नई दिल्ली. कोरोना अफवाहों से सावधान रहना इसलिए जरूरी है क्योंकि एक बार शायद आपकी इम्युनिटी आपको कोरोना के संक्रमण से बचा ले किन्तु कोरोना अफवाहों का यदि आपने ध्यान न रखा तो ये संक्रमण से अधिक घातक सिद्ध हो सकती हैं आपके स्वास्थ्य के लिए.
ऐंटीबायोटिक नहीं है कोरोना का उपचार
अफवाह फैली हुई है कि एन्टीबॉयोटिक से कोरोना का इलाज हो जाता है जबकि सच ये है कि एंटीबायोटिक न कोरोना का इलाज करता है न ही उससे बचाव करता है. सच ये भी है कि एंटीबायोटिक केवल बैक्टीरिया को बेअसर करता है, वायरस को नहीं. कोरोना संक्रमण वायरस के कारण फ़ैल रहा है. यदि कोरोना संक्रमण के साथ ही या इस दौरान मरीज को कोई बैक्टीरियल इन्फ़ेक्शन हो जाए तो अवश्य उसका उपचार करने के लिए एंटीबायोटिक दिया जा सकता है.
गर्म पानी का स्नान कारगर नहीं है
ये भी कहा जा रहा है कि गर्म पानी से नहाने से कोरोना संक्रमण से बचाव होता है. गर्म पानी से नहाने से आपका सर्दी से बचाव तो हो सकता है किन्तु वायरस से नहीं है. यद्यपि कोरोना वायरस फ्लू फैमिली का वायरस है किन्तु इसका संक्रमण सर्दी लगने से नहीं बल्कि वायरस से होता है. आप चाहे जितने भी गर्म पानी से स्नान कर लें, शरीर में सामान्य तापमान समान रहता है.
ठंडे मौसम की बर्फ़बारी भी काम की नहीं है
ये अजीब सी नई अफवाह सामने आई है कि ठंडे मौसम में होने वाली बर्फ़बारी से कोरोना संक्रमण की रोकथाम होती है. किन्तु सच ये है कि गर्मी की तरह सर्दी का भी कोरोना संक्रमण से कोई लेना-देना नहीं है. ठंडा मौसम या बर्फ़बारी न कोरोना बढ़ाता है न कम करता है, न ही ये कोरोना का इलाज है न ही उसको फैलने से रोकता है.
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