जानें क्या होता है टैन कार्ड, कहां होता है इसका प्रयोग, पैन से कैसे है अलग

क्या आप पैन कार्ड से मिलते जुलते टैन कार्ड (TAN Card) के बारे में जानते हैं? कई बार कुछ कामों के लिए टैन कार्ड की डिमांड की जाती है जिससे लोग पैन कार्ड और टैन कार्ड के बीच अंतर करने में कंफ्यूज हो जाते हैं. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 14, 2022, 10:09 AM IST
  • जानें क्या होता टैन कार्ड, कहां होता है इसका प्रयोग
  • जानें कैसे कर सकते हैं इसके लिए अप्लाई
जानें क्या होता है टैन कार्ड, कहां होता है इसका प्रयोग, पैन से कैसे है अलग

नई दिल्ली: पैन कार्ड आज के समय में सबसे अहम दस्तावेजों में से एक है. आयकर जमा करने, बैंक ट्रांजैक्शन और इस तरह के अन्य कार्यों के लिए हमारे पास पैन कार्ड का होना जरूरी है. इसके अलावा कई मौकों पर पैन कार्ड हमारे पहचान प्रमाण पत्र के तौर पर भी प्रयोग में आता है. लेकिन क्या आप पैन कार्ड से मिलते जुलते टैन कार्ड (TAN Card) के बारे में जानते हैं? कई बार कुछ कामों के लिए टैन कार्ड की डिमांड की जाती है जिससे लोग पैन कार्ड और टैन कार्ड के बीच अंतर करने में कंफ्यूज हो जाते हैं. 

क्या होता है टैन कार्ड

इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 203A के मुताबिक सभी टीडीएस स्टेटमेंट में आयकर विभाग ITD द्वारा दिए गए टैन नंबर (TAN No.) देना जरूरी है. टैन या टैक्स डिडक्शन एंड कलेक्शन अकाउंट नंबर एक 10 अंकों का अल्फा-न्यूमेरिक नंबर होता है. यह उन सभी लोगों के लिए जरूरी है जो टैक्स की कटौती या उसे जमा करते हैं.   

नए टैन नंबर की जानकारी देने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अपनी वेबसाइट www.incometaxindia.gov.in पर इसे सर्च करने की सुविधा दी है. जिससे नाम और पुराने टैन से नया टैन खोजा जा सके.टैन को भी पैन कार्ड की ही जगह आयकर विभाग द्वारा जारी किया जाता है. 

TDS के लिए जरूरी है टैन नंबर

गुड रिटर्न वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक आयकर विभाग के अधिनियम 1961 के अनुभाग 203 ए में यह बताया गया है कि सभी व्‍यक्ति जो टीडीएस का भुगतान कर रहे हैं, उन्‍हें टैन नंबर रखना अनिवार्य है. टैन नंबर आयकर विभाग के माध्‍यम से 10 अंकों की अल्‍फान्‍यूमेरिक नंबर दिया जाता है. अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो आयकर विभाग के द्वारा उन्‍हें 10,000 रुपए जुर्माना भरना पड़ेगा और साथ ही वे किसी भी बैंक के द्वारा टीडीएस का भुगतान नहीं कर पाएंगे. 

कैसे कर सकते हैं इसके लिए अप्लाई

टैन के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीकों से अप्लाई किया जा सकता है.  ऑफलाइन- टैन के लिए आवेदन फॉर्म 49B का डुप्लीकेट भर कर किसी भी टैन सुविधा सेंटर्स (TIN-FC) में जमा करना होता है. टैन-एफसी का पता NSDL-TIN की वेबसाइट https://www.tin-nsdl.com और www.incometaxindia.gov.in पर मिल जाएगा. ऑनलाइन- इसके लिए NSDL-TIN की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है. 

ऑनलाइन टैन आवेदन करने के लिए पहले व्‍यक्ति को एनएसडीएल की वेबसाइट https://tin.tin.nsdl.com/pantan/StatusTrack.html पर जाकर आवदेन संख्‍या 49B भरनी पड़ती है. आवेदन संख्‍या भरने से पहले एक विवरण सूची स्‍क्रीन पर दिखाई देगी जहां पर आपको कुछ जरुरी विकल्‍पों को भरना होगा. इन विकल्पो में आपको हस्ताक्षर, भुगतान का विवरण, 14 अंकों का आवेदन स्वीकृति नंबर, आवेदक का नाम, आवेदक की स्थिति, आपके कॉन्टैक्ट, जैसे की पता, ई-मेल और मोबाइल नंबर उपलब्ध कराने होंगे. 

टैन और पैन में अंतर

पैन का मतलब परमानेंट अकाउंट नंबर होता है जबकि टैन का मतलब है टैक्स डिडक्शन अकाउंट नंबर है. जिनका भी टैक्स कटता है या जमा होता उनके पास टैन नंबर होना जरूरी है. टीडीएस से जुड़े सभी दस्तावेज और आयकर विभाग से टीडीएस से जुड़े सभी पत्र व्यवहार के लिए टैन नंबर का उल्लेख करना जरूरी है. 

पैन का इस्तेमाल टैन नंबर की तरह नहीं किया जा सकता लेकिन टैक्स काटने वाले के पास टैन होना जरूरी है भले ही उसके पास पैन हो. हालांकि इनकम टैक्स की धारा 194-​IA के मुताबिक जमीन और भवनों की खरीद पर टैक्स काटनेवाले के पास टैन होना जरूरी नहीं है. इसके टीडीएस के लिए पैन का ही इस्तेमाल किया जा सकता है.

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