Air Pollution: Delhi-NCR में घर से निकलना कितना खतरनाक, स्टडी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

दिल्ली-एनसीआर में पिछले एक महीने के आंकड़े बताते हैं कि बाहर के मुकाबले घरों के अंदर हवा की गुणवत्ता काफी बेहतर रही है. इस नए अध्ययन में आउटडोर के मुकाबले इनडोर प्रदूषण आधे से कम स्तर पर पाया गया है.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 21, 2021, 04:05 PM IST
  • बाहर की अपेक्षा घर के भीतर की हवा ज्यादा बेहतर
  • राजधानी में खतरनाक स्तर का वायु प्रदूषण
Air Pollution: Delhi-NCR में घर से निकलना कितना खतरनाक, स्टडी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

नई दिल्ली: एक महीने के लंबे प्रयोग के बाद शुरुआती आंकड़ों से पता चला है कि नवंबर-दिसंबर के दौरान दिल्ली-एनसीआर में बाहर (आउटडोर) के मुकाबले घरों के अंदर (इनडोर) हवा की गुणवत्ता कहीं बेहतर रही है.

हाल ही में की गई स्टडी में पाया गया है कि दिल्ली-एनसीआर में इनडोर वायु प्रदूषण का स्तर बाहरी स्तर से लगभग आधा है.

अध्ययन से पता चला है कि विशेष रूप से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में एक प्राथमिक कारण को देखा जाए तो वायु प्रदूषण के स्तर में मौसम संबंधी कारक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

बाहर की अपेक्षा घर के भीतर की हवा ज्यादा बेहतर

दिल्ली-एनसीआर में पिछले एक महीने के आंकड़े बताते हैं कि बाहर के मुकाबले घरों के अंदर हवा की गुणवत्ता काफी बेहतर रही है. इस नए अध्ययन में आउटडोर के मुकाबले इनडोर प्रदूषण आधे से कम स्तर पर पाया गया है.
यह अध्ययन दिल्ली विश्वविद्यालय के राजधानी कॉलेज के प्रो. एस. के. ढाका, राजधानी कॉलेज से संबंध रखने वाले और अर्थ रूट फाउंडेशन से डॉ. विवेक पंवार, रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमेनिटी एंड नेचर (आरआईएचएच), क्योटो, जापान के प्रोफेसर एस. हयाशिदा और वाई मात्सुमी ने संयुक्त रूप से किया.

इस दौरान 15 नवंबर से 15 दिसंबर 2021 के बीच प्रदूषण के आंकड़े जुटाए गए. ये आंकड़े घरों के भीतर और बाहर से लिए गए.

दिल्ली के द्वारका में स्थापित दो सेंसर-आधारित वायु गुणवत्ता मॉनिटर और डेटा लॉगर ने इसका खुलासा किया है. इस अध्ययन के लिए दो सेंसर आधारित वायु गुणवत्ता मॉनिटर और डेटा लॉगर को एक इमारत की पहली मंजिल पर लगाया गया. 

इस दौरान सुबह और शाम के समय हवा की गुणवत्ता की जांच की गई. जांच में इनडोर प्रदूषण का स्तर काफी कम पाया गया. द्वारका स्थित सेक्टर 4 में इनडोर और आउटडोर के प्रदूषण स्तर को नापने के लिए पीएम 2.5 का स्तर मापा गया. सेंसर से मिले आंकड़ों के आधार पर अनुमान लगाया गया.

राजधानी में खतरनाक स्तर का वायु प्रदूषण

शोधकर्ताओं ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि सेंसर एक अर्ध-हवादार घर में लगाए गए थे, जिसमें कोई एयर प्यूरीफायर नहीं था.

महीने भर के अवलोकन से पता चला है कि दिल्ली-एनसीआर में अत्यधिक प्रदूषित अवधि के दौरान, अधिकांश दिनों में घर के अंदर की हवा बाहर की तुलना में अधिक सुरक्षित है. इनडोर पीएम 2.5 का स्तर दिन और रात में कम रहा और यह बाहरी स्तर की तुलना में लगभग आधा दर्ज किया गया.

महीने भर की जांच करने के बाद पता चला कि घरों मे अंदर बाहर के मुकाबले प्रदूषण स्तर काफी बेहतर है. अध्ययन में पता चला कि बाहरी क्षेत्रों में पीएम 2.5 का स्तर व्यस्त समय में 500 से 600 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक छू गया, जो खतरनाक श्रेणी में आता है. वहीं घरों के अंदर यह 10 से 60 प्रतिशत तक कम रहा. यह स्थिति रात और दिन दोनों ही समय देखने को मिली.

इस बारे में बात करते हुए प्रो. एस. के. ढाका ने कहा यह स्मार्ट सेंसर द्वारा देखे गए पीएम 2.5 की एक अनूठी विशेषता है. यह दर्शाता है कि वायु प्रदूषण के स्तर में मौसम संबंधी कारक कैसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

विज्ञप्ति में कहा गया है कि वायु प्रदूषण में चरम या निम्न तब देखा जाता है, जब हवा की गति, हवा की दिशा, तापमान या आद्र्रता जैसे मौसम संबंधी पैरामीटर अनुकूल या प्रतिकूल होते हैं.

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