रोहित शर्मा वनडे में क्यों करते हैं आक्रामक बल्लेबाजी, कप्तान ने खुद किया खुलासा

रोहित ने एक इंटरव्यू में कहा कि मैं ज्यादा जोखिम लेना चाहता था इसलिए मेरे शतकों की संख्या अब थोड़ी अलग है. उन्होंने कहा, मेरा (वनडे) स्ट्राइक रेट (इस दौरान) बढ़ गया लेकिन औसत थोड़ा कम हो गया.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 29, 2023, 06:18 PM IST
  • जानिए क्या बोले रोहित शर्मा
  • कहा- मेरे खेलने का अंदाज यही
रोहित शर्मा वनडे में क्यों करते हैं आक्रामक बल्लेबाजी, कप्तान ने खुद किया खुलासा

नई दिल्लीः रोहित शर्मा ने अपनी बल्लेबाजी में एक अलग आयाम जोड़ने के लिए आक्रामकता के साथ सतर्कता बरती और वह इससे मिले नतीजों से खुश भी हैं, भले ही इसके कारण वह बड़े शतक जड़ने से महरूम रह गए हों. विश्व कप 2019 के अंत तक रोहित ने 27 शतक बनाये थे लेकिन पिछले चार वर्षों में वह इनमें केवल तीन और सैकड़े ही जोड़ पाए हैं. रोहित का मानना है कि ऐसा इसलिये हुआ क्योंकि उन्होंने बल्लेबाजी के दौरान जोखिम उठाने शुरु कर दिये हैं.

जानिए क्या बोले रोहित शर्मा
रोहित ने एक इंटरव्यू में कहा कि मैं ज्यादा जोखिम लेना चाहता था इसलिए मेरे शतकों की संख्या अब थोड़ी अलग है. उन्होंने कहा, मेरा (वनडे) स्ट्राइक रेट (इस दौरान) बढ़ गया लेकिन औसत थोड़ा कम हो गया. हमारे बल्लेबाजी कोच (विक्रम राठौड़) मुझे यही बता रहे थे. रोहित एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने तीन दोहरे शतक (आस्ट्रेलिया के खिलाफ 2013 में 209 रन, श्रीलंका के खिलाफ 2014 में 264 रन, श्रीलंका के खिलाफ 2017 में नाबाद 208 रन) जड़े हैं. उनकी अंतिम 150 रन से ज्यादा की पारी 2019 में विशाखापट्टनम में वेस्टइंडीज के खिलाफ बनी. 

कहा- मेरा स्ट्राइक रेट बढ़ा है
रोहित ने कहा कि उन्हें इस दौरान कहीं कहीं समझौता भी करना पड़ा. उन्होंने कहा, ‘‘मेरा करियर स्ट्राइक रेट करीब 90 (89.97) था लेकिन पिछले दो वर्षो में अगर आप मेरे स्कोर देखो और स्ट्राइक रेट को देखो तो यह 105-110 के करीब रहा है. इसलिये कहीं न कहीं आपको समझौता करना पड़ता है. ऐसा संभव नहीं है कि औसत 55 का हो और स्ट्राइक रेट 110 का. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘जोखिम उठाना पूरी तरह से मेरी पसंद रही. मेरी सामान्य बल्लेबाजी अब भी मेरे अंदर है लेकिन मैं कुछ और आजमाना चाहता था. मैं नतीजे से भी खुश हूं.  

रोहित ने कहा, मैं जानता हूं कि अगर मैं जोखिम भरे शॉट खेलता हूं तो मैं कुछ दफा आउट हो जाऊंगा लेकिन मुझे कोई परेशानी नहीं थी. मैंने टीम प्रबंधन को बता दिया था कि मैं इसी तरह से खेलना चाहता हूं. भारतीय टीम घरेलू मैदानों पर जिस तरह के ट्रैक पर खेलती है, वे बल्लेबाजों के मुफीद नहीं हैं और भारतीय कप्तान पिछले कुछ समय से सबसे निरंतर टेस्ट बल्लेबाजों में शुमार है. उन्होंने कहा, ‘‘भारत में मेरी हाल की टेस्ट पारियों को देखो. मैं आपको बता सकता हूं कि अब भारत में बल्लेबाजी करना विदेश में बल्लेबाजी करने से ज्यादा मुश्किल है, विशेषकर पिछले दो तीन वर्षों में ऐसा हो गया है.

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