New Zealand Bowler Mitchell Mcclenaghan: न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज मिचेल मैक्लेनघन ने खिलाड़ियों से जुड़े मुद्दे पर न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड को लेकर बड़ा खुलासा किया है. मैक्लेनघन के अनुसार न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड एक उम्र के बाद अपने खिलाड़ियों की इज्जत करना बंद कर देता है. कीवी बॉलर का मानना है कि खिलाड़ी को लंबे समय तक देश की सेवा करने के लिये ज्यादा इनाम दिये जाने चाहिये ताकि खिलाड़ी लंबे समय तक खेलने के लिये प्रेरित हो सकें.
लंबे समय के लिये खिलाड़ियों को मिलना चाहिये करार
उल्लेखनीय है कि न्यूजीलैंड के इस 36 वर्षीय तेज गेंदबाज ने देश के लिये 77 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में शिरकत की है और आखिरी बार साल 2018 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलते नजर आये थे. एसईएनजी के ब्रेकफास्ट शो में बात करते हुए मैक्लेनघन ने कहा कि जब एक खिलाड़ी के पास लंबे समय के लिये कॉन्ट्रैक्ट होता है तो उसे अपनी जॉब सिक्योरिटी को लेकर चिंता नहीं होती है, जैसा कि न्यूजीलैंड की रग्बी टीम में होता है और उन्हें अच्छी खासी रकम भी मिलती है.
उम्रदराज खिलाड़ियों को मिलना चाहिये ज्यादा फायदा
इस दौरान उन्होंने हाल ही में संन्यास लेने वाले कीवी खिलाड़ी कॉलिन डि ग्रैंडहोम पर भी बात की और कहा कि वो उनकी स्थिति को समझते हैं क्योंकि उन्हें अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी के लिये लंबा इंतजार करना पड़ा. उन्होंने तब तक इंतजार किया जब तक कि उन्हें एक जॉब नहींमिल गई.
उन्होंने कहा,' मुझे लगता है कि एक उम्र के बाद आपको न्यूजीलैंड क्रिकेट में वो सम्मान मिलना बंद हो जाता है. मुझे लगता है कि बढ़ती उम्र के साथ रिवॉर्ड भी बढ़ना चाहिये खास तौर से न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड के जो भी करार हैं उसको लेकर. आपको साल दर साल के लिये करार मिलता है जो कि आपकी जॉब सिक्योरिटी नहीं है. आप न्यूजीलैंड की रग्बी टीम की तरह उसके कर्मचारी नहीं हैं. जब आप लंबे समय के लिये करार में होते हैं तो आपको ये नहीं देखना पड़ता है कि पैसा कहां से आयेगा.'
ग्रैंडहोम ने किया होगा खूब विचार
मैक्लेघनन ने ग्रैंडहोम पर बात करते हुए कहा कि संन्यास लेने से पहले उन्होंने काफी कुछ सोचा होगा कि अभी उनमें 4-5 टेस्ट मैच खेलने का दम बाकी है.
उन्होंने कहा,'आप यहां पर कल ही अपनी जॉब खो सकते हैं तो उसकी सिक्योरिटी के नाम पर आपके पास कुछ भी नहीं है. मुझे समझ आता है कि कॉलिन ने दूसरी जॉब मिलने तक इतना इंतजार क्यों किया. मुझे लगता है कि उनके दिमाग में 4-5 टेस्ट अभी भी चल रहे थे और फिर उन्हें पता था कि करियर खत्म होने वाला है. यह हमारे कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर दी जाने वाली नौकरी का नेचर है.'
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