वाले श्री राम के दूत का स्मरण करता हूं.
यह मंत्र सिद्ध है और शक्तिशाली भी है. इसका जाप शुद्ध तरीके से किया जाए तो यह जरूर सफल होता है.
पांचवां मंत्रः ‘नमो भगवते आन्जनेयाये महाबलाये स्वाहा.’
हनुमान जी का यह मंत्र 18 अक्षरों वाला, संख्या बल के कारण भी बहुत महत्वपूर्ण है. इसका योग 9 आता है, जो कि संपूर्णता का परिचायक है. इसका अर्थ है कि माता अंजनी के पुत्र महान भगवान हनुमान जी को नमन है जो कि महाबली हैं. हनुमान जी का यह मंत्र सर्वार्थ सिद्धि देने वाला है.
छठवां मंत्रः ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसहांरणाय सर्वरोगाय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा
हनुमान जी के समस्त कौशल और उनकी सिद्धियों से समाहित यह मंत्र सर्वबाधा हरण के रूप में जाना जाता है. इससे जहां शत्रु का नाश होता है, रोगों का नाश होता है, वशीकरण संभव होता है, वहीं श्री राम की कृपा भी मिलती है.
इसका अर्थ है, रुद्र के अवतार श्री हनुमान जी को नमन, जो कि सभी शत्रुओं का संहार करने वाले हैं, सभी रोग को हरने वाले हैं और जिनके प्रभाव से वशीकरण होता है. श्रीराम जी के दूत की कृपा का आकांक्षी हूं.
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