Haridwar Mahakumbh में शाही स्नान कब, क्या है तैयारियां? जानिए पूरा Plan

Mahakumbh के आयोजन का आलम ऐसा है कि Haridwar पूरी तरह किसी रंगीन वेद-पुराण का अध्याय जैसा लग रहा है. आस्था और संस्कृति के रंगों में पूरी नगरी रंगी हुई है

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 20, 2021, 05:27 PM IST
  • Haridwar Mahakumbh 2021 में चार शाही स्नान पड़ेंगे
  • मुरादाबाद रेल डिवीजन के स्टेशनों से नहीं लगेगा पांच रुपये मेला शुल्क
Haridwar Mahakumbh में शाही स्नान कब, क्या है तैयारियां? जानिए पूरा Plan

नई दिल्लीः Kumbh Mela Haridwar 2021 की शुरुआत हो गई है. इसी के साथ आध्यात्मिक नगरी श्रद्धालुओं का बाहें फैलाए स्वागत करने के लिए तैयार है. दुल्हन जैसा सजा हरिद्वार देखते ही बन रहा है. पौराणक कथाओं के चित्रों से शहर की गलियां, ओवर ब्रिज, दीवारें सभी गुलजार हैं. कहीं रामायण के पात्र जीवंत होते दिख रहे हैं तो कहीं समुद्र मंथन के दृश्य दिख रहे हैं. गीता सार, महाभारत युद्ध, गंगा अवतरण के साथ उत्तराखंड की लोक संस्कृति की छटा भी हरिद्वार में बिखर रही है. इसी के साथ पुलिस प्रशासन भी मुस्तैद है.  वहीं रेलवे ने भी पांच रुपये अतिरिक्त मेला शुल्क को भी खत्म कर दिया है. यह शुल्क मुरादाबाद रेल डिवीजन के स्टेशनों से टिकट लेने पर लगता था.

शांति व्यवस्था के लिए पुलिस तैनात

हरिद्वार (Haridwar) कुंभ मेले में श्रद्धालुओं और मेला पुलिस की मदद के लिए 15 हजार विशेष पुलिस अधिकारियों (एसपीओ) की तैनाती की जाएगी. इन्हें मेला क्षेत्र में तैनात किया जाएगा. इनकी ड्यूटी राउंड-द-क्लॉक रहेगी. मेला क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने में अहम योगदान देंगे. कुंभ मेला 2021 आईजी संजय गुंज्याल का कहना है कि इतने बड़े आयोजन के दौरान सुरक्षा के लिए भी सभी इंतजाम किए जा रहे हैं.

मेला क्षेत्र में 24 सेक्टर बनाए गए हैं. पैरामिलिट्री फोर्स और NSG कमांडो की भी तैनाती की गई है. पूरे मेला क्षेत्र की CCTV से निगरानी की जाएगी. Covid-19 गाइडलाइंस के पालन के लिए भी इंतजाम किए गए हैं.

Railway नहीं लेगा पांच रुपये का मेला शुल्क

Mahakumbh के लिए Haridwar में जाने वाले श्रद्धालुओं को अब पांच रुपये का अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा. काफी समय से यह मेला शुल्क श्रद्धालु यात्रियों से वसूला जा रहा था. रेलवे ने अब इस मेला शुल्क को खत्म कर दिया है.  Haridwar Mahakumbh के मेले के दौरान ज्वालापुर, मोतीचूर, लक्सर, मुरादाबाद (Moradabad), बरेली आदि स्टेशनों से टिकट खरीदने पर पांच रुपये का मेला शुल्क अलग से देना पड़ता था.

इससे रेलवे में राजस्व में अच्छी आमदनी भी हो रही थी. अब रेलवे ने यात्री सुविधाएं बढ़ाने के साथ इस शुल्क को खत्म करके राहत दी है. अब हरिद्वार जाने वाले श्रद्धालुओं को पांच रुपये का टिकट अलग से नहीं दिया जाएगा. मुरादाबाद रेल डिवीजन की सीनियर डीसीएम रेखा शर्मा (Rekha Sharma) ने बताया कि अभी रेलवे पांच रुपये का शुल्क लेता था, लेकिन अब यह शुल्क नहीं लिया जाएगा.

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तारीखों में देखिए ग्यारहवें साल वाले कुंभ का इतिहास

Mahakumbh के इस साल के आयोजन की खास बात है कि इस बार यहां कुंभ ग्यारहवें वर्ष में ही आयोजित हो रहा है. जबकि यह हमेशा ग्यारहवें वर्ष में आयोजित होता आया है. ग्रहमंडल में गुरु यानी की बृहस्पति ग्रहों का राजा है. कुंभ का संबंध कुंभ राशि से है. बृहस्पति (Jupiter) हर 12 वर्ष में कुंभ राशि में प्रवेश करते हैं. लेकिन ग्रह चाल के कारण इस गति में थोड़-थोड़ा अंतर आता रहता है.

यह अंतर इतना हो जाता है कि हर सात कुंभ के अंतराल पर एक साल कम हो जाता है. लिहाज सात Mahakumbh बीत जाने पर आठवां Kumbh ग्यारहवें वर्ष में पड़ता है. Kumbh का इतिहास उठाकर देखें तो बीती शताब्दी में 1927 में Haridwar में लगने वाला Mahakumbh सातवां था. इसके बाद आठवां Mahakumbh 1939 में ग्यारहवें वर्ष में आयोजित किया गया था.

इस बार की शाही स्नान की तिथियां

Haridwar Mahakumbh 2021 में इस बार चार शाही स्नान पड़ेंगे.  उनकी भी तारीखें निश्चित कर दी गईं हैं.

पहला शाही स्नान 11 मार्च 2021, शिवरात्रि के दिन पड़ेगा.
दूसरा शाही स्नान 12 अप्रैल 2021, सोमवती अमावस्या के दिन पड़ेगा.
तीसरा शाही स्नान 14 अप्रैल 2021, मेष संक्रांति पर पड़ेगा.
चौथा शाही स्नान 27 अप्रैल 2021, को बैसाख पूर्णिमा के दिन पड़ेगा.

हरिद्वार में बिखरी हरिनाम की छटा

Mahakumbh के आयोजन का आलम ऐसा है कि Haridwar पूरी तरह किसी रंगीन वेद-पुराण का अध्याय जैसा लग रहा है.  आस्था और संस्कृति के रंगों में पूरी नगरी रंगी हुई है. दीवारों पर सुंदर चित्र और स्लोगन दिख रहे हैं, जिनकी छटा अद्भुत है. पुलों, गंगा घाटों, पानी की टंकियों, भवनों को भी आकर्षक तरीके से सजाया जा रहा है.

आस्था के रंगों के साथ-साथ उत्तराखंड (Uttarakhand) की लोक परंपराओं और संस्कृति के रंगों की छटा भी हरिद्वार में जगह जगह बिखर रही है. केदारनाथ धाम, बद्रीनाथ धाम, गंगोत्री धाम और यमुनोत्री धाम के भी सुंदर चित्र उकेरे गए हैं.

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