Indian Premier league: मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान के खिलाड़ियों का भारत में आकर खेलने पर बैन लगा है और इस घटना को लगभग 14 साल बीत जाने के बाद भी दोनों देशों के बीच कोई द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेली जा रही है. जहां पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड बार-बार दोनों देशों के बीच खेल संबंधों को बहाल करने की मांग करता है तो वहीं पर बीसीसीआई सरकार का हवाला देकर कुछ भी करने से इंकार कर देता है.
इसका असर दुनिया की सबसे मशहूर टी20 लीग आईपीएल पर भी नजर आता है जिसके पहले सीजन के बाद हुई घटना से नाराज बोर्ड ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों के भाग लेने पर बैन लगा दिया है. यह बैन अभी भी जारी है, हालांकि भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा का मानना है कि अब वो दिन दूर नहीं जब आईपीएल की फ्रैंचाइजी मालिकों के लिये पाकिस्तान क्रिकेटर फिर से खेलते नजर आयेंगे.
भारतीय टीमों के लिये फिर खेलते नजर आयेंगे पाकिस्तानी
दरअसल आकाश चोपड़ा ने यह दावा अपने ट्विटर हैंडल पर जारी एक वीडियो के जरिये किया है जिसमें उन्होंने अगले साल से यूएई और साउथ अफ्रीका में शुरू होने वाली टी20 लीग में भारतीय भागीदारी के बारे में भी बात की है. उल्लेखनीय है कि आईपीएल में खेलने वाली कोलकाता नाइट राइडर्स, दिल्ली कैपिटल्स और मुंबई इंडियंस की टीम ने साउथ अफ्रीका टी20 लीग और यूएई टी20 लीग में टीमें खरीदने का काम किया है.
आकाश चोपड़ा ने इसी पर बात करते हुए कहा,'पाकिस्तानी खिलाड़ियों का आईपीएल में खेलने पर बैन है लेकिन वो बाकी की टी20 लीग में खेल सकते हैं. तो अब बाकी की टी20 लीग में भारतीय फ्रैंचाइजी मालिक टीम खरीद रहे हैं तो वो उन लीग में खेलने के लिये पाकिस्तानी क्रिकेटर्स को भी शामिल करेंगे. यह होने जा रहा है, तो यह कहना गलत नहीं होगा कि पाकिस्तानी खिलाड़ी एक बार फिर से भारतीय फ्रैंचाइजी मालिकों के लिये खेलने जा रहे हैं.'
The UAE T20 League to take place early 2023 which might clash with the dates of the BBL, BPL, CSA league. Can the UAE T20 league be a threat to the IPL?
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— Aakash Chopra (@cricketaakash) August 1, 2022
नई लीग से होगा पाकिस्तानी क्रिकेट को नुकसान
आकाश चोपड़ा ने आगे बात करते हुए कहा कि दो नई टी20 लीग के शुरू होने से जहां पर भारतीय फ्रैंचाइजियां अपनी मौजूदगी को वैश्विक कर रही हैं तो वहीं पर यह आईपीएल के फॉर्मूले को बाकी देशों में लागू करने वाला प्लान होगा. यहां पर सबकी नजर इस बात पर होगी कि आप सैलरी कैप कितना रखने वाले हैं और आप खिलाड़ियों को कितना पैसा दे सकते हैं. साल 2008 में जब पहली बार आईपीएल का ऑक्शन हुआ था तो लोगों को लगा था कि जानवर जैसे बेचा जा रहा है लेकिन अब हर कोई बिकना चाहता है.
उन्होंने कहा,'क्रिकेट का कॉर्पोराइजेशन असल में अब हो रहा है और बहुत तेजी से हो रहा है. साल में सिर्फ 365 दिन होते हैं लेकिन 700 दिनों का क्रिकेट पहले ही खेला जा रहा है. क्रिकेट साउथ अफ्रीका और यूएई क्रिकेट बोर्ड के लीग शुरू करने से खिलाड़ियों पर दांव बढ़ने वाला है. इससे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को बड़ा नुकसान होने वाला है.'
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