AUS vs NZ: ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच खेली जा रही 3 मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मैच गाबा के मैदान पर खेला गया जो कि सिर्फ 2 दिन के अंदर खत्म हो गया था. इस के बाद से लगातार गाबा कि पिच को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं और उसकी आलोचना की जा रही है. आईसीसी ने भी कहा है गाबा जैसी पिच टेस्ट क्रिकेट के अस्तित्व के लिये खतरा है और बोर्ड को ऐसी पिच तैयार करने से बचना चाहिये. इस बीच न्यूजीलैंड के पूर्व स्पिनर डेनियल विटोरी ने इस पूरे मामले को नया एंगल देते हुए बताया कि मैच कैसे दो दिन में खत्म हो गया.
इससे भी बदतर पिच देखी है
विटोरी ने स्वीकार किया कि गाबा की पिच बल्लेबाजों के लिए मुश्किल थी लेकिन उनका मानना है कि पहले टेस्ट के दो दिन के भीतर समाप्त होने में दोनों टीम के गेंदबाजों के स्तर की अहम भूमिका रही. मेजबान टीम के दूसरे ही दिन मुकाबला छह विकेट से जीतकर 1-0 की बढ़त बनाने के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने ब्रिसबेन की पिच को औसत से खराब रेटिंग दी. इस साल मई में ऑस्ट्रेलिया के सहायक कोच का पद संभालने वाले विटोरी ने कहा कि उन्होंने इससे भी ‘बदतर’ पिच देखी हैं.
‘जीरो विकेट’ ने विटोरी के हवाले से बुधवार को कहा, ‘हालात बेहद मुश्किल थे और गेंदबाजी इकाई के रूप में आप ऐसे हालात से खुश होते हैं. गेंदबाजी आक्रमण के काफी अच्छा होने के कारण संभवत: ऐसा हुआ. आप हमेशा इस तरह के हालात में नहीं खेलना चाहते लेकिन मुझे लगता है कि कभी कभी टेस्ट मैच में यह बुरी चीज नहीं है.’
गेंदबाजों के लिये मददगार थी गाबा की पिच
आईसीसी एलीट मैच रैफरी पैनल के सदस्य रिची रिचर्डसन ने कहा कि गाबा की पिच गेंदबाजों के काफी अनुकूल थी. दक्षिण अफ्रीका के कप्तान डीन एल्गर ने भी विकेट की आलोचना करते हुए कहा था, ‘मुझे नहीं लगता कि यह काफी अच्छा टेस्ट विकेट था.’
न्यूजीलैंड के लिए 113 टेस्ट खेलने वाले 43 साल के विटोरी ने कहा कि जब ट्रेविस हेड, स्टीव स्मिथ और दक्षिण अफ्रीका के काइल वेरेन जैसे खिलाड़ियों ने डटकर बल्लेबाजी की और वे रन बनाने में सफल रहे. हेड और स्मिथ ने पहली पारी में क्रमश 92 और 36 रन बनाए जबकि वेरेन ने 64 रन की धैर्यपूर्ण पारी खेली.
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