BCCI पर उठे सवाल, क्रिकेटरों के लिये ‘हलाल’ मांस भेजने की सिफारिश पर बवाल

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) पर आरोप लग रहे हैं कि उसने न्यूजीलैंड के खिलाफ कानपुर टेस्ट के दौरान खिलाड़ियों के लिए हलाल मांस भेजने की सिफारिश की थी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 24, 2021, 07:32 AM IST
  • भारत और न्यूजीलैंड 25 नवंबर से टेस्ट सीरीज खेलेंगे
  • रोचक मुकाबले के आगाज से पहले विवाद छिड़ गया
BCCI पर उठे सवाल, क्रिकेटरों के लिये ‘हलाल’ मांस भेजने की सिफारिश पर बवाल

नई दिल्ली: भारत और न्यूजीलैंड के बीच टी20 सीरीज के बाद अब 25 नवंबर से टेस्ट सीरीज खेली जाएगी. टेस्ट सीरीज का पहला मैच कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में खेला जाएगा. इस रोचक मुकाबले के आगाज से पहले बीसीसीआई को लेकर एक विवाद छिड़ गया.

'हलाल' मांस के मुद्दे पर छिड़ा संग्राम

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) पर आरोप लग रहे हैं कि उसने न्यूजीलैंड के खिलाफ कानपुर टेस्ट के दौरान खिलाड़ियों के लिए हलाल मांस भेजने की सिफारिश की थी.

पहले टेस्ट मैच से पहले विवादों में बीसीसीआई

कहा जा रहा है कि न्यूजीलैंड के खिलाफ कानपुर में पहले टेस्ट मैच के दौरान भारतीय क्रिकेटरों के लिये केवल ‘हलाल’ मांस की सिफारिश की गयी है.
भारतीय क्रिकेटरों के लिये जो व्यंजन सूची (मेन्यू) तैयार किया गया है, उसकी एक प्रति पीटीआई के पास भी है. इसमें स्पष्ट तौर पर लिखा गया है कि पोर्क (सूअर का मांस) और बीफ (गौमांस) किसी भी रूप में भोजन का हिस्सा नहीं होने चाहिए.

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता और एडवोकेट गौरव गोयल ने इस सिफारिश को तुरंत वापस लेने की मांग की है. गोयल ने अपने ट्विटर हैंडल पर जारी वीडियो में कहा कि खिलाड़ी कुछ भी खाना चाहते हैं वह खायें, यह उनकी मर्जी है लेकिन बीसीसीआई को यह अधिकार किसने दिया है वह ‘हलाल’ मांस की सिफारिश करे.

उन्होंने कहा, ‘‘यह फैसला सही नहीं है. इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए.’’

मामले पर बोलने से बच रही BCCI

इस संबंध में जब बीसीसीआई के अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया गया तो कोई भी प्रतिक्रिया देने के लिये तैयार नहीं था. माना जा रहा है कि भोजन की यह सूची खिलाड़ियों के पोषण को ध्यान में रखते हुए सहयोगी स्टॉफ और चिकित्सा दल ने तैयार की है.

हिंदू और सिख अमूमन ‘झटका’ वाला मांस जबकि मुस्लिम ‘हलाल’ मांस खाना पसंद करते हैं. हलाल में जानवर के गले की नस को काटकर तब तक छोड़ दिया जाता है जब तक कि उसका पूरा खून नहीं निकल जाए. झटका में जानवर के गर्दन पर तेज धारदार हथियार से वार करके उसे तुरंत मार दिया जाता है.

एक पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने कहा कि सुअर का मांस और गौमांस को भोजन सामग्री में शामिल नहीं करना आश्चर्यजनक नहीं हैं लेकिन इस बारे में कभी लिखित निर्देश नहीं दिये गये.

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