नई दिल्ली: बर्मिंघम के मैदान पर खेले जा रहे आखिरी टेस्ट मैच में भारत के हरफनमौला खिलाड़ी रवींद्र जडेजा ने रिकॉर्ड शतकीय पारी खेली है. इस पारी के दम पर जडेजा ने न सिर्फ भारतीय टीम को मुश्किलों से बाहर निकाला बल्कि रिकॉर्डस की झड़ी भी लगा दी. टेस्ट क्रिकेट में जडेजा का यह तीसरा ही शतक है जिसमें से दो शतक उन्होंने इसी साल लगाये हैं. रवींद्र जडेजा के लिये इस साल की शुरुआत अच्छी रही थी जिसके बाद आईपीएल 2022 में उन्हें चेन्नई सुपर किंग्स की टीम ने कप्तानी की जिम्मेदारी भी सौंप दी.
IPL विवाद पर जडेजा ने पहली बार तोड़ी चुप्पी
हालांकि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में जडेजा के पास जो बेहतरीन फॉर्म थी वो आईपीएल के दौरान कहीं गायब नजर आई और मई के महीने में विवादास्पद स्थितियों में वो सीजन से बाहर हो गये. सीएसके ने सीजन के आगाज से कुछ वक्त पहले ही जडेजा को टीम की कमान सौंपी थी, लेकिन लगातार खराब कप्तानी और उतने ही खराब प्रदर्शन के चलते फ्रैंचाइजी को कप्तानी उनसे लेकर धोनी को सौंपनी पड़ी.
मई के महीने में सीएसके की टीम ने रविंद्र जडेजा की चोट का हवाला देते हुए लीग से आराम देने का ऐलान किया लेकिन इस बीच कुछ खबरों ने जोर पकड़ा जिसके अनुसार जडेजा को खराब प्रदर्शन के चलते बाहर कर दिया गया है. वहीं धोनी ने एक इंटरव्यू के दौरान जडेजा का बचाव करते हुए साफ किया कि कप्तानी के चलते जडेजा के प्रदर्शन पर प्रभाव पड़ा था. वहीं जडेजा ने इस पूरे मुद्दे पर पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है और कहा कि वह इस पूरे मुद्दे को भूल चुके हैं और फिलहाल उनका पूरा ध्यान भारत के लिये खेलने और अपने प्रदर्शन पर है.
उन्होंने कहा,'जो हुआ सो हुआ, आईपीएल मेरे दिमाग में नहीं था, जब भी आप भारत के लिये खेलते हैं तो आपका पूरा ध्यान भारतीय टीम पर होता है. मेरे लिये भी यही है, भारत के लिये खेलते हुए अच्छा प्रदर्शन करने से बेहतर कुछ भी नहीं हो सकता है.'
जडेजा ने पहली बार विदेश में लगाया शतक
गौरतलब है कि जडेजा ने विदेशी सरजमीं पर पहली बार शतक जड़ने का कारनामा किया है और यह शतक उस वक्त आया जब भारतीय टीम 100 रन के अंदर अपने 5 विकेट खो चुकी थी. जडेजा ने पहले पंत के साथ 222 रनों की साझेदारी कर टीम को मुश्किल से बाहर निकाला और फिर अपने शतक के साथ टीम के स्कोर को 416 रनों तक पहुंचाने में मदद की. जडेजा के अलावा इस मैच में कप्तान जसप्रीत बुमराह ने भी 31 रनों का योगदान दिया और स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ही ओवर में 35 रन बटोकर सबसे ज्यादा रन बटोरने का रिकॉर्ड अपने नाम किया.
तुक्का नहीं थी बुमराह की बल्लेबाजी
जडेजा ने भारतीय पारी में पुछल्ले बैटर्स की ओर से दिये गये अहम योगदान की तारीफ करते हुए कहा कि यह किसी भी तरह से कोई तुक्का नहीं था, बल्कि अभ्यास के दौरान घंटों की गई मेहनत का नतीजा है.
उन्होंने कहा,'हम 9, 10 और 11 नंबर के बल्लेबाजों को अच्छी खासी बैटिंग प्रैक्टिस कराते हैं. हमारा टीम मैनेजमेंट यह सुनिश्चित करता है कि वो जमकर बल्लेबाजी प्रैक्टिस कर सकें. जब आपका 9वें, 10वें और 11वें नंबर का बैटर रन बनाकर टीम को कुछ बोनस रन दिलाये तो बहुत खुशी होती है. जब भी बुमराह नेटस पर उतरते हैं तो वो अपने काम को गंभीरता से लेते है, ऐसा नहीं है कि वो प्रैक्टिस के दौरान काम चलाऊ खेल दिखाते हैं, वो अपनी विकेट की कीमत समझते हैं. आखिर के 40-50 रन जो उन्होंने जोड़े वो हमारे लिये बोनस थे.'
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