Post-Matric scholarship Scheme में सरकार ने किए बड़े बदलाव, जानिए क्या होंगे लाभ?

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम में बड़े बदलावों को मंजूरी दी है. इस स्कीम से अगले पांच साल में अनुसूचित जाति के करीब 4 करोड़ से अधिक छात्रों को फायदा मिलेगा. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 23, 2020, 11:09 PM IST
  • स्कीम से अगले पांच साल में अनुसूचित जाति के करीब 4 करोड़ से अधिक छात्रों को फायदा मिलेगा.
  • स्कीम पर 59048 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसके तहत केंद्र सरकार 35,534 करोड़ रुपये (करीब 60 फीसदी) खर्च करेगी
  • योजना के तहत बच्चों को वित्तीय सहायता डीबीटी (डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर) मोड में बैंक खातों में दी जाएगी
Post-Matric scholarship Scheme में सरकार ने किए बड़े बदलाव, जानिए क्या होंगे लाभ?

नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने दलित वर्ग के छात्रों के हित में बुधवार को बड़ा फैसला किया. सरकार ने फैसला किया है कि अनुसूचित जाति (SC) वर्ग से आने वाले बच्चों की शिक्षा पर अब प्रतिवर्ष पांच गुना अधिक धनराशि खर्च की जाएगी.

PM Modi ने मंत्रिमंडल के फैसले पर कहा कि पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना (Scholership Policy) पर लिए गए कैबिनेट के फैसले से अनुसूचित जाति (SC) के युवाओं के लिए शैक्षिक पहुंच और सुगम होगी. उन्होंने कहा कि युवा वर्ग के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सस्ती शिक्षा उपलब्ध करना और इसे सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है. 

योजना से होगा इतने छात्रों का लाभ
जानकारी के मुताबिक, आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम में बड़े बदलावों को मंजूरी दी है. इस स्कीम से अगले पांच साल में अनुसूचित जाति के करीब 4 करोड़ से अधिक छात्रों को फायदा मिलेगा.

स्कीम पर 59048 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसके तहत केंद्र सरकार 35,534 करोड़ रुपये (करीब 60 फीसदी) खर्च करेगी और शेष रकम राज्य सरकारों की ओर से खर्च की जाएगी.

केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने बुधवार को यह जानकारी दी है. पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम से अनुसूचित जाति (SC) स्टूडेंट्स को पोस्ट मैट्रिक (11वीं से शुरू) अपनी पढ़ाई को जारी रखने के लिए वित्तीय सहायता मिलेगी.

योजना मे बरती जाएगी पूरी पारदर्शिता
छात्रवृत्ति योजना में और भी बड़े स्तर पर बदलाव किए गए हैं. सबसे बड़ा बदलाव योजना की पारदर्शिता को लेकर किया गया है. यह योजना एक Online प्लेटफॉर्म के जरिए चलाई जाएगी.

इसके अलावा बिना किसी देरी के समय पर छात्रों को मदद पहुंचाई जा सके, इसके लिए प्रतिबद्धता रखी जाएगी. ऑनलाइन पोर्टल पर योग्यता को प्रमाणित करना, कास्ट स्टेटस, आधार आइडेंटिफिकेशन और बैंक खाते की जानकारी अपलोड करना राज्यों की जिम्मेदारी होगी.

इस योजना के तहत बच्चों को वित्तीय सहायता डीबीटी (डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर) मोड में बैंक खातों में दी जाएगी और मुख्य रूप से आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम के प्रयोग के जरिए वित्तीय मदद दी जाएगी. अभी तक केंद्र यह राशि राज्यों और शैक्षणिक संस्थानों को देता था. जिसके जरिए यह छात्रों तक पहुंचती थी. इनमें अलग-अलग स्तरों पर भारी गड़बड़ी की शिकायतें मिलती रहती थीं. 

यह है योजना
दलित छात्रों को इस छात्रवृत्ति स्कीम के तहत दसवीं के बाद की पढ़ाई के लिए यानी 11वीं से उच्च शिक्षा तक ट्यूशन फीस, रखने और खाने के लिए मासिक भत्ता और शोध आदि के लिए टाइपराइटिंग भत्ता आदि दिया जाता है.

जानकारी के मुताबिक, SC छात्रों के शैक्षिक सशक्तिकरण के लिए वैसे तो यह छात्रवृत्ति स्कीम 1944 से यानी आजादी के पहले से ही चल रही है, लेकिन 2013-14 तक दसवीं के बाद पढ़ाई करने वाले दलित छात्रों की सकल नामांकन अनुपात सिर्फ 17 फीसद ही थी, जो 2018-19 में इसमें 23 फीसद तक की बढ़ोतरी हुई है. सरकार का लक्ष्य इसे 27 फीसद तक ले जाना है. 

यह भी पढ़िएः Education Minister बोले, जनवरी-फरवरी में नहीं होगी बोर्ड परीक्षा

देश और दुनिया की हर एक खबर अलग नजरिए के साथ और लाइव टीवी होगा आपकी मुट्ठी में. डाउनलोड करिए ज़ी हिंदुस्तान ऐप, जो आपको हर हलचल से खबरदार रखेगा... नीचे के लिंक्स पर क्लिक करके डाउनलोड करें-

Android Link - https://play.google.com/store/apps/details?id=com.zeenews.hindustan&hl=en_IN

iOS (Apple) Link - https://apps.apple.com/mm/app/zee-hindustan/id1527717234

ट्रेंडिंग न्यूज़