नई दिल्ली: भारतीय टीम को इस साल ऑस्ट्रेलिया में टी20 वर्ल्डकप में हिस्सा लेना है. टीम इंडिया 2007 से दूसरे टी20 खिताब के लिए तरस रही है. इस बार राहुल द्रविड़ और रोहित शर्मा की अगुवाई में बीसीसीआई को उम्मीद है कि टीम इंडिया बेहतरीन प्रदर्शन करके टूर्नामेंट पर कब्जा करेगी.
पिछली बार बीसीसीआई ने विराट कोहली के कप्तान रहते हुए एमएस धोनी को टी20 वर्ल्डकप में टीम का मेंटर नियुक्त कर दिया था. हालांकि इसका कुछ खास असर नहीं हुआ और भारत लीग राउंड में ही पस्त हो गया. इस बार बीसीसीआई और टीम इंडिया कोई गलती नहीं करना चाहती.
वर्ल्डकप 2011 के मेंटल कोच को किया नियुक्त
2011 वर्ल्ड कप में भारत की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले मेन्टल कोच पैडी अप्टन की एक बार फिर टीम के स्टाफ में वापसी हो सकती है. उनकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी इस साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले विश्वकप में टीम को मनोवैज्ञानिक रूप से मजबूत रखने पर होगी. अप्टन पहले भी काफी अहम भूमिका निभा चुके हैं. वह वेस्टइंडीज दौरे पर मौजूद भारतीय टीम से जल्द ही जुड़ेंगे.
हेड कोच द्रविड़ के साथ काम कर चुके हैं अप्टन
भारतीय टीम के मौजूदा हेड कोच राहुल द्रविड़ और पैडी अप्टन की जोड़ी नई नहीं है. दोनों पहले भी आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स के लिए साथ में काम कर चुके हैं. शायद द्रविड़ की सिफारिश के आधार पर ही अप्टन को खास टूर्नामेंट तक के लिए नियुक्त किया गया है. भारत में वर्षों से कई मेन्टल कंडीशनिंग या माइंड कोच थे. यह सब 2003 में शुरू हुआ जब जॉन राइट तत्कालीन भारतीय कोच, मनोवैज्ञानिक सैंडी गॉर्डन को लाये थे जिन्होंने तब टीम को मनोवैज्ञानिक रूप से मजबूत बनाने के लिए काम किया.
इसके बाद ग्रेग चैपल के समय भी मेंटल कोच नियुक्त किए जाते थे. सभी खिलाड़ियों की मानसिक मजबूती और विरोधी टीम के खिलाड़ियों के मनौवैज्ञानिक स्तर का पता लगाना मेंटल कोच की जिम्मेदारी होती है ताकि मैच के दौरान खिलाड़ियों में मानसिक प्रबलता लाई जा सके. यही देखते हुए बीसीसीआई ने 2011 वर्ल्डकप में भी पैडी अप्टन को गैरी कर्स्टन के साथ कोचिंग स्टाफ से जोड़ा था.
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