नई दिल्ली. जनरल एमएम नरवणे गंभीर व्यक्तित्व हैं. वे किसी भी बयान का अर्थ और महत्व बखूबी समझते हैं. उनके इस बयान के पीछे जितना भारत का आत्मविश्वास दर्शित होता है उतना ही इसमें चीन के लिए भी गंभीर संदेश है. आर्मी चीफ ने कहा है कि चीन ने विवादास्पद दक्षिण चीन सागर में बिना एक भी गोली चलाए इस क्षेत्र की भू-रणनीतिक स्थिति को परिवर्तित कर दिया है. उन्होंने कहा कि भारत भी अपनी सीमाओं पर लगातार अपनी क्षमता को विकसित कर रहा है.
''चीन का रणनीतिक सैन्य विस्तार दर्शनीय है''
यद्यपि आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे के बयान के केंद्र में चीन की सैन्य ताकत की आज की स्थिति थी किन्तु उसके आधार पर उन्होंने भारत की भावी स्थिति का रेखाचित्र भी खींच दिया. सेनाप्रमुख ने कहा कि कुछ दशकों से चीन ने कोई युद्ध नहीं लड़ा लेकिन उसने अपनेआपको दुनिया की एक सैन्य ताकत के रूप में स्थापित किया है. उन्होंने कहा कि चीन ने इस तरह का अपना दबदबा स्थापित किया है कि वह प्रमुख तकनीकी क्षेत्रों में अविवादित सैन्य ताकत है।
''सीमा पर 'तेजी के साथ जवाब' दिया जाएगा ''
चीन के रणनीतिक सैन्य विस्तार पर बयान देने के साथ ही इसमें जनरल नरवणे ने भारतीय सेना की सोच का मुजाहिरा भी कर दिया जो कि चीन के लिए अपरोक्ष संकेत है. उन्होंने चीन के बिना बम गोली के किये गए सैन्य विस्तार के साथ भारतीय सेना के विस्तार की योजना को भी जोड़ दिया. सेना प्रमुख ने कहा कि इसी तरह भारतीय सेना भी अपनी योजनाओं और क्षमता की फिर से समीक्षा कर रही है ताकि चीन और पाकिस्तान सीमा पर तेजी के साथ जवाब' दिया जा सके.
''चाणक्य-नीति हमारी मार्गदर्शक''
जनरल नरवणे ने कहा कि चीन की सुन त्जू की रणनीति को टक्कर देने के लिए भारत के पास महान रणनीतिकार चाणक्य का अर्थशास्त्र उपलब्ध है जो कि आज भी पहले की तरह ही प्रासंगिक है. अपने वक्तव्य को आगे बढ़ाते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि भारत अंतरिक्ष, साइबर युद्ध और इलेक्ट्रानिक युद्ध कौशल में अपनी क्षमता का विस्तार करने के साथ ही लेजर-हथियारों के विकास की दिशा में प्रयत्नशील है.
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