CWG 2022: खिलाड़ी की भावुक अपील, 'अगर गोल्ड मेडल जीत गए तो हमें भी लोग धोनी की तरह जानेंगे'

महेंद्र सिंह धोनी ने रांची को दुनिया भर में पहचान दिलाई लेकिन उसी शहर की लवली की ख्वाहिश बस देश में नाम कमाने की है. लवली राष्ट्रमंडल खेलों में लॉनबॉल में भारत को पहला पदक दिलाने वाली टीम की सदस्य है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 1, 2022, 08:06 PM IST
  • धोनी की तरह नाम कमाने की चाह- लवली
  • फाइनल में पहुंची भारतीय महिला लॉन बॉल टीम
CWG 2022: खिलाड़ी की भावुक अपील, 'अगर गोल्ड मेडल जीत गए तो हमें भी लोग धोनी की तरह जानेंगे'

नई दिल्ली: Commonwealth Games 2022: भारतीय महिला लॉन बॉल्स टीम ने सोमवार को यहां महिला फोर्स (चार खिलाड़ियों की टीम) स्पर्धा के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को 16-13 से हराकर राष्ट्रमंडल खेलों में अपना एतिहासिक पहला पदक पक्का किया. भारतीय टीम पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में महिला फोर्स प्रारूप के फाइनल में पहुंची है. लवली चौबे (लीड), पिंकी (सेकेंड), नयनमोनी सेकिया (थर्ड) और रूपा रानी टिर्की (स्किप) की भारतीय महिला फोर्स टीम मंगलवार को स्वर्ण पदक के मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका से भिड़ेगी. 

धोनी की तरह नाम कमाने की चाह

महेंद्र सिंह धोनी ने रांची को दुनिया भर में पहचान दिलाई लेकिन उसी शहर की लवली की ख्वाहिश बस देश में नाम कमाने की है. लवली राष्ट्रमंडल खेलों में लॉनबॉल में भारत को पहला पदक दिलाने वाली टीम की सदस्य है. महिला फोर्स सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को हराने के बाद लवली चौबे, रूपा रानी टिर्की, पिंकी और नयनमोनी सैकिया को यकीन ही नहीं हुआ कि उन्होंने इतिहास रच दिया है. 

38 वर्ष की लवली झारखंड पुलिस में कांस्टेबल है जबकि रूपा भी रांची से है और खेल विभाग में कार्यरत है. पिंकी दिल्ली में डीपीएस आर के पुरम में खेल शिक्षक है जबकि नयनमोनी असम में एक किसान परिवार से है और राज्य के वन विभाग में कार्यरत है. 

ओलंपिक की तरह है CWG में मेडल जीतना

तीसरी बार राष्ट्रमंडल खेलों में भाग ले रही लवली ने कहा कि हमारे लिये यह ओलंपिक जितना बड़ा है क्योंकि लॉन बॉल ओलंपिक का हिस्सा नहीं है. हम चार साल पहले एक अंक से पदक से चूक गए थे लेकिन इस बार हम पूरी तैयारी से आये थे. उम्मीद है कि इस उपलब्धि से हमें पहचान मिलेगी.

लवली सौ मीटर की फर्राटा धाविका थी जबकि नयनमोनी भारोत्तोलक थी. दोनों को चोट के कारण लॉनबॉल में आना पड़ा. लवली ने कहा कि लॉन बॉल के लिये हरा मैदान और गेंद चाहिये लेकिन गेंद भारत में नहीं बनती बल्कि आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से आयात होती है. 

उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके पदक के बाद हालात बदलेंगे. रांची में अभ्यास के दौरान धोनी भी कभी कभार मैदान पर आते हैं और लवली का कहना है कि उन्हें लॉनबॉल के बारे में काफी जानकारी है. उन्होंने कहा ,‘‘ धोनी सर रांची में हमारे कोच को जानते हैं और दो बार मैदान पर भी आये हैं. जब वह देवरी माता के मंदिर जाते हैं तो हमारे मैदान पर भी आते हैं. उन्होंने कहा था कि जब वह आस्ट्रेलिया जाते हैं तो लॉन बॉल खेलते हैं.’’ 

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