नई दिल्लीः IND vs SL: पहले दो मैच में बल्लेबाजों के निराशाजनक प्रदर्शन से आहत भारतीय क्रिकेट टीम को अगर श्रीलंका से 27 साल बाद सीरीज गंवाने से बचना है तो उसको बुधवार को यहां होने वाले तीसरे और अंतिम एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में स्पिनरों पर हावी होकर खेलना होगा. गौतम गंभीर की मुख्य कोच के रूप में यह पहली वनडे सीरीज है और वह निश्चित तौर पर हार के साथ शुरुआत नहीं करना चाहेंगे.
1997 के बाद नहीं जीता श्रीलंका
भारत को श्रीलंका के खिलाफ आखिरी बार वनडे सीरीज में हार का सामना 1997 में करना पड़ा था. अर्जुन रणतुंगा की अगुवाई वाली टीम ने तब सचिन तेंदुलकर की भारतीय टीम को तीनों मैच में हराया था. भारत और श्रीलंका के बीच तब से 11 वनडे सीरीज हो चुकी हैं और इन सभी में भारतीय टीम विजयी रही. भारत वर्तमान सीरीज को नहीं जीत पाएगा क्योंकि पहला मैच टाई छूटने के बाद दूसरे मैच में उसे 32 रन से हार का सामना करना पड़ा था.
सीरीज बराबर करने पर टिकी है निगाह
अब उसकी निगाह सीरीज बराबर करने पर टिकी हैं. भारत बल्लेबाजों के लचर प्रदर्शन के कारण इस स्थिति में पहुंचा है. आर. प्रेमदासा स्टेडियम की पिच से स्पिनरों को काफी मदद मिल रही है और कप्तान रोहित शर्मा को छोड़कर भारत का कोई भी अन्य बल्लेबाज श्रीलंका के स्पिनरों का डटकर सामना नहीं कर पाया है. स्टार बल्लेबाज विराट कोहली अभी तक दो मैच में 38 रन ही बना पाए हैं. उन्होंने आसानी से अपना विकेट गंवाया है जो टीम के लिए चिंता का विषय है.
श्रीलंका के स्पिनर बने सिरदर्द
कोहली इस मैच में उसकी भरपाई करने की पूरी कोशिश करेंगे. कोहली को रोहित से मिली आक्रामक शुरुआत को ही आगे बढ़ाने की जरूरत है लेकिन अभी तक वह इसमें नाकाम रहे हैं. उन्हें संघर्षरत मध्यक्रम के बल्लेबाजों के साथ मिलकर पारी को संवारना होगा. इसके लिए उन्हें और अन्य बल्लेबाजों को रोहित की तरह स्पिनरों पर हावी होकर खेलना होगा. श्रीलंका के स्पिनर भारत के अन्य बल्लेबाजों के लिए भी अबूझ पहेली बने हुए हैं. स्पिनरों के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करने वाले शिवम दुबे पिछले मैच में जैफ्री वांडरसे की आसान लेग स्पिन को भी नहीं समझ पाए.
44 गेंदों पर खेली 64 रनों की धमाकेदार पारी
श्रेयस अय्यर और केएल राहुल भी अभी तक श्रीलंका के स्पिनरों को खेलने में असफल रहे हैं. रोहित ने पिछले मैच में 44 गेंद पर 64 रन की धमाकेदार पारी खेली थी. श्रीलंका के स्पिनर उनके सामने नहीं चल पाए थे. भारत के अन्य बल्लेबाजों को भी अपने कप्तान से सीख लेने की जरूरत है.
भारत इस मैच में दुबे की जगह रियान पराग को मौका दे सकता है जो स्पिनरों को अच्छी तरह से खेलते हैं. उनकी स्पिन गेंदबाजी टीम के लिए अतिरिक्त बोनस होगी, क्योंकि भारतीय गेंदबाज भी अभी तक श्रीलंका के स्पिनरों की तरह प्रभाव नहीं छोड़ पाए हैं.
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