BCCI new Rule in T20 Cricket: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने अपने घरेलू टी20 टूर्नामेंट सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में एक नया नियम लागू करने का फैसला किया है जिससे इस प्रारूप में क्रांतिकारी प्रभाव देखने को मिलेंगे. इससे खेल में आने वाला रोमांच तीन गुना तक बढ़ जायेगा. बीसीसीआई ने टूर्नामेंट को और ज्यादा आकर्षक, रोमांचक और बड़ा बनाने के लिये इस नियम को लागू करना का फैसला किया है जिसे इम्पैक्ट प्लेयर का नाम दिया गया है. इससे न सिर्फ दर्शकों बल्कि इसमें हिस्सा लेने वाली टीमों की भागीदारी भी पहले से ज्यादा बढ़ जायेगी.
क्रिकेट में भी लागू होगा सबस्टिट्यूशन का नियम
क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार इस नियम के तहत दोनों टीमें मैच के दौरान अपनी प्लेइंग 11 के एक खिलाड़ी को रिप्लेस कर सकती हैं. बीसीसीआई ने साफ किया है कि इस नियम को लागू करने की प्रेरणा उन्हें फुटबॉल, रग्बी और बास्केटबॉल जैसे खेलों के सबस्टिट्यूशन नियम से मिली है.
क्रिकबज के पास नोट में कहा गया है,'इसका कॉन्सेप्ट साफ है कि प्रति व्यक्ति एक सबस्टिट्यूट खिलाड़ी को मैच का हिस्सा बनाया जाये. इससे दोनों टीमों के पास एक और रणनीतिक मूव होगा जो कि मैच की दशा और दिशा दोनों बदल सकता है. फुटबॉल, रग्बी, बास्केटबॉल और बेसबॉल समेत कई खेलों में यह रणनीतिक मूव करने की आजादी दी गई है, जिसके तहत सबस्टिट्यूट खिलाड़ी टीम के नियमित प्लेयर की तरह ही भाग ले सकता है.'
सिर्फ इस ट्रॉफी के लिये लागू हो रहा है
उल्लेखनीय है कि बीसीसीआई के सूत्र ने साफ किया है कि बोर्ड फिलहाल यह प्रयोग सिर्फ सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के इसी सीजन के लिये कर रहा है, जिसमें सफल रहने के बाद बीसीसीआई इसे महिला क्रिकेट और आगामी सीजन में भी लागू कर सकता है. फिलहाल बीसीसीआई ने इसे आईपीएल में लागू करने पर कोई फैसला नहीं किया है.
मैच का रुख बदल देगा इम्पैक्ट प्लेयर नियम
गौरतलब है कि सैयद अली मुश्ताक ट्रॉफी नेशनल टी20 चैम्पियनशिप है जिसका आयोजन 11 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच किया जाना है. राज्य क्रिकेट संघ के बीच जारी किये गये दिशानिर्देशों के अनुसार यह टीम पर निर्भर करता है कि वो इम्पैक्ट प्लेयर रखना चाहते हैं या नहीं लेकिन अगर उसे इम्पैक्ट प्लेयर लाना है तो 14वें ओवर के पूरा होने से पहले लाना होगा. इम्पैक्ट प्लेयर को लाये जाने के बाद वो खिलाड़ी बैटिंग और पूरे 4 ओवर के स्पेल की बॉलिंग दोनों ही कर सकता है.
बीसीसीआई ने आगे साफ किया है कि मैच में किसी भी स्तर पर सिर्फ 11 ही खिलाड़ी खेल सकते हैं. जिसका मतलब है कि इम्पैक्ट प्लेयर के टीम में शामिल होने के बाद रिप्लेसमेंट बैटर को आउट माना जायेगा. कप्तान, टीम मैनेजर या फिर हेड कोच को ब्रेक या फिर विकेट गिरने के दौरान इम्पैक्ट प्लेयर के बारे में फोर्थ अंपायर को सूचित करना होगा.
जानें क्या है इम्पैक्ट खिलाड़ी नियम
- कप्तान को टॉस के दौरान प्लेइंग इलेवन के बाहर चार विकल्प देने होंगे, जिसमें नामित विकल्पों में से एक को इम्पैक्ट प्लेयर के रूप में शामिल किया जा सकता है.
- प्रति मैच प्रति टीम केवल एक इम्पैक्ट प्लेयर का ही इस्तेमाल कर सकती है. इम्पैक्ट प्लेयर का उपयोग करने का विकल्प टीमों पर निर्भर है.
- इम्पैक्ट प्लेयर को मैच में किसी भी पारी का 14वां ओवर पूरा होने से पहले किसी भी समय पेश किया जा सकता है.
- कप्तान/प्रमुख कोच/टीम मैनेजर द्वारा मौजूदा ओवर की समाप्ति से पहले इंपैक्ट प्लेयर के परिचय के बारे में ऑनफील्ड या चौथे अंपायर को सूचित किया जाना चाहिए.
- इम्पैक्ट प्लेयर की ओर से रिप्लेस किया गया खिलाड़ी बचे हुए मैच के लिए भाग नहीं ले सकता. उस खिलाड़ी को भी रिप्लेसमेंट खिलाड़ी के रूप में वापसी की अनुमति नहीं होगी.
- यदि कोई खिलाड़ी ओवर के बीच में फील्डिंग करते समय घायल हो जाता है, तो नियम 24.1 के तहत घायल खिलाड़ी को इम्पैक्ट प्लेयर से ओवर के बीच में ही बदला जा सकता है और घायल खिलाड़ी बाकी मैच के लिए भाग नहीं ले सकता है. वरना, इम्पैक्ट प्लेयर का उपयोग ओवर के पूरा होने के बाद ही किया जा सकता है.
- यदि इम्पैक्ट प्लेयर का उपयोग किया जाता है और बाद में कोई चोट लगती है, तो वही खेल स्थितियां लागू होंगी जो विकल्प की अनुमति देती हैं.
- फील्डर को चोट लगने की स्थिति में गेंदबाजी टीम एक ओवर की समाप्ति के बाद या मध्य ओवर के बाद प्रभाव खिलाड़ी का इस्तेमाल कर सकती है.
- एक टीम किसी कानून के उल्लंघन के लिए निलंबित गेंदबाज के स्थान पर इंपैक्ट प्लेयर का उपयोग नहीं कर सकती है.
- इम्पैक्ट प्लेयर्स का उपयोग उस मैच में नहीं किया जा सकता है जिसमें दोनों पारियों को प्रति ओवर ओवर से कम कर दिया गया हो.
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