कहीं डिप्रेशन तो नहीं पीरियड्स में आने वाली इस मुश्किल का कारण, हर महीने महिलाएं झेलती हैं दर्द

पीरियड्स एक नेचुरल प्रोसेस है. पीरियड्स के दौरान महिलाएं पेट में तेज दर्द से गुजरती हैं. नई रिसर्च में सामने आया है कि पीरियड्स के दौरान पेट में तेज दर्द का कारण डिप्रेशन भी हो सकता है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 27, 2024, 05:26 PM IST
  • पीरियड्स में पेट दर्द का सकता है ये कारण
  • पीरियड्स को लेकर रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा
कहीं डिप्रेशन तो नहीं पीरियड्स में आने वाली इस मुश्किल का कारण, हर महीने महिलाएं झेलती हैं दर्द

नई दिल्ली: पीरियड्स एक नेचुरल प्रोसेस होता है. लेकिन पीरियड्स के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के उतार-चढ़ाव होते हैं. पीरियड्स के दौरान महिलाएं पेट दर्द और ऐंठन से परेशान रहती हैं. वहीं एक लेटेस्ट स्टडी में बात सामने आई है कि डिप्रेशन की वजह से पीरियड्स में दर्द बढ़ने की संभावना अधिक होती है. 

डिप्रेशन से बढ़ सकता है पीरियड्स का दर्द
एक शोध से पता चला है कि डिप्रेशन से पीड़ित महिलाओं में पीरियड्स के दौरान दर्द (जिसे डिसमेनोरिया भी कहा जाता है) होने की संभावना अधिक होती है.
पिछले शोधों से पता चला है कि महिलाओं में पुरुषों की तुलना में डिप्रेशन से पीड़ित होने की संभावना दोगुनी होती है और अक्सर उन्हें अधिक गंभीर शारीरिक लक्षण अनुभव होते हैं.  जबकि मानसिक स्वास्थ्य और प्रजनन स्वास्थ्य के बीच संबंध पाए गए हैं, लेकिन इनके बीच संबंधों का अभी तक पता नहीं लगाया जा सका है. 

अध्ययन में हुआ खुलासा 
चीन और यूके के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन किया जिसमें उन्होंने जेनेटिक वेरिएशन (आनुवंशिक विविधता) का विश्लेषण किया. इस स्टडी में उन्होंने एक विशिष्ट जीन की पहचान की जो  कि मासिक धर्म के दर्द पर अवसाद के प्रभाव के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं. शीआन जियाओटोंग-लिवरपूल-यूनिवर्सिटी, चीन के डॉक्टरेट छात्र, प्रमुख लेखक शुहे लियू ने कहा, ''हमारे निष्कर्ष इस बात के सबूत देते है कि डिप्रेशन डिसमेनोरिया (मासिक धर्म के दौरान दर्द) का कारण हो सकता है, इसका परिणाम नहीं हो सकता. हालांकि उन्हें इस बात का सबूत नहीं मिला कि मासिक धर्म के दर्द से डिप्रेशन का खतरा बढ़ जाता है.  

नींद का भी पड़ता है असर 
जर्नल ब्रीफिंग इन बायोइनफॉर्मेटिक्स में प्रकाशित अध्ययन में टीम ने यूरोपीय आबादी से लगभग 600,000 मामलों और पूर्वी एशियाई आबादी से 8,000 मामलों का विश्लेषण किया और दोनों डेटासेट में एक मजबूत लिंक देख.  उन्होंने डिप्रेशन से पीड़ित लोगों में नींद की भूमिका की भी जांच की. परिणामों से पता चला कि नींद में गड़बड़ी बढ़ने से मासिक धर्म के दर्द में वृद्धि हो सकती है, इस प्रकार दोनों स्थितियों को जोड़ने के लिए नींद की समस्याओं पर ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया गया. 

इसके अलावा अध्ययन ने मानसिक स्वास्थ्य और प्रजनन संबंधी समस्याओं का इलाज करते समय एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता पर भी बात की है. 
लियू ने कहा कि मासिक धर्म (पीरियड) के दर्द जैसी स्थितियों का इलाज करते समय अक्सर मानसिक विकारों पर विचार नहीं किया जाता.  हमारे निष्कर्ष गंभीर मासिक धर्म दर्द से पीड़ित लोगों के लिए मानसिक स्वास्थ्य जांच के महत्व पर जोर देते हैं. 

इनपुट- एजेंसी, आईएएनएस 

 

(Disclaimer: यहां सभी जानकारी सामान्य सूचना देने के उद्देश्य से दी गई हैं. यह चिकित्सा सलाह नहीं है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें और किसी भी स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत या सेहत से जुड़ा कोई भी फैसला लेने के लिए डॉक्टर से परामर्श लें.)

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